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    सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड के दोहरीकरण को लेकर टेंडर की तारीख तय, 518 करोड़ होंगे खर्च

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 03:14 PM (IST)

    सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड के दोहरीकरण के लिए टेंडर की तारीख तय हो गई है। 518 करोड़ की इस परियोजना में 67 किलोमीटर रेलखंड का दोहरीकरण होगा। 22 जनवरी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी और 900 दिनों में काम पूरा करने का लक्ष्य है। इससे यात्री और मालगाड़ियों का आवागमन सुगम होगा, समय की बचत होगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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    सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड के दोहरीकरण को लेकर टेंडर की तारीख तय

    संवाद सूत्र, सीतामढ़ी। सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड के दोहरीकरण कार्य के लिए टेंडर की तारीख तय हो गई है। सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड के बीच 67 किलोमीटर रेलखंड का दोहरीकरण होना है। रेलवे द्वारा इस प्रोजेक्ट पर 518 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। टेंडर प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि 22 जनवरी है और परियोजना के लिए 900 दिन का समय निर्धारित किया गया है।

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    इसकी पुष्टि डिप्टी चीफ इंजीनियर अभय कुमार मिश्रा ने की है। इस परियोजना टेंडर के तहत नए प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया, प्रक्रिया की समय सीमा की मुहर लग गई है। फुट ओवरब्रिज, सर्विस बिल्डिंग, माल गोदाम, मुख्य पुल व छोटे पुलों का निर्माण किया जाएगा।

    दोहरीकरण के बाद इस रूट पर यात्री और मालगाड़ियों के आवागमन में सुविधा बढ़ेगी, समय की बचत होगी और नेपाल एवं उत्तर-पूर्व भारत के साथ कनेक्टिविटी मजबूत होगी। साथ ही, क्षेत्रीय औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

    रेलखंड के दोहरीकरण के दौरान कई आधुनिक निर्माण कार्य किए जाएंगे। इसमें नए प्लेटफार्म, फुट ओवर ब्रिज, सर्कुलेटिंग एरिया, सर्विस बिल्डिंग, माल गोदाम, मुख्य पुल और छोटे पुलों के निर्माण का कार्य शामिल है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन के आस-पास के क्षेत्रों में भी यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।

    यात्रियों को मिलेगा सीधा लाभ:

    सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड के दोहरीकरण से यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा। इस रूट पर ट्रेनों का अधिक से अधिक परिचालन संभव हो सकेगा, जिससे यात्रा समय में कमी आएगी। इसके साथ ही भीड़ भाड़ के समय ट्रेनों की लेटलतीफी की समस्या भी काफी हद तक दूर होगी।

    आर्थिक और औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा:

    परियोजना से सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। दोहरीकरण के बाद मालगाड़ियों की आवाजाही सुचारू होगी, जिससे उद्योगों और व्यापार को लाभ पहुंचेगा। क्षेत्रीय स्तर पर औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होने की संभावना जताई गई है।