Mata Janaki मंदिर बनने से Punauradham में पंचतीर्थ के साथ-साथ कई पौराणिक धार्मिक स्थलों के दर्शन व पूजन का मिलेगा लाभ
Sitamarhi News जिले के पुनौराधाम में माता सीता का भव्य मंदिर बन रहा है। यह मंदिर पंचतीर्थों के दर्शन का केंद्र बनेगा। रामायण काल के कई स्थल यहाँ मौजूद हैं जिनमें हलेश्वर स्थान पुण्डरीक आश्रम रजत द्वार जानकी मंदिर और पंथपाकड़ धाम शामिल हैं। मंदिर निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह माता सीता के त्याग और साधना का प्रेरणा स्थल बनेगा।

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। Sitamarhi News : मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम में माता सीता का भव्य व दिव्य मंदिर निर्माण होने के बाद यहां पर्यटकों व तीर्थयात्रियों को पंचतीर्थ के साथ कई पौराणिक धार्मिक स्थलों के दर्शन व पूजन का लाभ मिलेगा। मां जानकी जन्मस्थली पुनौराधाम के साथ उनसे जुड़े स्थलों के भी दर्शन होंगे। नेपाल से सटे सीतामढ़ी में रामायण एवं महाभारत काल के कई प्रमुख स्थल हैं।
पंथ पाकड़ धाम में माता सीता का मंदिर। जागरण
इनमें राजा जनक द्वारा स्थापित हलेश्वर स्थान महादेव मंदिर, पुनौरा स्थित पुंडरीक ऋषि आश्रम पुंडरीकेश्वर धाम, पुनौराधाम जानकी मंदिर व सीताकुंड, नगर में स्थित रजत द्वार जानकी मंदिर व उर्विजा कुंड, विवाह के बाद माता सीता की डोली का प्रथम विश्राम स्थल सह परशुराम संवाद स्थल पंथपाकड़ धाम, दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर शामिल हैं। मां जानकी जन्मस्थली पुनौराधाम के साथ मां जानकी से जुड़े स्थलों के दर्शन और पूजन सनातन धर्मावलंबियों के लिए काफी अहम स्थान रखता है।
विरासत से अवगत हो सकेगी आने वाली पीढ़ी
पुनौराधाम के महंत कौशल किशोर दास बताते हैं कि माता सीता की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की भावना वर्षों से यहां के लोगों के मन में थी। अब जब यह सपना साकार होने जा रहा है तो यह पूरे बिहार और देश के लिए गौरव की बात है। 11 पवित्र नदियों के जल से आधारशिला रखने की परंपरा हमारी संस्कृति की पवित्रता और एकता का संदेश देती है।
यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी हमारी समृद्ध विरासत की याद दिलाएगा। यहां आनेवाले तीर्थ यात्रियों को पंचतीर्थ के साथ कई पौराणिक धार्मिक स्थलों के दर्शन पूजन का लाभ मिलेगा।
ब्रह्मलीन शंकराचार्य द्विपीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य व अखिल भारतीय आध्यात्मिक उत्थान मंडल के जिला प्रचारक विश्वदेव सहाय कहते हैं कि श्रीराम जन्मभूमि अध्योध्या में विकास के बाद अब सीता माता की जन्मभूमि का विकास पर्यटकों व तीर्थयात्रियों को यहां आकर्षित करेगा। इससे माता सीता जन्मभूमि पुनौराधाम का विकास ही नहीं होगा, एक प्रेरणा मंदिर बनेगा। जहां माता सीता के त्याग, जप, तप, साधना, ध्यान, योग, प्रार्थना, सहनशीलता व वीरता को दुनिया जानेगी।
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