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    अनंत चतुर्दशी 2025: पूजा-अर्चना के बाद महिलाएं और पुरुष जरूर करें ये काम, सभी कष्ट हो जाएंगे दूर

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 03:37 PM (IST)

    अनंत चतुर्दशी की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस साल सुकर्मा और रवि योग का विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन रक्षा सूत्र बांधने से बिगड़े काम बनते हैं और बाधाएं दूर होती हैं। मंदिरों में अनंत व्रत कथा का आयोजन किया जाता है।

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    अनंत चतुर्दशी पर मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की आस्थापूर्वक पूजा-अर्चना से पुण्यफल की होगी प्राप्ति

    जागरण संवाददाता, सिवान। हर साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाया जाता है। इस साल शनिवार को अनंत चतुर्दशी मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। पांचांग के अनुसार, इस साल अनंत चर्तुदशी पर सुकर्मा और रवि योग विशेष संयोग बन रहा है। यह योग धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्रों के संयोग के साथ बनता है। जो इस दिन को और भी अधिक पवित्र बनाता है।

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    अनंत चतुर्दशी पर आस्था के साथ पूजा अर्चना से जातकों को पुण्यफल की प्राप्ति होती है। दारौंदा के बगौरा निवासी आचार्य जितेंद्र पांडेय ने बताया कि इस विशेष दिन पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इसके बाद ही गणेश उत्सव का समापन हो जाता है और गणपति का विसर्जन किया जाता है।

    अनंत चतुर्दशी के दिन विष्णु जी की पूजा-उपासना के बाद उन्हें रक्षा सूत्र बांधा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों के सभी बिगड़ते काम बनने लगते हैं और शुभ कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

    बताया कि लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए अनंत चतुर्दशी का व्रत रखना काफी सुखकारी होता है। सुख-शांति के लिए भी अनंत चतुर्दशी व्रत बेहद लाभकारी है, जबकि इस क्रम में श्रीविष्णु सहस्त्रत्त्नाम श्रोत का पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

    जनआस्था के अनुकूल अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है और इस दिन श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस उपलक्ष्य में शहर के अधिकांश मंदिरों में श्रद्धा व भक्ति भाव से अनंत व्रत कथा का भी आयोजन किया जाता है। इसमें पारंपरिक परिधान में महिलाओं के साथ पुरुष व बच्चें भी शामिल होते हैं।

    आचार्य ने बताया कि यह भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना, भगवान गणेश का विसर्जन और सुख-समृद्धि व मोक्ष की प्राप्ति के लिए एक धार्मिक पर्व है। अनंत कथा के पश्चात इस दिन 14 गांठों वाला अनंत सूत्र बांधा जाता है। यानी पुरुषों को दाएं हाथ और महिलाओं को बाएं हाथ में अनंत रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा है। जो भगवान श्री विष्णु का प्रतीक है और सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है। इसे शुद्ध और सात्विक मन के साथ रक्षा सूत्र बांधे। अगले 15 दिनों तक शुद्ध और सात्विक जीवन यापन करें, यह काफी पुण्यदायी होगा।

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