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    Bihar Teacher News: ईपीएफ खाते में जमा नहीं हुई कई महीने की अंशदान राशि, नियोजित शिक्षक परेशान

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 03:30 PM (IST)

    सिवान के नियोजित शिक्षकों के वेतन से ईपीएफ की राशि कटने के बाद भी उनके खातों में जमा नहीं हो रही है। शिक्षा विभाग और ईपीएफओ की लापरवाही से शिक्षक परेश ...और पढ़ें

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    संवाद सूत्र, मैरवा (सिवान)। नियोजित शिक्षकों के वेतन से कर्मचारी भविष्य निधि की कई महीने की अंशदान राशि वेतन से कटौती होने के बावजूद उनके ईपीएफ खाते में जमा नहीं की गई है। इस मामले में शिक्षा विभाग और ईपीएफओ के अधिकारियों व कर्मियों की उदासीनता सामने आ रही है। इसको लेकर शिक्षक परेशान हैं। वे बीईओ कार्यालय से लेकर डीपीओ कार्यालय तक का चक्कर काट रहे हैं।

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    इसको लेकर सबसे ज्यादा वैसे नियोजित शिक्षक हैं, जिन्होंने सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है और अब वे विशिष्ट शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे ईपीएफ से बाहर हो गए हैं और राज्य कर्मियों की भांति एनपीएस से आच्छादित किए गए हैं।

    सक्षमता प्रथम परीक्षा उत्तीर्ण कर विशिष्ट शिक्षक के रूप में जनवरी में योगदान करने वाले शिक्षकों का दिसंबर 2024 तक उनके वेतन से ईपीएफ अंशदान की राशि कटौती की गई।

    वहीं, सक्षमता द्वितीय परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले नियोजित शिक्षकों ने मार्च में योगदान किया और फरवरी तक उनके वेतन से ईपीएफ की अंशदान राशि की कटौती हुई। इनमें अधिकांश शिक्षकों ने अपने ईपीएफ खाते से अंशदान राशि की निकासी भी कर ली है, लेकिन वेतन से कटौती हुई लेकिन कई महीने की अंशदान की राशि उनके ईपीएफ खाते में नहीं दिख रहे हैं।

    कुछ शिक्षकों का 10 महीने का तो कुछ शिक्षकों का दो से ढाई वर्ष तक की कटौती हुई अंशदान की राशि उनके ईपीएफ खाते में जमा नहीं हुई हैं।

    बता दें कि एक सितंबर 2020 से प्रभावित पंचायती राज निकाय एवं नगर निकाय संस्थान अंतर्गत कार्यरत प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को इपीएफ स्कीम से आच्छादित कर मासिक परिलब्धि 15000 रुपये प्रति माह वेतन राशि पर 12 प्रतिशत अर्थात 1800 रुपये नियोजित शिक्षक से अंशदान और राज्य सरकार का 13 प्रतिशत (12 1) अर्थात 1950 रुपये अंशदान राशि उनके ईपीएफ खाते में जमा करने का प्रावधान है।

    प्रति माह इपीएफ अंशदान की राशि की कटौती होती है। बताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 और 2025-26 में कटौती की राशि अधिकांश शिक्षकों के ईपीएफ खाते में जमा नहीं हुई है।