जब भरे मंच पर लालू यादव से छीन लिया गया था माइक, अब भी जारी है आचार संहिता उल्लंघन मामले की सुनवाई
एक समय लालू यादव अपनी भाषण कला के लिए प्रसिद्ध थे, लेकिन एक चुनावी रैली में आचार संहिता उल्लंघन के कारण उनसे माइक छीन लिया गया। चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद यह कार्रवाई हुई। मामला अभी भी अदालत में है, और लालू यादव इसे राजनीतिक साजिश बताते हैं। इस घटना के बाद भी, मामले की सुनवाई जारी है।

लालू यादव की सभा
संवाद सूत्र, दारौंदा (सिवान)। राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू है। राजनीतिक दलों के लिए कई मर्यादाएं तय कर दी गई हैं। शासन ने भी प्रचार के पोस्टर-बैनर हटा दिए हैं। चौक-चौराहों पर चुनाव व आचार संहिता उल्लंघन के चर्चित मामले सुने सुनाए जा रहे हैं।
इन्हीं में एक दारौंदा विधानसभा के 2011 में हुए उपचुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़ा प्रकरण है। उस वर्ष नौ अक्टूबर को पांडेयपुर स्थित सिन्हा खेल मैदान में तत्कालीन रेल मंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इसी क्रम में शाम के पांच बज गए और चुनाव प्रचार की समय सीमा खत्म हो गई।
लालू प्रसाद के हाथों से माइक छीन लिया
मौके पर रहे तत्कालीन सीओ शंकर चौधरी और तत्कालीन थानाध्यक्ष अमरकांत झा सीधे मंच पर चढ़ गए। भीड़ की नजरों के सामने उन्होंने लालू प्रसाद के हाथों से माइक छीन लिया। यह अप्रत्याशित था, जैसे ही उनके हाथों से माइक छीना गया, पूरे मैदान में सन्नाटा पसर गया। समर्थकों के बीच खलबली मच गई।
समर्थकों की हुंकार के बीच मंच पर तू-तू मैं-मैं होने लगा, लेकिन बड़ी संख्या में पुलिस बल की उपस्थिति में दोनों अधिकारी अपने कदम से पीछे हटाने को तैयार नहीं हुए। अधिकारियों ने मंच से ही कहा था कि आचार संहिता से बड़ा कोई नहीं। इसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई, यह मामला उस समय राष्ट्रीय सुर्खियों में आया था।
विधायक जगमातो देवी के निधन के बाद हुआ था उप चुनाव
तत्कालीन जदयू विधायक जगमातो देवी के निधन के बाद दारौंदा विधानसभा के उपचुनाव के लिए 13 अक्टूबर 2011 को मतदान हुआ था। उप चुनाव में जदयू ने जगमातो की बहू कविता सिंह को टिकट दिया था, राजद ने परमेश्वर सिंह को मैदान में उतारा था। कांटे का संघर्ष था। दोनों ही दल के शीर्ष नेता एड़ी चोटी का जोर लगाए थे।
बिहार की सत्ता छिन जाने से लालू यादव के लिए इस उपचुनाव में जीत ज्यादा महत्वपूर्ण थी। उनसे मंच पर माइक छीनने की घटना से राजनीति गरमा गई थी। राजद खेमे ने इसे प्रशासनिक दबाव बताया, जबकि प्रतिद्वंद्वी दलों ने इसे कानून का राज करार दिया।
दारौंदा की जनता के लिए यह उप चुनाव केवल हार-जीत का प्रश्न नहीं, बल्कि अनुशासन बनाम नियम के उल्लंघन की टक्कर बनकर सामने आया। अंतत: जीत अनुशासन की पक्षधरता वालों की हुई, कविता पहली बार विधायक चुन ली गईं।
समय सीमा समाप्त होने बाद भी लालू प्रसाद कर रहे थे सभा को संबोधित
दारौंदा विस उप चुनाव 2011 में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध आचार संहिता उल्लंघन मामले की प्राथमिकी में सुनवाई अब भी जारी है। तारीख पर तारीख पड़ती रही, परंतु लालू कोर्ट में लगातार अनुपस्थित रहे।
अदालत ने उनके विरुद्ध दो बार गैर जमानती वारंट का आदेश जारी किया और इसे पुलिस कप्तान के माध्यम से पालित कराने का आदेश भी दिया।
इसी मामले में आदेश का अनुपालन नहीं होने पर तत्कालीन थाना प्रभारी को कारण बताओ नोटिस भी दी गई, किंतु किसी भी आदेश का पालन नहीं किया गया। सुनवाई की निश्चित तिथि तथा मामले में निर्देश का अनुपालन नहीं होने पर बाध्य होकर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सिवान सह विशेष अदालत एमपी, एमएलए अरविंद कुमार सिंह ने लालू प्रसाद यादव पर कुर्की की प्रक्रिया जारी करने और संबंधित प्राधिकारी द्वारा आदेश पालित किए जाने का भी आदेश पारित कर दिया।
इस आदेश का भी अब तक पालन नहीं हुआ है। इस मामले में लालू के साथ अभियुक्त बनाए गए तत्कालीन प्रत्याशी परमेश्वर सिंह का निधन हो चुका है।
मामले में लालू प्रसाद यादव की ओर से बहस करने वाले अधिवक्ता कामेश्वर तिवारी ने बताया कि आरोप गठन की बिंदु पर सुनवाई होनी है, किंतु पूजा अवकाश के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। पूजा अवकाश के बाद आरोप गठन की बिंदु पर सुनवाई होगी, तत्पश्चात सभी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।
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