Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोन देने में बैंकों की सुस्ती अच्छी नहीं, सीतामढ़ी डीएम सीडी रेशियो कम होने पर सख्त

    By Deepak Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Fri, 28 Nov 2025 03:44 PM (IST)

    सीतामढ़ी के डीएम रिची पांडेय ने बैंकों के क्रेडिट-डिपाजिट अनुपात में गिरावट पर नाराज़गी जताई। उन्होंने उद्योग और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को ऋण प्रवाह बढ़ाने का निर्देश दिया। युवाओं को रोजगार देने के लिए उद्यमिता को प्रोत्साहित करने पर ज़ोर दिया गया। जिला उद्योग केंद्र में हेल्प डेस्क स्थापित करने और डेयरी व मत्स्य क्षेत्र में ऋण वितरण में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया।

    Hero Image

    क्रेडिट-डिपाजिट अनुपात में हुई गिरावट पर डीएम ने जताई नाराजगी। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। समाहरणालय स्थित विमर्श कक्ष में गुरुवार को आयोजित बैठक के दौरान डीएम रिची पांडेय ने बैकों के कार्यों की समीक्षा की। डीएम ने कहा कि जिले में उद्योग, लघु उद्योग, सेवा-आधारित उद्यम और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके मद्देनजर सभी बैंक अपनी भूमिका को गंभीरता से लेते हुए समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें। समीक्षा में क्रेडिट-डिपाजिट अनुपात (सीडी रेशियो) में जून की तुलना में सितंबर में हुई गिरावट पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। बताया गया कि जून में सीडी रेशियो 61.15 प्रतिशत था जबकि सितंबर में घटकर 57.97 प्रतिशत हो गया।

    इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 42.19 प्रतिशत और बैंक आफ बड़ौदा 46.84 प्रतिशत के प्रदर्शन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उद्योग और रोजगार सृजन तभी गति पकड़ेंगे, जब बैंक ऋण प्रवाह को बढ़ाएंगे। उन्होंने सभी बैंकों को सीडी रेशियो में ठोस सुधार लाने का निर्देश दिया।

    उद्योग एवं उद्यमिता को मिले बढ़ावा

    डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन का फोकस उद्योग एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित कर युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना है। पीएमएफएमई, पीएमईजीपी और पीएम विश्वकर्मा जैसी योजनाओं के आवेदनों का शीघ्र निष्पादन करें। लंबित पीएमएफएमई आवेदन तुरंत निपटाए जाएं।

    कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक उद्यमी को जोड़े। जिले में लघु उद्योगों का विस्तार बैंकिंग सहायता पर निर्भर है। जिले में खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, फिसरी, हस्तशिल्प और पारंपरिक कुटीर उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं हैं।

    बैंक यदि समुचित वित्तीय सहायता दें, तो जिले में छोटे और मध्यम उद्योगों का तेज़ी से विकास संभव है।कहा कि बैंक अपनी शाखाओं में उद्योग योजना से जुड़े आवेदकों की काउंसलिंग, मार्गदर्शन और दस्तावेज़ी सहायता भी प्रदान करें।

    जिला उद्योग केंद्र में बनेगा हेल्प डेस्क

    स्थानीय उद्यमियों, महिलाओं के स्व-सहायता समूहों, युवा स्टार्टअप और कारीगर समुदाय को तुरंत सहायता देने के लिए जिलाधिकारी ने जिला उद्योग केंद्र सीतामढ़ी में विशेष हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्देश दिया। कहा कि यह हेल्प डेस्क योजनाओं की जानकारी, आवेदन प्रक्रिया, बैंक ऋण मार्गदर्शन और दस्तावेजी सहायता एक ही स्थान पर उपलब्ध कराएगा। डेयरी व मत्स्य क्षेत्र से जुड़े किसानों को ऋण वितरण में तेजी लाने का निर्देश दिया गया ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके।

    इसके लिए शाखाओं को आवेदन सूची उपलब्ध कराकर सुसंगत समीक्षा करने का आदेश दिया गया। साथ ही, नीलाम पत्रवाद के अनुपालन में ढिलाई नहीं बरतने का निर्देश दिया। मौके पर एलडीएम अनिल कुमार सिंह, डीपीआरओ कमल सिंह, बैंकिंग प्रभारी अधिकारी आशुतोष श्रीवास्तव, प्रिया भारती, रिज़र्व बैंक के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।