Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेवा का ऐसा जज्बा आपने देखा है, कभी मंत्री रहे मोहन बाबू अब बन गए गांव के मुखिया

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Thu, 20 Jul 2017 10:55 PM (IST)

    बिहार के सिवान में एक नेता हैं मोहन बाबू। जनता की सेवा के लिए पहले मंत्री बनें और अब पद का मोह त्याग कर मुखिया बने हुए हैं।

    सेवा का ऐसा जज्बा आपने देखा है, कभी मंत्री रहे मोहन बाबू अब बन गए गांव के मुखिया

    सिवान [राजेश पटेल]। अजीत बाबू उर्फ मोहन बाबू को चाहे तो मंत्री जी कहें या मुखिया जी, एक बात तो माननी पड़ेगी कि उनका जीवन दर्शन सीधा है, लेकिन राह चले उलटी। 1980 में एमएलए चुने गए। पांच साल विधायक रहे। 1990 में दोबारा विधायक बने और लालू प्रसाद की सरकार में पांच साल श्रम मंत्री रहे। अब मुखिया हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     

    मंत्री बनने के बाद मुखिया का चुनाव लड़ना गांव में वैसे ही माना जाता है, जैसे राष्ट्रपति बनने के बाद सांसद बनना, लेकिन मोहन बाबू को इससे फर्क नहीं पड़ता। गांव के लोगों की सेवा करने का मौका पाकर वे इसी पद से खुश हैं। एक बार मंत्री बनने के बाद गांव-देहात के नेता जीवन भर ‘मंत्री जी’ का संबोधन इन्ज्वॉय करते हैं।

    अजीत बाबू को लोग प्यार से मोहन बाबू कहते हैं और मुखिया जी कह दीजिए तो बेहद खुश होते हैं।

     

    दिल में बैंक खाता खोला है

    80 साल के हैं पूर्व मंत्री अजीत कुमार सिंह। बैंक खाते का बैलेंस न्यूनतम रहता है। एक बेटी थी। उसका ब्याह कर दिया। भाई-भतीजों के साथ रहते हैं। कहते हैं, क्षेत्र के लोगों के दिलों में खाता खोल रखा है। ऑडिट कराइए तो पता चलेगा कि मैं कितना अमीर हूं।

     

    लोगों की सेवा से मिला पुण्य जीवनभर की कमाई है। पद छोटा हो गया, तो यह प्यार वाली आय बढ़ गई। 2001 से बिहार के सिवान जिले की गोरेयाकोठी पंचायत के मुखिया हैं। लगातार जीत रहे हैं। हां, कभी वोट मांगने नहीं जाते।

     

    कंधा पकड़कर निकल पड़ते हैं

    रोज सुबह जो मिल गया, उसका कंधा पकड़कर गांव में निकल पड़ते हैं। समस्याएं सुनते हैं। समाधान सुझाते हैं। घर पर भी मोहन बाबू की बैठकी चलती है। गांव और आसपास के लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं। छोटे-बड़े विवाद होते हैं। वह सुलझाने की कोशिश करते हैं। डांटते-फटकारते हैं। लोग बुरा नहीं मानते।

     

    यह भी पढ़ें: अजब-गजब: तो बिहार में अब भूत को अरेस्ट करेगी पुलिस!

     

    उनकी कोशिश होती है कि बेवजह लोग थाना-पुलिस के चक्कर में न पड़ें। एक ऐसी सरकार में मंत्री रहे, जो बाद में भ्रष्टाचार के लिए बदनाम हुई, लेकिन मोहन बाबू की ईमानदारी के चर्चे गांव-गांव में हैं। गांव में सड़क की जरूरत हुई तो अपनी जमीन दे दी। अजीत बाबू कहते हैं कि मुझे वह गाना बहुत पसंद है, गरीबों की सुनो, वह तुम्हारी सुनेगा।

     

    यह भी पढ़ें: अजब-गजब: बिहार में अंगूठा लगाकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रहे भूत