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    Bihar Politics: पूर्व सांसद सुनील पिंटू भाजपा में लौटे, सीतामढ़ी जिले की राजनीति गरमाई

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 02:31 PM (IST)

    सीतामढ़ी के पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू ने भाजपा में वापसी की है, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है। उन्होंने पटना में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के सामने सदस्यता ग्रहण की। अटकलें हैं कि वे सीतामढ़ी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हो सकते हैं। पिंटू पारिवारिक विरासत के रूप में राजनीति में सक्रिय हैं। 2019 में जदयू से सांसद बने थे, लेकिन 2024 में टिकट न मिलने पर भाजपा में लौट आए।

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    पूर्व सांसद सुनील पिंटू

    संवाद सहयोगी, सीतामढ़ी। जिले के पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू सोमवार को एक बार फिर भाजपा में लौट हो गए। पटना में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही जिले की राजनीति भी गरमा गई है। इंटरनेट मीडिया से लेकर राजनीतिक क्षेत्र में चर्चाओं और कयासों का दौर तेजी से प्रचारित प्रसारित हो रहा है।

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    कुछ लोग उनको सीतामढ़ी विधानसभा क्षेत्र से संभावित प्रत्याशी भी बता रहे हैं, जबकि यहां से भाजपा के ही मिथिलेश कुमार मौजूदा विधायक हैं। सुनील कुमार पिंटू के समर्थक काफी उत्साह में हैं तथा इंटरनेट मीडिया पर इनके समर्थन में जमकर पोस्ट कर रहे हैं।

    बताते चलें कि पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू पारिवारिक विरासत के रूप में राजनीति में सक्रिय हैं। इनके दादा किशोरीलाल साह और इनके पिता हरिशंकर प्रसाद भी विधायक रह चुके हैं। इनके दादा वर्ष 1962 में कांग्रेस से विधायक थे। इसके बाद इनके पिता हरिशंकर प्रसाद वर्ष 1995 में भाजपा से विधायक बने।

    सीतामढ़ी विधानसभा से भाजपा से वे पहले विधायक रहे। वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में इनके पिता हरिशंकर प्रसाद को जबरन चुनाव में हरा दिया गया था। उस चुनाव में शाहिद अली खान को जीत मिली थी। इसको लेकर हरिशंकर प्रसाद सुप्रीम कोर्ट गए और विधानसभा कार्यकाल के छह माह पूर्व कोर्ट ने शाहिद अली की जीत को रद कर हरिशंकर प्रसाद को विजयी घोषित किया गया।

    वर्ष 2005 में बिहार में दो बार विधानसभा के चुनाव हुए। पहला चुनाव फरवरी और दूसरा अक्टूबर में हुआ। दोनों चुनाव में सुनील कुमार पिंटू भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। वे अपने परिवार के तीसरी पीढ़ी के सदस्य थे। फिर 2010 में भी सुनील कुमार पिंटू भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में उनकी जीत की हैट्रिक लगी।

    2010 से 2013 तक वे राज्य सरकार के पर्यटन मंत्री भी रहे। वर्ष 2015 में सुनील कुमार पिंटू को राजद प्रत्याशी सुनील कुमार ने चुनाव में हरा दिया। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में पिंटू अचानक एक राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा से जदयू में चले गए और सांसद निर्वाचित हुए। मगर, 2024 में जदयू ने उन्हें टिकट नहीं दिया और उनकी जगह देवेश चंद्र ठाकुर को टिकट दिया और वे चुनाव जीत गए। इसके बाद से पिंटू लगातार भाजपा के संपर्क में रहे।अचानक दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से भेंट करने के बाद सोमवार को पटना में भाजपा की सदस्यता हासिल की। पूर्व सांसद पिंटू ने कहा कि वे जदयू में गृहमंत्री अमित शाह के कहने पर बोरो प्लेयर के रूप में शामिल हुए थे और 2019 में यहां के सांसद बने थे। पुनः गृह मंत्री ने कहा कि आपका कार्यकाल पूरा हो चुका है। अब भाजपा में वापस लौट जाएं। आगे पार्टी का जो आदेश होगा वह करेंगे।