पूर्व मंत्री शाहिद अली खान के निधन पर शोक की लहर
पूर्व मंत्री शाहिद अली खान के निधन की खबर जिले में पहुंचते ही शोक की लहर दौड़ गई। दूसरे चुनाव में भी सीतामढ़ी विधानसभा क्षेत्र से जनता दल के टिकट पर विजयी हुए।
सीतामढ़ी । पूर्व मंत्री शाहिद अली खान के निधन की खबर जिले में पहुंचते ही शोक की लहर दौड़ गई।
दूसरे चुनाव में भी सीतामढ़ी विधानसभा क्षेत्र से जनता दल के टिकट पर विजयी हुए। लेकिन, कोर्ट के आदेश पर हरिशंकर प्रसाद को विजयी घोषित किया गया। बाद में हुए उप चुनाव में वे सुनील कुमार ¨पटू से पराजित हो गए। इसके बाद पुपरी से भी उपचुनाव में किस्मत आजमाया, लेकिन हार गए। 2005 के फरवरी और नवंबर में जदयू के टिकट पर पुपरी विधानसभा क्षेत्र से जीते। जदयू के टिकट पर ही 2010 में सुरसंड से विजयी हुए। 2015 में हुए चुनाव सुरसंड से हम से लड़े, लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा। वे 2014 में शिवहर लोकसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़े, लेकिन पराजित हुए। 2008 में नीतीश मंत्रीमंडल में अल्पसंख्यक कल्याण एवं साइंस टेक्नाोलॉजी मंत्री बने। इस दौरान उन्होंने सीतामढ़ी में इंजीनिय¨रग कालेज की स्वीकृति दी। मलाही, सुरसंड, जानीपुर एवं नानपुर में पॉलीटेक्निक कॉलेज की स्वीकृति दी।
शिक्षा के विकास के लिए आजीवन सजग रहे : सीतामढ़ी के अन्य राजनीतिज्ञों से अलग शाहिद अली खान आजीवन शिक्षा के विकास को लेकर सजग रहे। बातचीत में भी कार्यकर्ताओं को शिक्षित होने पर जोर देते थे। कई लोगों को उन्होंने अपने खर्च पर शिक्षित कर स्वावलंबी बनाया। व्यक्तिगत जीवन में भी उन्होंने इसे अमलीजामा पहनाया। जानीपुर में पॉलीटेक्निक कॉलेज खोलने में भूमि की बाधा आ रही थी। उन्होंने खुद पहल कर पांच एकड़ 23 डिसमिल जमीन खरीदकर कॉलेज को दान किया। इस तरह वहां कॉलेज खुलने का मार्ग प्रशस्त हुआ। उनकी इच्छा थी कि पुपरी में डिग्री कॉलेज खुले। इसके लिए जमीन की तलाश हो रही थी। बछाड़पुर में तीन एकड़ जमीन ही उपलब्ध हो सकी। डिग्री कॉलेज के लिए पांच एकड़ जमीन की जरूरत थी। मन मसोस कर उन्होंने बछाड़पुर में बीएड कॉलेज की आधारशिला रखी। कॉलेज निर्माणाधीन है और उसके संबंधन की प्रक्रिया चल रही है।
शोक संवेदनाओं का लगा तांता
पूर्व मंत्री शाहिद अली खां के निधन की खबर सुनते ही शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष विमल शुक्ला, विधान पार्षद देवेशचंद्र ठाकुर, भाजपा नेता उमेशचंद्र झा, हम के जिलाध्यक्ष रामस्नेही पांडेय, जितेंद्र झा आदि ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है और इसे अपूरणीय क्षति बताया है।
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