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    छोटे व सीमांत किसानों के लिए अच्छी खबर, किराये पर मिलेंगे कृषि उपकरण

    By Deepak Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 07:43 PM (IST)

    सीतामढ़ी जिले में छोटे किसानों को कृषि उपकरण किराये पर उपलब्ध कराने के लिए आठ हायरिंग सेंटर खुलेंगे। सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कृषि यंत्र मिलेंगे, जिससे किसान आधुनिक खेती कर सकेंगे। इन केंद्रों पर बुआई से कटाई तक के उपकरण उपलब्ध होंगे। चयनित सेंटरों को परमिट दे दिया गया है और उपकरणों की मासिक समीक्षा की जाएगी। इसका उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।

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    आठ हायरिंग सेंटर खोलने को मिली मंजूरी। फाइल फोटो

    दीपक कुमार, सीतामढ़ी।Bihar News: जिले में छोटे व सीमांत किसानों बढ़ावा देने के लिए आठ हायरिंग सेंटर खुलेंगे। इन सेंटरों से छोटे किसान फसल की बोआई से लेकर कटनी तक की कृषि मशीन किराया पर ले सकेंगे।

    प्रत्येक चयनित हायरिंग सेंटर को सरकार की ओर से अनुदानित दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इन केंद्रों के संचालन का उद्देश्य छोटे किसान बगैर महंगे उपकरण खरीदे ही किराया पर ये महंगी मशीन लेकर आधुनिक खेती में इस्तेमाल कर सकेंगे।

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    इन केंद्रों की स्थापना पर सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जा रही है। इसके लिए जिले में आठ जगह पर कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जा रहे है। इसके लिए चयन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है।

    यहां से किसान अपनी जरूरत के अनुसार विभिन्न प्रकार के पारंपरिक और आधुनिक कृषि यंत्र आसानी से भाड़े पर ले सकते हैं। जिला कृषि पदाधिकारी शांतनु कुमार ने बताया कि कई बार किसानों के पास खुद के कृषि यंत्र खरीदने की आर्थिक क्षमता नहीं होती, ऐसे में ये सेंटर उनकी मदद करेंगे। इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को खेती में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना है।

    कहां-कहां चयनित हुए हायरिंग सेंटर

    प्रखंड पंचायत ग्रुप प्रतिनिधि
    बैरगनिया पचटकीयदू शंकर राय
    बाजपट्टी मधुबन बसहा मो. हसनत
    बथनाहा डायनछपरा शुभम कुमार
    बेलसंड कंसार मोहन कुमार झा
    चोरौत बर्री बेहटा सोनलाल मंडल
    मेजरगंज कोआरी मदन विजय चंद्र झा
    परसौनी देमा गेना पासवान
    रुन्नीसैदपुर बघारी रणजीत कुमार

     

    छह साल से पहले स्थानांतरित नहीं

    कस्टम हायरिंग सेंटर अंतर्गत कृषि बैक स्थापना के लिए 10 लाख की लागत से स्थानीय फसल चक्र के अनुसार ट्रैक्टर चालित अथवा स्वचालित जुताई, बुआई, रोपनी, कटाई व थ्रेसिंग की प्रत्येक क्रियाओं का कम से कम एक-एक यंत्र क्रय करना अनिवार्य है।

    कृषि यंत्र बैंक का कोई भी कृषि यंत्र छह साल से पहले स्थानांतरित, बिक्री अथवा गिरवी नहीं रखा जाएगा। सभी पंचायत में चार लाख से लेकर 12 लाख तक अनुदान पर दिया जा रहा है।

    इसके तहत प्रगतिशील कृषक, कृषि उद्यमी व समूह के लिए दस लाख के प्रोजेक्ट कास्ट पर कस्टम हायरिंग सेंटर की भी स्थापना की जा रही है। कस्टम हायरिंग के लिए 40 प्रतिशत या अधिकतम चार लाख रुपये अनुदान के रूप में दिये जाने है।

    आवेदन 65 का, आठ को मिला परमिट

    जिले में आठ हायरिंग सेंटर के विरुद्ध कुल 65 आवेदन प्राप्त किए गए थे। ऐसे में लाटरी के माध्यम से आठ हायरिंग सेंटर के आवेदन का चयन किया गया। इसमें अनुसूचित जाति कोटे के एक व सामान्य कोटे के सात हायरिंग सेंटर शामिल है।

    चयनित हायरिंग सेंटर के ग्रूप को परमिट दे दिया गया है। कस्टम हायरिंग सेंटर में रखे गये यंत्रों की मासिक समीक्षा भी होगी। साथ ही कस्टम हायरिंग सेंटर में रखे गये यंत्रों की पुस्तिका और पंजी भी संधारित की जाएगी।

    कस्टम हायरिंग सेंटर में ट्रैक्टर, जुताई एवं मिट्टी पलटने के लिए एमबी व डिस्क प्लाउ, कल्टीवेटर, रोटावेटर, खेत में बीज एवं खाद डालने के लिये सीड कम फर्टीलाइजर, सेल्फ प्रोपेल्ड कम फर्टिलाइजर ड्रील, फसल कटाई के लिये ट्रैक्टर चालित रीपर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, फसल की कटाई व गट्ठर बनाने के लिए सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर कम बाईंडर, पौधे से दाना निकालने के लिये थ्रेसर, दवा छिड़काव के लिये पावर स्प्रेयर, नेपसेक स्प्रेरयर, डीजिटल नमी मापक यंत्र, दानों की सफाई एवं छटाई के लिए एयर क्लीनर कम ग्रेडर, मक्का की बाली से दाना निकालने के लिए मक्का डिहस्कर कम सेलर, आलू रोपाई यंत्र, हैप्पी सीडर, आदि उपकरण रखे जा सकते है।

    छोटे व सीमांत किसानों को समय पर कृषि कार्य करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से हायरिंग सेंटर संचालित करना है। यहां से छोटे किसान किराये पर कृषि उपकरण लेकर अपने खेतों में उपयोग कर सकेंगे। जिले में आठ हायरिंग सेंटर का चयन किया गया है। प्रत्येक सेंटर को कम से कम पांच कृषि यंत्र लेना अनिवार्य है।

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    -शांतनु कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, सीतामढ़ी