सुपौल में नए सिरे से होगा भीमशंकर मंदिर न्यास समिति का गठन, आठ साल के खातों की जांच
सुपौल में भीमशंकर मंदिर न्यास समिति का नए सिरे से गठन किया जाएगा। पिछले आठ वर्षों के लेखा-जोखा की जांच होगी। मंदिर के प्रबंधन और वित्तीय पारदर्शिता को ...और पढ़ें

बाबा भीमशंकर मंदिर न्यास समिति की बैठक। फोटो जागरण
संवाद सूत्र, राघोपुर (सुपौल)। बाबा भीमशंकर मंदिर न्यास समिति की बैठक रविवार को मंदिर परिसर के धर्मशाला में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता वीरपुर अनुमंडल पदाधिकारी सह मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नीरज कुमार ने की।
बैठक का आयोजन स्थानीय लोगों द्वारा कमेटी पर लगाए गए अनियमितताओं के गंभीर आरोपों के मद्देनजर किया गया था, क्योंकि मंदिर कमेटी की नियमित बैठकें नहीं हो रही थीं।
बैठक में राघोपुर अंचलाधिकारी सह उपाध्यक्ष रश्मि प्रिया, सचिव संजीव यादव, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी, सदस्य कमल प्रसाद यादव, महेंद्र प्रसाद गुप्ता, राजेश यादव, दीपक चौधरी, शिबू राम सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।
आठ वर्षों के लेखा-जोखा पर जांच
एसडीएम सह अध्यक्ष नीरज कुमार ने स्थानीय लोगों के आरोपों को गंभीरता से लिया और वर्ष 2017 में कमेटी के गठन से लेकर पिछले आठ वर्षों के लेखा-जोखा की बारीकी से जांच की। उन्होंने रजिस्टर, मंदिर धर्मशाला में बनी दुकानों की रसीद, अस्थाई दुकानों, गुदरी और मंदिर की जमीन से संबंधित सभी दस्तावेजों का गहन निरीक्षण किया।
जांच के दौरान, एसडीएम ने रसीद छपाई, लेखन और रसीद डायरी मेंटेनेंस में व्यापक स्तर पर अनियमितता पाए जाने पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कमेटी को कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए कई निर्देश दिए, जिसमें विवाह भवन, धर्मशाला दुकान और अस्थाई दुकानों के लिए अलग-अलग रसीदें छपवाना और काटना शामिल है।
इसके अलावा, कमेटी का खाता ग्रामीण बैंक से हटाकर किसी नेशनल बैंक में खुलवाने, सीसीटीवी को ऑनलाइन कराने और रजिस्टर तथा कार्यालय का मेंटेनेंस सुचारू रूप से करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण प्रस्ताव
आयोजित बैठक में विवादों को शांत करने और व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति बनी। आम सभा के माध्यम से नए सिरे से कमेटी का गठन किया जाएगा। मंदिर के विकास के लिए वार्षिक बजट बनाना अनिवार्य होगा। 10,000 रुपये से ऊपर का कोई भी खर्च चेक के माध्यम से किया जाएगा।
मंदिर परिसर के हाट, मकान भाड़ा वसूली, मुंडन, अष्टयाम आदि के लिए अलग-अलग रसीद बनाई जाएगी। वर्तमान कमेटी का आय-व्यय वर्ष 2025 तक का वर्षवार कराया जाएगा। भंडार कक्ष की चाबी अब सचिव और कोषाध्यक्ष के पास संयुक्त रूप से रहेगी।
एसडीएम ने कहा कि काफी समय से बैठक न होने के कारण विवाद बढ़ गया था, जिसे आज की बैठक में सुलझा लिया गया है। उन्होंने जल्द ही नए सिरे से कमेटी का गठन करने की बात कही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।