एके-47 संग तीन वर्ष पूर्व गुठनी से हुई थी त्रिभुवन की गिरफ्तारी
सिवान। 2016 में गुठनी थाना क्षेत्र के खरखरिया गांव से गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने छापेमारी कर कुख्यात त्रिभुवन तिवारी एवं उसके चार सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। एसआइटी को इनके पास से एक एके 47 एवं एक पिस्टल भी मिली थी। एसआइटी ने मौके से मिले एके 47 की 13 एवं पिस्टल की सात गोलियों के साथ बाइक एवं नकदी को जब्त कर लिया। गिरफ्तारी के पहले अपराधियों की ओर से पुलिस पार्टी पर गोलियां भी चलाई गई थीं। मामले में तत्कालीन एसपी सौरव कुमार शाह ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया था कि जीरादेई थाना क्षेत्र के तितरा टोला गंधुछापर गांव निवासी इनामी बदमाश त्रिभुवन तिवारी को जिले की पुलिस काफी दिन से तलाश कर रही थी।
सिवान। 2016 में गुठनी थाना क्षेत्र के खरखरिया गांव से गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने छापेमारी कर कुख्यात त्रिभुवन तिवारी एवं उसके चार सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। एसआइटी को इनके पास से एक एके 47 एवं एक पिस्टल भी मिली थी। एसआइटी ने मौके से मिले एके 47 की 13 एवं पिस्टल की सात गोलियों के साथ बाइक एवं नकदी को जब्त कर लिया। गिरफ्तारी के पहले अपराधियों की ओर से पुलिस पार्टी पर गोलियां भी चलाई गई थीं। मामले में तत्कालीन एसपी सौरव कुमार शाह ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया था कि जीरादेई थाना क्षेत्र के तितरा टोला गंधुछापर गांव निवासी इनामी बदमाश त्रिभुवन तिवारी को जिले की पुलिस काफी दिन से तलाश कर रही थी। बता दें कि जिला पुलिस की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने त्रिभुवन तिवारी पर 50 हजार के इनाम की घोषणा की थी।
इन अपराधियों की तीन साल पहले त्रिभुवन तिवारी संग हुई थी गिरफ्तारी
पुलिस टीम ने त्रिभुवन तिवारी, उसके सहयोगी मैरवा थाने के पंडितपुर गांव निवासी लक्की तिवारी, परछुआ गांव निवासी जितेश तिवारी, हरपुर गांव निवासी राजेश पाठक, हरपुर के ही रामाशंकर पाठक को एके 47 व आटोमैटिक पिस्टल संग गिरफ्तार किया था। इनके पास से एके 47, एक पिस्टल, एके 47 की 13 गोली एवं तीन खोखा, पिस्टल की छह गोली तथा एक खोखा, काले रंग की एक पल्सर बाइक, पांच मोबाइल एवं 16 हजार नकद रुपये बरामद हुए थे।
सारण, मोतिहारी व देवरिया के विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज
बता दें कि त्रिभवुन के विरुद्ध सिवान, गोपालगंज, मोतिहारी तथा यूपी के देवरिया जिले में एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। 13 साल पूर्व एक मामले में छापेमारी करने गई मैरवा पुलिस पर त्रिभुवन तिवारी ने फायरिग की थी। इसी तरह 28 जनवरी 2007 को मैरवा रोड में एक पेट्रोल पंप से रंगदारी वसूलने के दौरान वह चर्चा में आया था।
ठेकेदार शंकर चौधरी की हत्या की थी :
रंगदारी नहीं देने पर उसने उपप्रमुख ओम प्रकाश जायसवाल को धमकी दी थी। 22 नवंबर 2008 को त्रिभुवन ने ठेकेदार शंकर चौधरी को लेनदेन के विवाद में एके 47 से छलनी कर दिया था। इसमें उनकी मौत हो गई थी। उस पर जिले में रंगदारी वसूलने के कई मामले दर्ज हैं।
जमानत पर बाहर आने के बाद घर पर लोगों से होता था मिलना जुलना
बता दें कि जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद त्रिभुवन तिवारी का जीरादेई छोड़कर शायद ही कभी बाहर आना जाना होता था। अगर कहीं जाना भी हुआ तो इसकी जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रखी जाती थी। वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार जमानत पर बाहर आने के बाद त्रिभुवन तिवारी ने अपराध की दुनिया से नाता तोड़ दिया था। ऐसे में एक बार फिर से अपराधियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
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