कौन हैं एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी? भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच बने वायु सेना के नए वाइस चीफ
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी भारतीय वायु सेना के नए वाइस चीफ बने। वे सिवान जिले के गुठनी प्रखंड के श्रीकलपुर गांव के मूल निवासी हैं। 37 वर्षों से अधिक के करियर में उन्हें विभिन्न लड़ाकू जेट विमानों को उड़ाने का 3600 घंटे से अधिक का अनुभव है। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक अति विशिष्ट सेवा पदक और वायु सेना पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

जागरण संवाददाता, सिवान। जिले की प्रतिभाओं और व्यक्तित्व ने समय-समय पर अपनी उपलब्धियों से सिवान को गौरव की अनुभूति कराई है। इसी कड़ी में अगला नाम एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी का जुड़ा है। उन्हें भारतीय वायुसेना का नया वाइस चीफ नियुक्त किया गया है।
पहलगाम हमले के बाद बेहद अहम है ये नियुक्ति
इस समय जब पहलगाम में शर्मनाक आतंकी करतूत के बाद भारत और पाकिस्तान जंग के मुहाने पर खड़े हैं, ऐसे में यह नियुक्ति विशेष मायने रखती है। पहलगाम हमले के बाद बने तनाव के बीच भारतीय सेना में बड़े बदलाव हुए हैं। एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी भारतीय वायुसेना (IAF) के नए वाइस चीफ होंगे।
एयर मार्शल सुजीत पुष्पाकर धारकर लेंगे जगह
वे 1 मई को एयर मार्शल सुजीत पुष्पाकर धारकर की जगह लेंगे। धारकर 30 अप्रैल को 40 साल से ज्यादा की सर्विस के बाद रिटायर्ड हो रहे हैं। एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी सिवान जिले के गुठनी प्रखंड के श्रीकलपुर गांव के मूल निवासी हैं। अपने लाल की गौरवशाली उपलब्धि पर पूरा सीवान जिला हर्षित है।
मालूम हो कि नर्मदेश्वर तिवारी ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी , पुणे से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। वे राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय, नई दिल्ली के पूर्व छात्र हैं और राष्ट्रपति स्वर्ण पदक विजेता के रूप में उत्तीर्ण हुए हैं।
नर्मदेश्वर तिवारी को भारतीय वायु सेना में लड़ाकू पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था। 37 वर्षों से अधिक के करियर में, उन्हें विभिन्न लड़ाकू जेट विमानों को उड़ाने का 3,600 घंटे से अधिक का अनुभव है।
वह एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक और प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं। उन्हें मुख्य रूप से मिराज 2000 पर व्यापक हथियार परीक्षण का अनुभव है। उन्होंने नंबर 1 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में कार्य किया और एचएएल तेजस की परीक्षण उड़ान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
ग्रुप कैप्टन के रूप में, उन्होंने एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टेब्लिशमेंट (एएसटीई) में मुख्य परीक्षण पायलट के रूप में कार्य किया और एचएएल तेजस सहित भारतीय वायु सेना के विभिन्न विमानों के उड़ान परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
एयर कमोडोर के रूप में , उन्होंने फ्रांस में भारतीय दूतावास में एयर अताशे के रूप में कार्य किया और बाद में दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में जोधपुर सेक्टर में 32 विंग के एयर ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्य किया ।
एयर वाइस मार्शल के रूप में , उन्होंने बैंगलोर में राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र, वैमानिकी विकास एजेंसी में परियोजना निदेशक के रूप में कार्य किया । बाद में, उन्होंने सहायक वायु सेना प्रमुख (परियोजनाएं) और सहायक वायु सेना प्रमुख (योजनाएं) के रूप में कार्य किया, भारतीय वायु सेना के लिए अधिग्रहण और योजनाओं का नेतृत्व किया।
अक्टूबर 2021 में एयर मार्शल के पद पर पदोन्नति के बाद , उन्होंने 30 अप्रैल 2023 तक वायु सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्य किया।
उन्होंने 1 मई 2023 को एयर मार्शल विक्रम सिंह से दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार संभाला ।
अपने करियर के दौरान, नर्मदेश्वर तिवारी को उनकी सेवा के लिए 2025 में परम विशिष्ट सेवा पदक , 2022 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2008 में वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया है।
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी गुठनी प्रखंड के श्रीकलपुर गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम चंद्रमौली प्रसाद है। सिवान के वरीय अधिवक्ता इष्ट देव तिवारी उनके चचेरे भाई हैं।
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