सरकारी अतिक्रमण से मुक्ति कब, सड़क पर टेलीफोन-बिजली के खंभे व ट्रांसफार्मर
शहर की सड़कों से व्यावसायिक कब्जा वाला अतिक्रमण हटाने का अभियान तो शुरू हुआ मगर सरकारी अतिक्रमण कब हटेगा और कौन हटाएगा यह सवाल भी लोग उठाने लगे हैं। सीतामढ़ी शहर के अंदर मेन रोड के किनारे-किनाने टेलीफोन व बिजली के खंभे-ट्रांसफॉर्मर से भी ट्रैफिक जाम रहता है।

सीतामढ़ी । शहर की सड़कों से व्यावसायिक कब्जा वाला अतिक्रमण हटाने का अभियान तो शुरू हुआ मगर, सरकारी अतिक्रमण कब हटेगा और कौन हटाएगा यह सवाल भी लोग उठाने लगे हैं। सीतामढ़ी शहर के अंदर मेन रोड के किनारे-किनाने टेलीफोन व बिजली के खंभे-ट्रांसफॉर्मर से भी ट्रैफिक जाम रहता है। लोग पूछ रहे हैं इस ओर किसी का ध्यान क्यों नहीं है। सरकारी अतिक्रमण के चलते भी जाम की समस्या उत्पन्न होती है। शहर में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण को हटाने का श्रीगणेश किए जाने के बाद चौड़ी सड़क पर सरपट वाहन दौड़ाने के शहरवासियों के सपनों को सरकारी अतिक्रमण से भी झटका लग रहा है। टेलीफोन व बिजली के खंभों व ट्रांसफॉर्मरों से वाहनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दिया है। रफ्तार पर ब्रेक के साथ हादसे का सबब भी बना है। शहर के कई इलाकों में दो से तीन फीट तक सड़क पर बिजली विभाग का अतिक्रमण है।खंभों पर झुल रहे जर्जर बिजली के तार से बड़े हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। खंभों से किसी वाहन के टकराने से घटने वाली दुर्घटना की भयावहता से विभाग आंख मुंदे बैठा है। अगर बात करें शहर के व्यस्ततम इलाके की, तो अकेले मेहसौल चौक से कारगिल चौक की दाएं लेन में आठ ऐसे ट्रांसफार्मर लगे हैं जिससे फुटपाथ पर करीब ढ़ाई से तीन फीट अतिक्रमण हो रहा है। कई जगह टेलीफोन के और बिजली के खंभे सड़क पर ऐसी स्थिति में लगे हैं कि सुगम आवागमन बाधित हो रहा है। ऐसी जगहों पर सड़क की चौड़ाई कम हो गई है जिससे जाम का लगना स्वाभाविक है। बिजली व टेलीफोन विभाग के यह पोल वर्षों पहले खड़े किए गए जब ट्रैफिक लोड उतना अधिक नहीं हुआ करता था। यदि इन खंभों को सड़क किनारे से हटाकर सुरक्षित कर दिया जाए तो निश्चय ही सड़क की चौड़ाई बढ़ेगी और आवागमन भी सुगम हो जाएगा।
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कोट
देखिए बिजली के खंभों एवं ट्रांसफॉर्मर से अगर ट्रैफिक व्यवस्था में कहीं बाधा उत्पन्न होती है तो शिकायत मिलते ही उसपर कार्रवाई होगी। लेकिन, ये शिकायत नगर निगम की ओर से आनी चाहिए। मगर, अभी तक ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। हां, अगर, निजी तौर पर अगर कोई आपत्ति करता है तो उसको शिफ्टिग के लिए खर्च वहन करना पड़ेगा। वैसे विभाग की नजर में ऐसा कहीं जरूरत महसूस नहीं किया गया है कि खंभों या ट्रांसफॉर्मर को इधर-उधर किया जाए। कुंदन कुमार, कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, सीतामढ़ी।
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