Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राष्ट्रीय कवि संगम सुपौल इकाई ने दी प्रो. धीर को श्रद्धांजलि

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 08 May 2022 11:22 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, सुपौल : शहर के नौ आना कचहरी रोड स्थित माहेश्वरी क्लासेस में रविवार को दिवंगत वरिष्ठ ...और पढ़ें

    Hero Image
    राष्ट्रीय कवि संगम सुपौल इकाई ने दी प्रो. धीर को श्रद्धांजलि

    जागरण संवाददाता, सुपौल : शहर के नौ आना कचहरी रोड स्थित माहेश्वरी क्लासेस में रविवार को दिवंगत वरिष्ठ साहित्यकार, संगीतज्ञ, गीतकार बीएसएस कालेज के पूर्व प्राध्यापक प्रो. धीरेंद्र नारायण झा धीर की स्मृति में राष्ट्रीय कवि संगम सुपौल इकाई द्वारा एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि उनका देहांत 27 को अप्रैल को पटना के एक निजी अस्पताल में हो गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रीय कवि संगम सुपौल इकाई के सदस्यों द्वारा धीर बाबू के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। मौके पर उपस्थित कवियों व लोगों द्वारा दो मिनट का मौन रख पुण्य आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की गई।

    मौके पर राष्ट्रीय कवि संगम सुपौल के जिलाध्यक्ष नलिन जायसवाल ने कहा कि धीर बाबू असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। संगीत व कविता के क्षेत्र में उनका योगदान अतुल्य रहा। पिछ्ले साल 16 अगस्त को उन्हें राष्ट्रीय कवि संगम सुपौल इकाई द्वारा अटल काव्यरत्न से सम्मानित किया गया। 77 वर्ष की आयु में वे हम सबको टुअर बना कर चले जाएंगे कभी सोचा भी नहीं था।

    मार्गदर्शक अरविद ठाकुर ने कहा कि धीर हमें अधीर कर गए। एक समय था जब धीर बाबू जब आकाशवाणी पर आते थे तो लोग रेडियो से चिपक जाते थे। अब समय है धीर बाबू की अप्रकाशित रचनाओं को युवा साहित्यकार संग्रहीत करें और उसे प्रकाशित करें।

    राष्ट्रीय कवि संगम बिहार के प्रांत मीडिया प्रमुख सह सुपौल राष्ट्रीय कवि संगम के महासचिव रवि भूषण ने कहा कि धीर बाबू का जाना राष्ट्रीय कवि संगम व उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। जब राष्ट्रीय कवि संगम को लेकर वे सुपौल आए थे तो वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया, हालांकि वे उस समय भी बीमार थे मगर मुझ नवांकूर को स्नेह आशीष देने कार्यक्रम में आए। कहा कि धीर बाबू उनके पिता के भी गुरु थे, पिताजी बताते थे जब धीर बाबू का कार्यक्रम होता था तो सब कोई सुनने के लिए सब काम छोड़कर चले जाते थे। उनके द्वारा गाया हुआ समदाउन आज भी लोगों में लोकप्रिय है जिसे सुनकर लोग अपनी अश्रुधारा रोक नहीं पाते थे।

    समय समय पर विभिन्न कार्यक्रम में वो नए कलमकारों को अपना स्नेह आशीष व मार्गदर्शन देते रहते थे।

    श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में प्रमुख रूप से मार्गदर्शक अरविद ठाकुर, जिलाध्यक्ष नलिन जायसवाल, जिला उपाध्यक्ष विमलानंद झा, जिला महासचिव रवि भूषण, संगठन मंत्री बिदु श्रीवास्तव, अशोक सम्राट, मोहन प्रशांत, डा. पूनम भारती, सावित्री देवी आदि उपस्थित थे।