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    सीतामढ़ी में घटती जा रही महिला उम्मीदवारों की भागीदारी, 2025 चुनाव में किसे मिलेगी जिम्मेदारी?

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 12:09 PM (IST)

    सीतामढ़ी में महिला उम्मीदवारों की चुनावी भागीदारी में गिरावट चिंता का विषय है। राजनीतिक दलों को महिलाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। देखना होगा कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल महिला उम्मीदवारों को अधिक अवसर देते हैं या नहीं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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    अवध बिहारी उपाध्याय, सीतामढ़ी। सीतामढ़ी जिले के विधानसभा चुनाव में टिकट की दौड़ में महिलाओं की भी सशक्त दावेदारी हो रही है। जिले के आठ विधान सभा क्षेत्रों में से अभी एक मात्र परिहार से गायत्री देवी भाजपा की विधायक हैं। जबकि पूर्व में 2005 से 2015 तक दो बार-बार तीन-तीन और एक बार चार क्षेत्र से महिलाएं विधायक रह चुकी हैं।

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    इनमें नगीना देवी, डॉ रंजू गीता ,गुड्डी चौधरी, सुनीता सिंह व मंगीता देवी शामिल हैं। इनमें नगीना देवी बथनाहा, डॉ रंजू गीता बाजपट्टी, गुड्डी चौधरी व मंगीता देवी रुन्नीसैदपुर, सुनीता सिंह बेलसंड का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। 

    4 विधानसभा महिला उम्मीदवारों का जीत

    पिछले चुनाव पर गौर करें तो 2015 के चुनाव में सर्वाधिक आठ में चार विधान सभा क्षेत्र से महिलाएं प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। जिनकी संख्या 2020 में घट कर एक हो गई जिनमें एकमात्र परिहार विधानसभा से गायत्री देवी विधायक हैं। जैसे- जैसे महिला सशक्तिकरण की बात तेज हो रही है यहां महिला प्रतिनिधियों की संख्या घटती जा रही है। 

    2025 के चुनाव को लेकर परिहार विधानसभा क्षेत्र से राजद की टिकट की दौड़ में पूर्व मंत्री डॉ. रामचंद्र पूर्वे की बहु डॉ. स्मिता पूर्वे और महिला राजद की प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुखिया रितु जायसवाल में शामिल हैं। 

    टिकट के लिए लगा रही दौड़

    वहीं, बाजपट्टी विधानसभा से पूर्व मंत्री जदयू की डॉ रंजू गीता व राष्ट्रीय लोक मोर्चा की रेखा गुप्ता टिकट के लिए दौड़ लगा रही हैं। बेलसंड विधानसभा से पूर्व विधायक जदयू की सुनीता सिंह चौहान और जन सुराज से अर्पणा सिंह दौड़ लगा रही है। 

    इसके अलावा पूर्व विधायक भाजपा की नगीना देवी रीगा विधान सभा से और सुरसंड विधानसभा से पूर्व मंत्री शाहिद अली खान की पुत्री डॉ इकरा अली खान दौड़ लगा रही हैं। बताते चलें कि 2005 के विस चुनाव में महिला विधायकों की संख्या तीन थी। तब रुन्नीसैदपुर से गुड्डी देवी,बेलसंड से सुनीता सिंह चौहान और बथनाहा से नगीना देवी विधायक थीं। 

    डॉ रंजू गीता पहली बार चुनाव जीती

    लोगों को यह आशा थी कि वर्ष 2010 के चुनाव में इनकी संख्या में बढ़ोतरी होगी, पर ऐसा नहीं हो सका। 2010 के चुनाव में नगीना देवी हार गई।उस वर्ष रुन्नीसैदपुर से गुड्डी देवी,बेलसंड से सुनीता सिंह चौहान व बाजपट्टी से डॉ रंजू गीता चुनाव जीतीं थी। इसमें डॉ रंजू गीता पहली बार चुनाव जीती थी। 

    2005 की तरह 2010 में महिला विधायकों की संख्या तीन रही। अंतर सिर्फ इतना रहा कि एक नई सीट बाजपट्टी पर महिला ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हालांकि इस कमी की पूर्ति वर्ष 2015 के इस चुनाव में पूरी हो गई। 

    वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में सुनीता सिंह व डॉ. रंजू गीता के अलावा रुन्नीसैदपुर विस क्षेत्र से राजद की मंगीता देवी व परिहार से भाजपा की गायत्री देवी निर्वाचित हुई है। इस तरह दो चुनावों में तीन-तीन के बाद 2015 के चुनाव में महिला विधायकों की संख्या बढ़ कर चार हो गई। 

    2020 में केवल एक महिला उम्मीदवार को जीत

    लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में केवल गायत्री देवी ही चुनाव जीत सकी। जबकि बाजपट्टी से डॉ. रंजू गीता,बेलसंड से सुनीता सिंह चौहान और रुन्नीसैदपुर से मंगिता देवी चुनाव हार गई। 

    2025 विधानसभा चुनाव को लेकर जारी मतदाता सूची के अनुसार जिले में 24 लाख 04 हजार 659 मतदाता हैं। इनमें महिला मतदाता की संख्या 11 लाख 42 हजार 034 है। जबकि पुरुष मतदाता 13 लाख 07 हजार 580 है। 

    मतदाता सूची पुनरीक्षण के पूर्व जिले 26 लाख 27 हजार 133 मतदाता थे।इनमें 12 लाख 41 हजार 91 महिला मतदाता और 13 लाख 85 हजार 986 मतदाता थे। अब देखना है कि टिकट की इस दौड़ में कितनी महिलाएं सफल होती है और चुनाव जीत पाती हैं।