जीवन के हर क्षेत्र में है धन की आवश्यकता
धन एक ऐसी वस्तु या मुद्रा का नाम है, जिसके बिना जीवन में कुछ भी संभव नहीं है । इससे पूरी सृ
धन एक ऐसी वस्तु या मुद्रा का नाम है, जिसके बिना जीवन में कुछ भी संभव नहीं है । इससे पूरी सृष्टि प्रभावित है। एक पंक्ति में कहना हो तो मै कहना चाहूंगा- धन अगर ईश्वर नहीं, तो ईश्वर से कम भी नहीं ।Þ जो धन की महत्व को नकारने का नाटक करते हैं, वे सभी लोग सरकार के एक फैसले से विचलित हो गए हैं ।अगर जीवन में धन का महत्व नहीं है तो सरकार के फैसले विचलित क्यों। मै कहना चाहूंगा कि धन जीवन की सबसे आधारभूत आवश्यकता है, जिसके बिना कोई भी अपने दैनिक जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता। हम धन के महत्व की तुलना कभी भी प्यार और देखभाल के महत्व से नहीं कर सकते हैं। जब किसी को धन की आवश्यकता होती है तो उसे प्यार से पूरा नहीं किया जा सकता और यदि किसी को प्यार की आवश्यकता होती है तो उसे धन से पूरा नहीं किया जा सकता। दोनों की ही स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक हैं, लेकिन, दोनों का जीवन में अलग-अलग महत्व है। हमें दोनों की ही तत्काल आवश्यकता है, इसलिए हम दोनों को समान पैमाने पर नहीं माप सकते हैं। हमें धन की सब जगह आवश्यकता होती है, जैसे- खाना खाने के लिए, पानी या दूध पीने के लिए, टीवी देखने के लिए, अखबार खरीदने के लिए, कपड़े पहनने के लिए, स्कूल में प्रवेश लेने के लिए, शिक्षा प्राप्त करने के लिए, आदि अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए। धन के बिना कोई भी स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन की कल्पना नहीं कर सकता है। हमें अपनी छोटी से छोटी आवश्यकता को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता होती है। आधुनिक समय में जब सभ्यता का विकास तेजी से हो रहा है और पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण कर रहा है, ऐसे समय में हमें वस्तुओं के बढ़ते हुए मूल्य के कारण अधिक धन की आवश्यकता है। पहले समय में, एक प्रथा प्रचलन में थी जिसे विनिमय प्रणाली कहा जाता था, जिसमें किसी को भी एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु प्राप्त हो जाती थी। हालांकि, अब इस आधुनिक संसार में प्रत्येक वस्तु या चीज को खरीदने के लिए केवल धन की आवश्यकता होती है। धन का महत्व दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है, क्योंकि हमारा रहन-सहन बहुत महंगा हो गया है। धन के महत्व में उत्पादन, उपभोग, विनिमय, वितरण, सार्वजनिक राजस्व आदि के क्षेत्र में बड़े स्तर पर वृद्धि हुई है। यह आय, रोजगार, आगम-निगम, सामान्य मूल्य स्तर आदि के निर्धारण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि वर्तमान समय के परि²श्य को देखा जाए तो इस बात में कोई संदेह नहीं है कि जिसके पास धन की अधिकता है, वही संसार में अधिक सभ्य माना जाता है। अत: जीवन के हरेक पहलू में धन ने अपने महत्व को प्रदर्शित कर दिया है। इस तरह के प्रतियोगी समाज और संसार में, हममें से कोई भी बिना धन के जीवित नहीं रह सकता। हमें अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए धन की आवश्यकता होती है, जैसे- भोजन खरीदना, और जीवन की अन्य आधारभूत आवश्यकताएं, जिन्हें बिना धन के खरीदना बिल्कुल असंभव है। जो धनी हैं, उन्हें समाज में आदरणीय और सम्मानित व्यक्ति माना जाता है। धन समाज में व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि करता है और उसकी एक अच्छी छवि का निर्माण करता है। हम सभी व्यापार, अच्छी नौकरी, अच्छे व्यवसाय आदि के माध्यम से अधिक से अधिक धन कमाकर धनी होना चाहते हैं। ताकि, हम आधुनिक समय की बढ़ती हुई सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। यद्यपि, बहुत कम लोगों को अपने करोड़पति बनने के सपने को पूरा करने का अवसर मिलता है। इसलिए, धन पूरे जीवन में महत्व को रखने वाली वस्तु है। धन की आवश्यकता सभी को होती है, चाहे वह गरीब हो या अमीर और शहरी क्षेत्र का हो या फिर ग्रामीण क्षेत्र का। शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों से अधिक धन कमाते हैं, क्योंकि शहरी इलाकों के लोगों की तकनीकी तक पहुच बहुत आसान होती है और उनके पास अधिक स्त्रोत होते हैं, जो उनकी धन कमाने की क्षमता को बढ़ाते हैं। इस कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोग विकास के क्षेत्र में पिछड़ जाते हैं और शहरी क्षेत्र अधिक विकसित हो जाते हैं । जीवन मेँ कुछ चीजेँ ऐसी हैं, जिन्हे धन से नही खरीदा जा सकता। बाकी सारी चीजें पाने के लिए हमें धन की आवश्यकता होती है। कुछ साल पहले हमारे देश में खाद्य-विनमय व्यवस्था थी, जहां पर हम अपनी जरुरतो की वस्तुओ या सामान को खरीदने के लिए कोई दूसरी वस्तुओं के माध्यम से भुगतान करते थे। उदाहरण के तौर पर कोई किसान अपने अनाज के बदले नाई या किसी मजदूर की सेवा लेता था। इसी तरह हमारे माता- पिता और पूर्वज अनाज के बदले दुकान से सामान खरीदा करते थे। आज जमाना बदल गया है और शायद काफी बेहतर हो गया है। आज एक व्यक्ति समाज मे अपनी आर्थिक हैसियत से जाना जाता है। आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां पैसे का महत्व काफी बढ़ गया है। यह आधुनिकीकरण और भूमंडलीकरण का परिणाम है। हम सब इस बदलाब से ज्यादा देर तक अछूते नहीं रह सकते हैं। अपनी आंखे बंद कर लेने से अंधेरा नहीं हो जाता। हम अपने आप को दीन-दुनिया से अलग नहीं रख सकते। पैसा सुख तो नहीं, पर सुख का साधन है।
-कविता ¨सह, प्राचार्या
होलीफेथ हाईस्कूल, सिवान
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जीवन की आवश्यकताओं के लिए धन आवश्यक
धन! यह एक ऐसा विषय है कि इसके संबंध में पक्ष हो या विपक्ष, जितना भी लिखा जाए या सोचा जाए, शब्द कम पड़ जाएंगे। मेरी दृष्टि में धन हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है। धन हमारे लिए लगभग सब कुछ है। समाज में उच्च पद को बनाए रखने के लिए, यह बहुत ही आवश्यक है। यह केवल धन ही है, जो हमारे जीवन की सभी शुरुआती आवश्यकताओं, आराम और जरूरतों को पूरा कर सकता है। यदि किसी के पास धन है तो वह अपने जीवन में अपनी सभी इच्छाओं को पूरा कर सकता है, जो उसके व्यक्तित्व के विकास, आत्मविश्वास में सुधार, विश्वसनीय, योग्यता में वृद्धि, क्षमता में वृद्धि और साहस में बहुत बड़े स्तर पर वृद्धि करने में मदद करता है।
बिना धन के हम इस संसार में नि:सहाय और अकेला महसूस करते हैं, जहां कोई भी हमारी मदद और सहायता व सुझाव देने के लिए नहीं होता। -
दीपक श्रीवास्तव
शिक्षक
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धन के लिए गलत आचरण नहीं होना चाहिए
जीवन की आवश्यकताओं के लिए धन की आवश्यकता है, लेकिन आजकल, गलत ढंग से धन कमाने के लिए बुरे लोग, भ्रष्टाचार, रिश्वत, गैर-कानूनी कार्य का सहारा लेते हैं, जो मानवता के सभी नैतिक मूल्यों और आदर्शों के खिलाफ है। क्योंकि उन्हें लगता है कि धन कमाने के ये सबसे आसान और सरल रास्ते यही
हैं। हालांकि, यह सत्य नहीं है। इन तरीकों से कोई भी व्यक्ति कम समय और प्रयासों में धन प्राप्त कर सकता हैं, लेकिन बहुत अधिक समय तक नहीं। निश्चित ही वो एक दिन आने वाले समय में नष्ट हो जाएगा। क्योंकि वो एक गलत और कमजोर रास्ते पर चल रहा था।
-अवध किशोर, शिक्षक
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सही तरीके से कमाया गया धन फलदायक होता है
व्यक्ति जो मानवता के सभी नियमों का पालन करके धन कमाते हैं, वे कम धन कमाते हैं परंतु, वह धन बहुत अधिक समय तक प्रयोग में आता है और वे समाज के उच्च सम्मानित व्यक्ति बनते हैं। भ्रष्टाचार करने वाले लोग अपना धन दूसरे देशों में सामान्य जनता से छिपाने के लिए काले धन के रूप में छिपाते हैं और इस धन को वे बुरे कार्यों या अपने भौतिक आराम को बढ़ाने में लगाते हैं। यद्यपि, समाज के आम लोग गलत तरीकों से धन कमाने वाले लोगों का बहुत अधिक सम्मान करते हैं क्योंकि, वे उन लोगों से डरते हैं। इसके साथ ही उन्हें थोड़ा सा लालच भी होता है कि यदि वे उन लोगों की चापलूसी करेंगे तो उन्हें भी कुछ धन प्राप्त हो जाएगा। ऐसे लोग आमतौर पर, भाई, भाऊ, दादा या डॉन कहे जाते हैं। ईमानदारी से धन कमाने वालों के प्रति जो सम्मान होता है, वह इनके प्रति नहीं होता। डर व सम्मान में जमीन आसमान का अंतर है।
--अजय ¨सह, शिक्षिका
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धन का सदुपयोग होना चाहिए
धन की आवश्यकता जीवन के हर क्षेत्र में है। हम बच्चे हैं, अभी इसकी आवश्यकता कम है, लेकिन भविष्य में जरूरत पड़ेगी। हमारे विद्यालय में हमें यह सिखाया जा रहा है कि धन की आवश्यकता को देखते हुए इसे संयमित ढंग से खर्च करना चाहिए । धन का सदुपयोग करना चाहिए, इसके दुरुपयोग से बचना चाहिए ।
वर्षा कुमारी, छात्रा
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धन कमाने व खर्च करने में संयम होने की आवश्यकता
जब से हम होश संभाले हैं, तब से ही सुन रहे हैं कि धन जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। पहले तो कुछ समझ में नहीं आता था, लेकिन अब इसकी महत्व समझ में आने लगा है । हमें धन के मामले में संयमी होना चाहिए, वह कमाने का तरीका हो या खर्च करने का तरीका ।
श्वेता कुमारी, छात्रा
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धन के लिए मारामारी ठीक नहीं
धन जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन धन के लिए मारामारी नहीं होनी चाहिए ।धन कमाने व खर्च करने का तरीका संस्कारमय होना चाहिए । हमें विद्यालय में यह बताया जाता है कि धन का सदुपयोग कैसे किया जाए ।
शमा परवीन, छात्रा
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