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    पर्यावरण संरक्षण को इस बार सिवान जिले में लगेंगे सात लाख पौधे

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 04 Jun 2021 10:49 PM (IST)

    पर्यावरण के बिना हमारे जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। ऐसे में लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने व इसके सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। वर्तमान समय में जंगलों के कटने से पर्यावरण काफी असंतुलित हुआ है। हालांकि इसके संरक्षण को लेकर सरकार द्वारा भी विशेष पहल की जा रही है। प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर पौधारोपण भी किया जाता है। जिले में पर्यावरण संरक्षण के तहत पांच लाख 11 हजार एक सौ पचास पौधे लगाए गए थे। इस बार सात लाख पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है।

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    पर्यावरण संरक्षण को इस बार सिवान जिले में लगेंगे सात लाख पौधे

    सिवान । पर्यावरण के बिना हमारे जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। ऐसे में लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने व इसके सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। वर्तमान समय में जंगलों के कटने से पर्यावरण काफी असंतुलित हुआ है। हालांकि इसके संरक्षण को लेकर सरकार द्वारा भी विशेष पहल की जा रही है। प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर पौधारोपण भी किया जाता है। जिले में पर्यावरण संरक्षण के तहत पांच लाख 11 हजार एक सौ पचास पौधे लगाए गए थे। इस बार सात लाख पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है।

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    पौधारोपण के लिए सरकारी विभाग से लेकर आम लोग शामिल हैं। वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए सुदूर ग्रामीण इलाके में पौधारोपण की अलख जगाकर इसमें संतुलन लाने का प्रयास कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है। क्या कहते हैं पर्यावरण प्रेमी : अधिक से अधिक पौधे लगाकर ही जहरीली हो रही हवा की सफाई की जा सकती है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर पॉपुलर का पौधारोपण किया जा रहा है। इसकी खेती से जहां पर्यावरण सुरक्षित होता है, वहीं किसानों की आमदनी भी बढ़ती है। इससे पर्यावरण में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है। इसके साथ ही खस, मेंथॉल की खेती को लेकर जिले के लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

    हामिद खान, हसनपुरा शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोग वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए पिछले एक दशक से कार्य कर रहा हूं। वह दुर्लभ प्रजातियों के पौधे के बीजों को एकत्रित कर उन्हें उगाकर पौधारोपण करने से जहां पर्यावरण संरक्षण को बल मिला है, वहीं आम लोगों को भी इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है।

    रामधारी यादव, सिसवन।