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    44 वर्ष का सिवान, 34 डीएम व 36 पुलिस कप्तान

    सिवान । वर्ष 1972 में सिवान जिले का गठन हुआ था। अभी इसकी उम्र 44 वर्ष की है। इतनी उम्र में इस जिले न

    By Edited By: Updated: Fri, 12 Aug 2016 03:00 AM (IST)

    सिवान । वर्ष 1972 में सिवान जिले का गठन हुआ था। अभी इसकी उम्र 44 वर्ष की है। इतनी उम्र में इस जिले ने 34 डीएम व 36 एसपी को देख लिया। विकास व कानून व्यवस्था की स्थिति सुधरेगी कैसे, प्रबुद्ध लोग इस सवाल को उठा रहे हैं। नियम के मुताबिक यहां अधिकतम 15 डीएम व इतने ही एसपी होने चाहिए। कार्मिक विभाग के नियम के मुताबिक किसी भी अधिकारी की पोस्टिंग तीन वर्ष के लिए की जाती है। अधिकारियों ने दबी जुबान से स्वीकार किया कि बार-बार तबादले से विकास प्रभावित होता है। इस मुद्दे को आइएएस, आइपीएस व बिहार सेवा संवर्ग के अधिकारियों के एसोसिएशन ने सरकार के समक्ष कई बार उठाया है, लेकिन उनकी आवाज राजनीति के नक्कारखाने में तूती की साबित हुई।

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    इस जिले के गठन के साथ पहले जिलाधिकारी के रूप में केएस पाल की पोस्टिंग हुई। पहले एसपी बने बीएस श्रीनिवासन। अभी के जिलाधिकारी महेंद्र कुमार 34वें हैं तथा एसपी सौरव कुमार साह 36वें। सिर्फ दो जिलाधिकारियों ने अपना तीन साल का कार्यकाल सिवान में पूरा किय, लेकिन ऐसा सौभाग्य किसी एसपी को नहीं मिला।

    वर्ष 2005 में ही रत्ना संजय, संजय सिंह व आरएस भाटी एसपी के रूप में आए और चले गए। बी श्रीनिवासन भी 1977 में ही आए व इसी वर्ष चले भी गए। उमेश कुमार भी 2008 में आए और चले गए। अब बात जिलाधिकारी की। कई जिलाधिकारी एक साल मुकम्मल तौर पर काम नहीं कर सके। यह अलग बात है कि तैनाती व तबादले का वर्ष बदल गया। कुछ के तो वर्ष भी नहीं बदले। जिलाधिकारी के रूप में ब्रजेश मेहरोत्रा को सात जुलाई 2004 को भेजा गया, इसी वर्ष 17 दिसंबर को रुखसत कर दिया गया।

    सरकार के खिलाफ न बोलने की बाध्यता के चलते कोई अफसर कुछ बोल नहीं रहा है, लेकिन उनका मानना है कि बार-बार तबादले से विकास प्रभावित जरूर होता है। जब तक अफसर जिले को समझता है, तब तक उसका ट्रांसफर कर दिया जाता है।

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    सिवान जिला पर पुस्तक लिखने वाले शिक्षाविद व लेखक मुरलीधर शुक्ल ने बताया कि विकास के लिए अधिकारी को समुचित समय मिलना चाहिए। जबकि सिवान शुरू से ही संवेदनशील जिला रहा है। यहां डीएम व एसपी को मानक अवधि तक रहना ही चाहिए। इस जिले का दुर्भाग्य है कि यहां कुछ ही अधिकारियों ने अपना मानक कार्यकाल पूरा किया।