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    सेवानिवृत्ति के साथ ही मिलेगा पेंशन का लाभ, मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 16 May 2019 12:06 AM (IST)

    -शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव आरके महाजन ने पत्र जारी कर दिए दिशा-निर्देश -कर्मियों को पेंशन का लाभ

    सेवानिवृत्ति के साथ ही मिलेगा पेंशन का लाभ, मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश

    -शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव आरके महाजन ने पत्र जारी कर दिए दिशा-निर्देश

    -कर्मियों को पेंशन का लाभ पाने के लिए अब नहीं करनी पड़ेगी बाबुओं की चिरौरी

    -सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन और सेवांत का लाभ देने में तेजी दिखाने को लेकर सख्त हुए सचिव

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    जागरण संवाददाता, सुपौल: वैसे सरकारी कर्मी जो सेवानिवृत्त होने वाले हैं या फिर सेवानिवृत्त हो चुके हैं उन्हें पेंशन और सेवांत लाभ नहीं मिला है उनके लिए खुशखबरी है। ऐसे कर्मियों को पेंशन और सेवाओं का लाभ पाने के लिए अब बाबुओं की चिरौरी व कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा। उन्हें अब सेवानिवृति के तुरंत बाद ही एक निश्चित अवधि के भीतर यह लाभ मिल जाएगा। इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन काफी गंभीर बने हुए हैं। इसको लेकर उन्होंने क्षेत्रीय उप निदेशक से लेकर सभी डीईओ, डीपीओ, बीईओ को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को पेंशन और सेवांत का लाभ देने में तेजी दिखाने को कहा है। जारी पत्र में सचिव ने बिहार सरकार के वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि सेवानिवृत्त होने वाले मामले के निष्पादन को लेकर पेंशन नियमावली अंतर्गत नियम 43 ग के बाद नया खंड घ जोड़ा गया गया है। जिसके मुताबिक यदि किसी सेवानिवृत्त सरकारी सेवक के विरुद्ध विभागीय या न्यायिक कार्यवाही चल रही है तो उन्हें सेवानिवृत्ति पश्चात उनके पेंशन और सेवांत से उन्हें वंचित नहीं रखा जा सकता है। बल्कि ऐसे कर्मियों को औपबंधिक पेंशन के तौर पर कम से कम 90 प्रतिशत पेंशन स्वीकृत कर दिया जाएगा। साथ ही यदि कोई सेवानिवृत्त कर्मी पेंशन प्रपत्र जमा नहीं भी किए हैं तो उन्हें भी औपबंधिक पेंशन का लाभ दिया जाएगा। जारी पत्र में कहा है कि अगर सेवानिवृत कर्मियों के सेवांत लाभ भुगतान पर न्यायालय या सक्षम प्राधिकार का अन्यथा आदेश नहीं है तो तत्काल 90 प्रतिशत औपबंधिक पेंशन, ग्रुप जीवन बीमा एवं सामान्य भविष्य निधि का भुगतान कर मामला निष्पादन किया जाए। सेवानिवृत कर्मी से कागजात के लिए कर्मी के आवासीय पता पर पत्राचार किया जाए। अगर वहां से कोई जवाब नहीं मिले तो विशेष दूत भेजा जाय तथा समाचार पत्र में इस आशय का विज्ञापन भी प्रकाशित कराया जाय कि अगर विलंब हुआ तो इसकी जवाबदेही सेवानिवृत कर्मी की होगी। सेवापुस्तिका कार्यालय में जमा नहीं रहने पर सेवा पुस्तिका के संधारक पर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा कर्मी की अगर मृत्यु हो गई है तो मृत कर्मी के घर जाकर कागजात प्राप्त किया जाए तथा पेंशन अदालत का आयोजन सतत रूप से हो। उन्होंने कहा है कि 31 दिसम्बर 2018 तक सेवानिवृत कर्मियों के लंबित मामलों का निष्पादन एक पक्ष के भीतर किया जाए। पत्र में आगे कहा है कि सेवानिवृत होने वाले सरकारी सेवक भी कम से कम छह माह पूर्व ही सभी आवेदन समर्पित कर दें ताकि सेवानिवृति उपरांत ही उन्हें तुरंत यह लाभ मिल सके।

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