सरयू नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी, किसानों के खेतों में घुसा पानी
सिवान जिले में सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे किसान चिंतित हैं। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। दरौली में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। बाढ़ विभाग निगरानी कर रहा है। ग्रामीणों को फसल नुकसान का डर है और वे आपदा राहत की उम्मीद कर रहे हैं।

संवाद सूत्र, गुठनी (सिवान)। जिले के दक्षिणी छोर में बहने वाली सरयू नदी के जलस्तर में फिर से लगातार वृद्धि जारी है। इससे किसान चिंतित हाेने लगे हैं। वहीं, निचले इलाके में बाढ़ का पानी घुसने लगा है।
बाढ़ विभाग से मिली सूचना के अनुसार शुक्रवार की दोपहर दरौली में सरयू नदी का जलस्तर 61.21 मीटर दर्ज किया गया, जबकि यहां खतरे का निशान 60.82 मीटर निर्धारित किया गया है अर्थात यहां नदी का जल स्तर खतरे के निशान से करीब 0.39 मीटर ऊपर बह रही है।
वहीं, दूसरी ओर सिसवन में नदी का जलस्तर 57.00 मीटर दर्ज किया गया जबकि यहां खतरे का निशान 57.04 मीटर पर निर्धारित किया गया है। यहां नदी का जल स्तर खतरे के निशान से करीब .04 मीटर नीचे हैं।
जलस्तर में हो रही वृद्धि
बाढ़ विभाग के पदाधिकारियों की माने तो अभी वर्तमान में लगातार सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रहा है। इसके बाद बाढ़ विभाग के पदाधिकारी पूरी तरह निगरानी कर रहे हैं।
बाढ़ विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि सोहागरा से सिसवन तक सरयू नदी और गंडक नदी के किनारे बने बांधों का निरीक्षण किया जा रहा है। वहीं, दूसरे तरफ दरौली और सिसवन में जल जलस्तर मापने के लिए गेज लगाया गया है, जहां तैनात पदाधिकारी हमेशा बाढ़ की रिपोर्ट बताते रहते हैं।
वहीं, सरयू नदी व गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सैकड़ों गांव के निचले इलाकों के खेतों में बाढ़ का पानी घुस जाता है।
इसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी चिंता है। प्रखंड के सोहागरा, सोनहुला, पुरैना, धर्मपुर, गुठनी, श्रीकलपुर, योगियाडीह, हनुमानगंज और तीर बलुआ समेत दर्जनों गांवों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी खेतों में पानी घुस गया है।
वहीं, गुठनी प्रखंड के तीर बलुआ, गयासपुर, मैरिटार और पाण्डेयपार, गांव में भी सरयू नदी के पानी बढ़ने से खेतों में पानी घुस गया है। इसके साथ ही दरौली, आंदर, रघुनाथपुर और सिसवन प्रखंड के सैकड़ों गांव के निचले इलाकों में पानी घुसना शुरू हो गया है।
ग्रामीणों में भय का माहौल
इसको लेकर ग्रामीणों में भय का माहौल है। वहीं, दोनों नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण कई गांव में धान की फसल भी डूब गई है, लेकिन अन्य खरीफ फसलों जैसे अरहर, मक्का, मड़ुवा, ज्वार बाजरे जैसे तमाम फसलों का काफी नुकसान होने की संभावना है।
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ विभाग या सरकार द्वारा किसी तरह का कोई आपदा राहत या क्षतिपूर्ति का कोई योजना का लाभ नहीं दिया गया है, ताकि हम लोगों को उसका लाभ मिल सके। वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी भी विषय पर उदासीन बने हुए हैं।
बाढ़ विभाग के एसडीओ अमजद अली ने बताया कि सरयू नदी में पानी लगातार बढ़ रहा है। इससे बांधों पर दबाव बढ़ने की संभावना है। हम लोग भी बांधों की निगरानी में लगे हुए हैं। जहां जैसी स्थिति होगी कार्य किया जाएगा।
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