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सीतामढ़ी-बापूधाम मोतिहारी भाया शिवहर रेल लाइन परियोजना ठंडे बस्ते में

सीतामढ़ी- बापूधाम मोतिहारी भाया शिवहर रेल लाइन परियोजना ठंडे बस्ते में चला गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 12:57 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 12:57 AM (IST)
सीतामढ़ी-बापूधाम मोतिहारी भाया शिवहर रेल लाइन परियोजना ठंडे बस्ते में

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी- बापूधाम मोतिहारी भाया शिवहर रेल लाइन परियोजना ठंडे बस्ते में चला गया है। इससे इस रेल परियोजना को ले क्षेत्र के लोगों में संशय की स्थिति है। बताते चले कि वर्ष 2007 में स्वीकृत सीतामढ़ी-मोतिहारी भाया शिवहर 69.9 किलो मीटर रेल लाइन का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है। इसको लेकर सीतामढ़ी, शिवहर के अलावा मोतिहारी के लोगों में क्षोभ व्याप्त है। पिछले बजट सत्र में 100 करोड़ राशि स्वीकृत होने के बाद भी सरकार की मजबूत इच्छा शक्ति के अभाव में अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है। इससे आक्रोशित लोग व युवा संगठन आंदोलनात्मक रूख अख्तियार करने के मूड में हैं। रेल सूत्रों पर भरोसा करें तो उक्त रेल खंड का दोबारा सर्वे किया गया। सर्वे फाइल अंतिम निर्णय के लिए रेलवे के वित्त विभाग में महीनों से पड़ी हुई है। इस वजह से इस रेल खंड के भूमि अधिग्रहण का काम रुका हुआ है। वहीं ग्रामीणों की मानें तो विगत 10 वर्षों में केवल सर्वे का कार्य हुआ है। हाल में एक आरटीआइ के जवाब में रेल मंत्रालय से बताया गया कि सीतामढ़ी - बापूधाम मोतिहारी भाया शिवहर रेल लाइन परियोजना में फाइनल सर्वे लोकेशन पूरा कर संबंधित विभाग को भेज दिया गया है। अभी 926.09 करोड़ का विस्तृत प्राक्कलन इस परियोजना के लिए प्राप्ति हुआ हैं .जो अभी विचाराधीन हैं। अब तक इस परियोजना में 24 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 100 करोड़ का आवंटन किया गया है। स्थानीय सामाजिक संगठन संघर्षशील युवा अधिकार मंच तथा शिवहर जनजागरण मंच का आरोप है कि शिवहर सांसद इस रेल परियोजना के लिए गंभीर नहीं हैं। सवाल उठता है कि जब परियोजना की निर्माण अवधि सुनिश्चित ही नहीं है तो परियोजना अभी भी भविष्य के गर्भ में हैं। व्यवसायी प्रकोष्ठ से जुड़े बैरगनिया निवासी मदन सर्राफ, अशोक सर्राफ, भाई ओमप्रकाश का कहना है कि आजादी के 65 साल के बाद भी बिहार के इस प्रमुख जिले में रेल सेवा का न होना बहुत ही दुखद है।

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बयान :

सीतामढ़ी- मोतिहारी रेलखंड निर्माण को लेकर दोबारा सर्वे सीतामढ़ी से शिवहर के बीच किया गया है। इसकी रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेज दी गई है।

---- विनोद कुमार, वरिष्ठ अनुभाग अभियंता, निर्माण, सीतामढ़ी बयान :

केंद्र सरकार की लचर व्यवस्था का दंश झेल रहा है सीतामढ़ी-मोतिहारी रेलखंड। अगर ऐसा नहीं होता तो अंतिम निर्णय के लिए वित्त विभाग में फाइल महीनों से रूकी नहीं रहती। रेलखंड के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया होता।

-- शत्रुध्न साहु, अध्यक्ष आम आदमी पार्टी बिहार प्रदेश।


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