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    Govt Scheme: सिवान में जल्द स्थापित होगा तिलहन प्रोसेसिंग प्लांट, FPO को मिलेगी 9.90 लाख तक की सब्सिडी

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 03:42 PM (IST)

    सिवान में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार तिलहन उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। तिलहन उत्पादक संगठनों को तेल निष्कर्षण इकाई स्थापित करने के लिए 9.90 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा। किसानों को एफपीओ के माध्यम से बीज और तकनीकी जानकारी मिलेगी साथ ही उचित मूल्य पर उनकी फसल खरीदी जाएगी। जिला स्तर पर योजना के कार्यान्वयन के लिए समिति का गठन किया गया है।

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    सिवान में जल्द ही स्थापित होगा तिलहन प्रोसेसिंग प्लांट

    जागरण संवाददाता, सिवान। सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर कई प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को मोटे अनाज के साथ-साथ तिलहन उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय खाद्य तेल (तिलहन कृषोन्नति योजना) का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

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    तिलहन उत्पादक संगठनों (FPO) और सहकारी समितियों को तेल निष्कर्षण इकाइयों की स्थापना के लिए 9.90 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इसके तहत जिले में नया तिलहन प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित होंगे।

    इस योजना के सफल कार्यान्वयन व सुगमता पूर्वक संचालन को लेकर जिला स्तर पर समिति का गठन भी कर लिया गया है। जिला कृषि विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस समिति में जिलाधिकारी को अध्यक्ष, जिला कृषि पदाधिकारी को सचिव तथा जिला सहकारिता पदाधिकारी, लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी, जिला उद्यान विभाग के सहायक निदेशक, कृषि विज्ञान केंद्र भगवानपुर हाट के कार्यक्रम समन्वयक, आत्मा के परियोजना निदेशक, अग्रणी बैंक प्रबंधक एवं कृषि उत्पाद संघ यानी एफपीओ को सदस्य बनाया गया है।

    वहीं दूसरी ओर जिला स्तरीय कार्य समिति में डीएम को अध्यक्ष तथा जिला कृषि पदाधिकारी, जिला कोषागार पदाधिकारी, आत्मा पीडी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।

    जिला कृषि विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार योजना के तहत एफपीओ के माध्यम से किसानों के तिलहन फसल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रखंडवार कृषकों का चयन किया जाएगा, जो लगभग 500 हेक्टेयर के लिए अनिवार्य होगा।

    इसमें एफपीओ चयनित कृषकों का समूह बनाकर क्षेत्र में तेहलन फसल की प्रचलित प्रभेद का बीज किसानों को उपलब्ध कराएंगे। साथ ही जो भी किसान एफपीओ द्वारा चिह्नित किए गए हैं, उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से फसलो की तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी जाएगी।

    एफपीओ का दायित्व होगा कि जो भी उत्पादन होगा, उसकाे उनके द्वारा उचित मूल्य पर लिया जाएगा तथा एफपीओ विपणन का कार्य किया जाएगा।

    जिला कृषि पदाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि यह पहल फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है, जिससे किसानों के लिए तेल निष्कर्षण इकाइयों को स्थापित करने में सहायता मिलेगी।

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