किसानों के लिए महंगी हुई मक्का की खेती, इस किस्म से ठगा महसूस कर रहे किसान
सिवान के किसान बेबी कॉर्न की खेती से परेशान हैं। उन्हें फसल बेचने में दिक्कत हो रही है क्योंकि खरीदार नहीं मिल रहे। किसानों ने सलाहकार से सलाह लेकर खेती तो कर ली पर अब उन्हें नुकसान का डर है। वे कृषि विभाग से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, भगवानपुर हाट (सिवान)। प्रखंड के बेबी कॉर्न की खेती करने वाले किसान इसकी बिक्री को लेकर चिंतित हैं। उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। फसल के खरीदार नहीं मिलने से वे निराश हैं। इसलिए वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
इसके लिए वे किसान सलाहकारों व कृषि समन्वयकों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। शंकरपुर के किसान परशुराम प्रसाद ने बताया कि किसान सलाहकार की सलाह व अधिक मुनाफा बताकर उन्होंने करीब 11 कट्ठा जमीन में 10 हजार रुपये की लागत से बेबी कॉर्न की खेती की है। फसल तैयार है। इसमें बालियां भी आ गई हैं, लेकिन पारंपरिक मकई की बाली की तरह इसमें दाने नहीं दिख रहे हैं।
उन्होंने बताया कि किसान सलाहकार व अन्य विभागीय अधिकारी बता रहे हैं कि बेबी कॉर्न में दाने नहीं हैं। इसकी बाली का ही उपयोग किया जाता है और कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इस फसल के खरीदार नहीं मिल रहे हैं।
इसी तरह ढोढ़पुर के पैक्स अध्यक्ष बबन तिवारी, जुआफर के जयंत कुमार समेत अन्य किसानों ने बताया कि इस नई फसल के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। यही हाल इसकी खेती करने वाले अन्य किसानों का भी है। इस मामले में कृषि समन्वयक विनोद रंजन ने बताया कि किसान तरह-तरह के सवाल पूछकर हमें परेशान कर रहे हैं। इससे क्षेत्र में काम करना मुश्किल हो गया है।
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