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    सिवान में102 वर्षों बाद पहली बार राजकीय मेला के रूप में मन रहा मेला, अंतिम रूप देने में लगे अनुमंडल प्रशासन

    अधिकारियों द्वारा उंजाय रूकुन्दीपुर सिहौता में अखाड़े धारीयों के साथ बैठक कर चुके हैं। वहीं मौनिया बाबा मेला स्थल पर मौनिया बाबा की समाधि स्थल को रंग रोगन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 22 अगस्त को मौनिया बाबा की समाधि स्थल पर विधिवत पूजा अर्चना के बाद मेला का उद्घाटन होगा। उसके बाद बारी बारी से सभी नियंत्रण कक्ष का उद्घाटन होगा।

    By Raghvendra Kumar Nirbahy (Mahrajganj) Edited By: Radha Krishna Updated: Wed, 20 Aug 2025 12:45 PM (IST)
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    102 वर्षों बाद पहली बार राजकीय मेला के रूप में मन रहा मेला

    संवाद सूत्र, महाराजगंज (सिवान)। उतर बिहार का प्रसिद्ध मौनिया बाबा मेला इस वर्ष 102 वर्ष हो गया। 102 वर्ष बाद पहली बार मेला राजकीय मेला के रूप में मनाया जा रहा है। इसको लेकर लगातार अनुमंडल प्रशासन तैयारी कर रहा है। एसडीओ अनीता सिन्हा, एसडीओ अमन मेला को शानदार बनाने के लिए कमर कस चूके हैं। एसडीओ एसडीपीओ ने आखाडेधारीयो के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दे रहे हैं।

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    अधिकारियों द्वारा उंजाय, रूकुन्दीपुर, सिहौता में अखाड़े धारीयों के साथ बैठक कर चुके हैं। वहीं मौनिया बाबा मेला स्थल पर मौनिया बाबा की समाधि स्थल को रंग रोगन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 22 अगस्त को मौनिया बाबा की समाधि स्थल पर विधिवत पूजा अर्चना के बाद मेला का उद्घाटन होगा। उसके बाद बारी बारी से सभी नियंत्रण कक्ष का उद्घाटन होगा। 22 की रात्री में जुलूस में शहर में जगह-जगह झांकी निकलेगी। उसके बाद रात्री 12 बजे के बाद शहर के अखाड़े शहर में परिक्रमा करती है। फिर 23 अगस्त को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के आखडो का प्रदर्शन किया जायेगा।

    मेला का इतिहास

    1923 में महान संत मौनिया बाबा ने भादो माह के चतुर्थ दशी को उक्त स्थल पर एक मिट्टी से बने पिंड पर पूजा अर्चना शुरू कर वहां छोटे मोटे मेला का आयोजन करवाया।तब से प्रतिवर्ष यह मेला भादो माह के चतुर्थ दशी को लगता है। इस मेला में महाराजगंज दरौदा प्रखंड के 27 अखाड़े पहुंचते हैं। मेला को शांति पूर्वक कराने के लिए जिला से लेकर अनुमंडल प्रशासन के अधिकारी पुलिस पदाधिकारी पूरे मुस्तैदी के साथ खड़ा रहते हैं।

    मेला में शहर के नागाजी का बड़ा आखडा, प्रधान आखाड़ा सिहौता, मोहन बाजार का आखडा, पकवा इनार का आखडा, इंदौली, कपिया, नवलपुर, पसनौली रामा पाली, घनछुंहा, सवान विग्रह, पकवलीया, रमासापुर, बेला गोविन्दापुर, उजांय, रुकुन्दीपुर, वैदापुर विशुनपुरा, बंगरा, करसौत, तेवथा, झझंवा से आखडे मौनिया बाबा स्थान पर पहुंचते है।

    मेला को ले इस बार पांच जगहों पर मेला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। जिसमें मौनिया बाबा स्थान, राजेन्द्र चौंक, बाटा मोड़, फुलेना शहीद स्मारक, नखास चौक पर बनाया गया है। इन सभी नियंत्रण कक्ष में मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस बल, समिति के सदस्य गण, स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद रहती है। मेला को ले नगर पंचायत, बिजली विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पीएचडी, पथ निर्माण विभाग सक्रिय हैं।

    राजकीय मेला को ले सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

    पहली बार राजकीय मेला को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। कला संस्कृति विभाग द्वारा इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जो मौनिया बाबा समाधी स्थल के सटे डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रांगण में होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में नामचीन कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

    मेला में पर्यटन मंत्री, सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, विधायक विजय शंकर दुबे, विधायक कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह, पूर्व विधायक हेमनारायण साह, डीएम डा आदित्य प्रकाश, एसपी मनोज तिवारी, एडीएम प्रमोद कुमार राम सहित अनेक वरीय अधिकारी शिरकत करेगे।