पैसेंजर ट्रेनों की यात्रा अब पहले से ज्यादा मुश्किल, सुविधाएं खस्ताहाल और सुरक्षा की भी कमी
पैसेंजर ट्रेनों में यात्रा करना अब मुश्किल हो गया है। यात्रियों को खराब सुविधाएं जैसे गंदे शौचालय और टूटी सीटें मिलती हैं। सुरक्षा व्यवस्था भी कमजोर है, जिससे चोरी जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं। इन समस्याओं के कारण यात्रियों को यात्रा में परेशानी हो रही है।

पैसेंजर ट्रेनों की यात्रा अब पहले से ज्यादा मुश्किल। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, सिवान। रेलवे यात्रियों की सुविधाओं को लेकर विशेष जोर दे रहा है। देश के विभिन्न जंक्शन और स्टेशनों को नया रूप दिए जा रहा है लेकिन यात्रियों के सफर को कैसे आरमदायक बनाना जाए इस पर अधिकारियों का ध्यान अभी भी नहीं जा रहा है।
हालात यह है कि सुपर फास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों के अलावा अधिकारी पैसेंजर ट्रेन के परिचालन और उसमें मिलने वाली यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान हो नहीं दे रहे हैं। इस कारण पैसेंजर ट्रेनों को यात्रा अब यात्रियों के लिए पहले से ज्यादा मुश्किल ही गई है।
यही कारण है कि सुपर फास्ट ट्रेनों में नजदीक की यात्रा करने वाले यात्रियों को भीड़ बढ़ जाती है। जल्दी पहुंचने के लिए यात्री मजबूरी में पैसेंजर ट्रेन को छोड़कर इन ट्रेनों में यात्रा करने के लिए सवार होते हैं।
भीड़ अधिक होने के कारण सुपर फास्ट या एक्सप्रेस में यात्रा करने वाले यात्री अपने आप को असहज महसूस करते हैं। वहीं दूसरी और पैसेंजर ट्रेनों की खस्ताहाल स्थिति भी लोगों की मात्रा को कष्टप्रद बना देती है।
स्थिति यह है कि इन ट्रेनों को सुपरफास्ट, एक्सेस, मेल ट्रेन के आगे पंगु बना दिया गया है। एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों के आगे पैसेंजर ट्रेनों का महत्व शून्य हो गया है। इस ट्रेन को घंटों एक ही स्टेशन पर रोककर रखना आम बात हो गई है।
ट्रेनों में शौचालय स्थिति खराब
पैसेंजर ट्रेनों के शौचालय या तो बंद रहते हैं या उपयोग के लायक नहीं होते है। शौचालय की स्थिति काफी खराब है। नल से पानी आए यह किसी सपने से कम नहीं है। ऐसी स्थिति में महिला यात्रियों को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सुरक्षा की कमी
बता दें कि पैसेंजर ट्रेनों में सुरक्षा की कमी है। पैसेंजर ट्रेनों में सुरक्षा एक चिंता का बड़ा विषय है। जिसे यात्रियों को लूटपाट और डकैती का खतरा रहता है। कुछ ट्रेनों में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जिससे यात्रियों को यात्रा की योजना बनाने और ट्रेन की स्थिति जानने में कठिनाई होती है।

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