Nag Panchami 2025: दूर हो जाएंगे जीवन के सब दुख-दर्द, नाग पंचमी पर जरूर करें ये काम
नाग पंचमी का त्योहार शिव और सिद्ध योग में मनाया जाएगा। इस दिन नाग देवता के आठ स्वरूपों की पूजा का विशेष महत्व है। घरों की साफ-सफाई की जाती है और नाग देवता को दूध व लाई चढ़ाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। गरीब को खीर खिलाना पुण्यदायक है।

जागरण संवाददाता, सिवान। शिव और सिद्ध योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग में मंगलवार को नाग पंचमी (Nag Panchami 2025) का पर्व मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि हिंदू धर्म में सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है।
इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन के समस्त दुख-दर्द दूर होते हैं तथा नाग देवता परिवार की रक्षा करते हैं। इस दिन नाग देवता के आठ स्वरूप वासुकि, ऐरावत, मणिभद्र, कालिया, धनंजय, तक्षक, कर्कोटकस्य और धृतराष्ट्र की पूजा का विशेष महत्व होता है।
बता दें कि नाग पंचमी के दिन शहरी समेत ग्रामीण इलाकों के घरों की साफ-सफाई की जाती की जाती है। वहीं, पूरे घर को गाय की गोबर से घेरा लगाया जाता है। इसके बाद दूध लाव का प्रसाद नाग देवता को चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक खेल भी किए जाते हैं।
नाग पंचमी पर ये करें:
सर्प दूध, चावल, दूर्वा और फूल से नागों की पूजा करें। नाग चित्र पर हल्दी-कुमकुम अर्पित करें। देवता से भय निवारण, सुख-शांति और किसी भी सर्प को मारना या उन्हें नुकसान पहुंचाना अशुभ माना जाता है।
आचार्य ने बताया कि नाग पंचमी के दिन किसी नाग मंदिर जाकर सुख-समृद्धि की कामना के साथ पूजा अवश्य करनी चाहिए। इससे जीवन के संकटों से रक्षा होती है तथा यदि कुंडली में कालसर्प दोष हो, तो उससे भी मुक्ति मिलती है।
यदि आसपास नाग मंदिर उपलब्ध न हो तो शिव मंदिर में जाकर षोडशोपचार विधि से पूजा करें और नाग देवता को दूध व धान का लावा अर्पित करें। साथ ही, किसी गरीब व्यक्ति को खीर का प्रसाद खिलाना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है।
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