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    बिहार के एक और शहर में बहुत जल्द मिलने जा रहीं महानगर जैसी सुविधाएं

    By Anil Tiwari Edited By: Ajit kumar
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 01:24 PM (IST)

    Sitamarhi News: राज्य सरकार के संकल्प और कैबिनेट के निर्णय के बाद मां जानकी के शहर सीतामढ़ी का कायाकल्प होने का मार्ग प्रशस्त होता दिख रहा है। यहां सीतापुरम के रूप में नई सैटेलाइट व ग्रीनफील्ड टाउनशिप विकसित करने की योजना के मूर्त रूप लेते ही यहां भी वही सभी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी जो एक महानगर में मिलती हैं। इतना ही नहीं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में इसका विकास होने की वजह से रोजगार के अवसर भी पर्याप्त होंगे।

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    शहर और इसके आसपास में रहनेवाले लोगों को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं। सौ: मंदिर प्रशासन

    विजय कुमार, सीतामढ़ी। Bihar News : राज्य में समृद्धि लाने के लिए कानून व्यवस्था में सुधार के साथ ही साथ आर्थिक व आधारभूत संरचना का विकास भी जरूरी होता है। सरकार सीतामढ़ी में अब इसी दिशा में काम कर रही है।

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    एक ओर मां जानकी मंदिर का निर्माण किया जा रहा है तो दूसरी ओर सीतापुरम नाम से टाउनशिप विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इससे यहां की स्थिति आने वाले दशक में पूरी तरह से बदल जाएगी।

    अब वह दिन दूर नहीं जब जगत जननी मां सीता की अयोध्या की तर्ज पर भव्य व दिव्य मंदिर निर्माण के साथ सीतामढ़ी भी देश के बड़े शहरों में शुमार हो जाएगा। राज्य सरकार के संकल्प और कैबिनेट के निर्णय से मां जानकी की नगरी सीतामढ़ी भी सृजन की नई राह पर चलने को बेताब है।

    ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण आस्था के बड़े केंद्र पुनौराधाम में माता जानकी के दिव्य और भव्य मंदिर के निर्माण और शहर को सीतापुरम के रूप में विकसित किए जाने से जिले का भूगोल और आर्थिकी में भी बड़ा क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद की जा रही है।

    सीतापुरम जहां देसी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा वहीं संपूर्ण मिथिलांचल में पर्यटन का नया द्वार भी खोलेगा। इससे रोजी-रोजगार बढ़ने के साथ आस्था और श्रद्धा का महत्वपूर्ण केंद्र भी साबित होगा।

    नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में यह तय किया गया कि नौ प्रमंडल मुख्यालयों के शहर के साथ सोनपुर और सीतामढ़ी शहरों में नई सैटेलाइट और ग्रीनफील्ड टाउनशिप बनाई जाएंगी। इसका मतलब यह है कि पुराने शहरों के बाहर बिल्कुल नई, प्लांड और माडर्न बस्तियां विकसित होंगी। इससे यहां के लोगों लोगों को बेहतर आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।

    सीतापुरम में नए घर, चौड़ी सड़कें, पार्क, मार्केट, दफ्तर, बेहतर पानी-बिजली की व्यवस्था, साफ-सुथरा माहौल और आधुनिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम तैयार किया जाएगा। इस टाउनशिप का मकसद है कि शहरों में भीड़ कम हो और लोगों को नए, साफ और आरामदायक इलाके मिल सकें।

    सीतापुरम में भी शहर के नागरिकों और बाहर से आनेवाले श्रद्धालओं को आधुनिक सुविधाएं भी प्राप्त होंगी। अयोध्या की तर्ज पर यहां आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए बड़े-बड़े माल, होटल, पार्क आदि का भी निर्माण कराया जाएगा।

    मंदिर बनने व सीतापुरम् बसने से जिले के आर्थिक विकास को गति मिलेगी। रोजी-रोजगार बढ़ेगा। बताया जाता है कि दिल्ली के नज़दीक नोएडा, गुड़गांव, गाज़ियाबाद और फरीदाबाद देश के सैटेलाइट शहर ही हैं।

    इसी तरह मुंबई के प्रसिद्ध सैटेलाइट शहरों में ठाणे, डोंबिवली और नवी मुंबई शामिल हैं। कांचीपुरम, श्रीपेरंबदूर, मामल्लपुरम और तिरुवल्लूर चेन्नई के प्रमुख सैटेलाइट शहरों में से हैं। मां सीता का भव्य व दिव्य मंदिर निर्माण और सीतापुरम विकसित होने से शहर की दशा और दिशा बदल जाएगी।

    इलाके की आर्थिकी और सांस्कृतिक प्रभाव पूर्वी चम्पारण के चकिया, मधुबन तथा ढाका तक देखा जा सकेगा। सड़क व रेलवे कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ ही हवाई कनेक्टिविटी की संभावनाएं भी बढ़ेगी।

    इस तरह से देखा जाए तो इलाके को पूरी तरह से बदलने की तैयारी चल रही है। यदि तय समय सीमा का ख्याल रखा जाए तो नेपाल की सीमा से जुड़ा यह जिला आने वाले दिनों में विकसित शहर के मॉडल के रूप में सामने आएगा। 

    सीतापुरम बसाने की योजना नगर के विकास के लिए बेहतर है। इसे नगर निगम क्षेत्र में ही बसाने की योजना है। इसके धरातल पर उतरने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। साथ ही कई अन्य सुविधाओं में इजाफा होगा। इससे नगर का सर्वांगीण विकास होगा और हमारा शहर भी देश के प्रमुख शहरों में शुमार होने लगेगा।

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    आशुतोष कुमार, उप महापौर, नगर निगम सीतामढ़ी