Updated: Wed, 06 Aug 2025 09:49 PM (IST)
सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में 8 अगस्त को माता सीता के भव्य मंदिर का शिलान्यास होगा जो भारत के लिए गौरव का क्षण है। गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भूमि पूजन करेंगे। मंदिर निर्माण पर 882.87 करोड़ रुपए की लागत आएगी और इसे 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। अयोध्या की तर्ज पर विकसित हो रहे इस मंदिर परिसर में कई सुविधाएं होंगी।
जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। पुनौरा धाम में आठ अगस्त को ऐतिहासिक क्षण होगा, जब माता सीता के भव्य जानकी मंदिर का शिलान्यास होगा। यह मंदिर बिहार ही नहीं, पूरे भारत के लिए एक धार्मिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक गौरव का क्षण होगा। आठ अगस्त को माता सीता के दिव्य मंदिर निर्माण का शिलान्यास व भूमि पूजन गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया जाएगा।
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शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर पुनौराधाम में व्यापक तैयारी की जा रही है। पुनौराधाम मंदिर परिसर एवं कार्यक्रम स्थल पर पंडाल, साधु-संतों के ठहरने के टेंट, विद्युत व्यवस्था, पार्किंग, साज-सज्जा आदि की जा रही है। जानकी मंदिर निर्माण की लागत 882.87 करोड़ रुपए तय की गई है और इसे अगस्त 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
इस प्रोजेक्ट को अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। मंदिर का निर्माण वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनका परिवार द्वारा किया जाएगा। जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया है। मंदिर अगस्त 2028 तक तैयार हो जाएगा। वास्तुकार सोमपुरा के अनुसार, राम मंदिर से पांच फीट छोटा होगा सीता मंदिर।
इसमें दिव्य मंदिर के अलावा मंदिर परकोटा का निर्माण, माता जानकी कुंड घाट, यज्ञ मंडप एवं अनुष्ठान मंडप, प्रसाद भोग एवं रसोई घर, वेद पाठशाला एवं पुस्तकालय, तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र, भंडारा स्थल, पर्यटक सुविधा केंद्र, म्यूजियम, कैफेटेरिया एवं फूड कोर्ट, ऑडिटेरियम, मंदिर प्रवेश द्वार, टेंसाइल छतरी का निर्माण, भजन संध्या स्थल, यात्री डारमेट्री भवन, यात्री अतिथि गृह, जन सुविधाएं, ई-कार्ट स्टेशन, मिथिला हाट तथा मंदिर रोड पाथवे एवं पार्किंग निर्माण कराया जाएगा।
बिहार सरकार की योजना है कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो. रणवीर नंदन ने कहा कि आठ अगस्त केवल एक तिथि नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव, संस्कृति और नारी शक्ति की प्रतिष्ठा का महापर्व साबित होगा। इस दिन का सीधा प्रसारण राज्य भर के प्रमुख मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर किया जाएगा।
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