प्रदूषण फेल वाहनों का अलग-अलग श्रेणी के अनुसार कटेगा चालान, परिवहन विभाग ने तय की राशि
केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली के तहत, वाहनों के लिए अद्यतन प्रदूषण प्रमाण पत्र अनिवार्य है। अब परिवहन विभाग ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर श्रेणी के अनुसार अलग-अलग जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। पहले सभी वाहनों के लिए 10,000 रुपये का एक समान जुर्माना था, लेकिन अब दोपहिया, तिपहिया, हल्के, मध्यम और भारी वाहनों के लिए पहली और दूसरी बार के अपराध हेतु अलग-अलग राशि निर्धारित की गई है।
जागरण संवाददाता, सिवान। केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली के अनुसार, वाहनों का अद्यतन प्रदूषण प्रमाण पत्र रखना अनिवार्य है। वहीं, विभाग ने जिले की सड़कों पर प्रदूषण फैला रहे वाहनों का चालान अब गाड़ियों की अलग-अलग श्रेणी के अनुसार वसूली करने का निर्णय लिया है। परिवहन विभाग के सचिव ने इस संबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी को पत्र के माध्यम से निर्देश जारी किया है।
बता दें कि पहले सभी तरह के वाहनों के लिए प्रदूषण का चालान 10 हजार रुपये निर्धारित था, लेकिन अब दोपहिया, तिपहिया, हल्के, मध्यम और भारी मोटर वाहनों के लिए अलग-अलग जुर्माना राशि निर्धारित की गई है।
जिला परिवहन विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, विभाग द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य वाहन मालिकों को प्रदूषण प्रमाण पत्र अद्यतन कराने के लिए पर्याप्त समय देना है। इससे वाहन स्वामियों को प्रमाण पत्र अद्यतन कराने में सहूलियत होगी।
पहले व दूसरे अपराध के लिए निर्धारित की गई है जुर्माने की राशि:
जारी किए गए निर्देश के अनुसार, दोपहिया वाहन के लिए प्रथम अपराध पर एक हजार रुपये तथा दूसरी बार के लिए डेढ़ हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।
वहीं, तीन पहिया वाहन के लिए प्रथम अपराध पर डेढ़ हजार रुपये तथा दूसरी बार में दो हजार रुपये, हल्के मोटरयानों से प्रथम अपराध के लिए दो हजार व दूसरी आर में तीन हजार रुपये जर्माना वसूला जाएगा।
इसके अलावा, मध्यम मोटरयान के पहली बार अपराध के लिए तीन हजार व दूसरी बार में चार हजार रुपये, भारी मोटरयान के लिए प्रथम अपराध पर पांच हजार व दूसरी बार में 10 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।
वहीं, अन्य सभी तरह के वाहनों के लिए पहली बार डेढ़ हजार व दूसरी बार में दो हजार रुपये जुर्माने की राशि निर्धारित की गई है।
प्रथम चालान की तिथि से सात दिन के बाद ही दूसरे चालान की होगी कार्रवाई:
परिवहन विभाग द्वारा लिए गए नए निर्णय से प्रदूषण प्रमाण पत्र की समय सीमा समाप्त होने की स्थिति में प्रथम चालान की तिथि से सात दिन के बाद ही दूसरे चालान की कार्रवाई भी होगी। इस बीच चालान नहीं काटा जा सकेगा।
गौरतलब हो कि वर्तमान में वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र अद्यतन नहीं रहने पर एक बार चालान कट जाने के बाद तुरंत दाेबारा चालान कटने की भी संभावना बनी रहती है।
ऐसे में वाहन चालकों को दोहरी कार्रवाई से बचाव हो सकेगा। प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी रवि रंजन ने कहा कि वाहन स्वामी व वाहन चालक ससमय अपने वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र अद्यतन करा लें, ताकि उन्हें जुर्माना नहीं भरना पड़े।
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