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    सीतामढ़ी के नवोदय विद्यालय में सीनियर क्लास के बच्चे भोजन व पढ़ाई की लचर व्यवस्था को लेकर नाराज

    By Dharmendra Kumar SinghEdited By:
    Updated: Mon, 03 Oct 2022 03:08 PM (IST)

    Bihar news सीतामढ़ी में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। नवोदय विद्यालय में सीनियर क्लास के छात्र-छात्राएं घटिया भोजन व पढ़ाई की लचर व्यवस्था को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। छात्रों को आरोप है क‍ि यहां भेदभाव भी क‍िया जाता है।

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    सीतामढ़ी के खैरवी गांव स्थित नवोदय विद्यालय। फोटो-जागरण

    बथनाहा (सीतामढ़ी), जासं। बथनाहा थाना क्षेत्र में खैरवी गांव स्थित नवोदय विद्यालय में 10वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं रविवार शाम से भूख हड़ताल पर हैं। 9वीं कक्षा तक के छात्रों को दुर्गा पूजा की छुट्टी दी गई है, जबकि सीनियर क्लास के इन विद्यार्थियों को स्पेशल क्लास के नाम पर उनकी पढ़ाई के लिए रोककर रखा गया है।

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    मेनू के अनुसार नहीं म‍िल रहा भोजन

    छात्रों का आरोप है कि मेनू के अनुसार उनको भोजन नहीं मिल रहा है। खाने की गुणवत्ता बिल्कुल अच्छी नहीं है। दाल में पानी मिलाकर दिया जाता है। सब्जी भी अच्छी नहीं रहती। ये बच्चे बढ़िया भोजन नहीं मिलने से गुस्साए हुए हैं। बच्चों का कहना है कि प्रधानाचार्य से शिकायत के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है। छात्रों का यह भी आरोप है कि सिलेबस भी समय पर पूरा नहीं किया जा रहा है और अब स्पेशन क्लास के नाम पर उनको दुर्गा पूजा की छुट्टी में घर जाने से रोक दिया गया है। गांधी जयंती के दिन भी कक्षा का संचालन किया गया।

    छात्रों ने लगाया भेदभाव का आरोप

    कुछ छात्र यह भी शिकायत कर रहे हैं कि नए प्रधानाचार्य के अंदर भेदभाव की भावना है। इतना ही नहीं आंदोलनात्मक रूख अपनाने पर प्रधानाचार्य करियर खराब कर देने की धमकी भी देते हैं। ये विद्यार्थी बताते हैं कि 9वीं कक्षा तक के छात्रों को 30 सितंबर को ही छुट्टी दे दी गई। खाना-पीना छोड़ ये छात्र वरीय अधिकारियों से बात कर अपनी शिकायत करना चाहते हैं। वहीं, इस पूरे मामले में प्रधानाचार्य अंजुम अर्शी का कहना है कि छात्र थोड़े नाराज हैं। कभी-कभी तो परिवार में भी थोड़ी अनबन हो जाती है। घटिया भोजन परोसने की शिकायत को सिरे से खारिज कर देते हैं। बताते हैं कि छात्रों से बातचीत की जा रही है।

    नवरात्रि में स्पेशल क्लास को लेकर उनका तर्क है कि ये छात्र हित के लिए ही है। स्पेशल क्लास में बच्चों के अलावा शिक्षकों को भी विद्यालय में रोका गया है। इसलिए भेदभाव का कोई सवाल नहीं उठता। बहरहाल, यह पहला मौका नहीं है जब छात्र इस तरह से आरोप लगा रहे हैं। इससे पहले भी घटिया भोजन, भेदभाव आदि मुद्दों को लेकर इस स्कूल में छात्र-छात्राएं अनशन करते रहे हैं। जांच कमेटी भी बैठती रही है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ फलाफल नहीं निकलता। इस बार भी आंदोलित छात्र वरीय अधिकारियों को बुलाकर अपनी बात कहने पर आमादा हैं, मगर रविवार शाम से अभी तक कोई भी अधिकारी विद्यालय नहीं पहुंच सके हैं। मीडिया को स्कूल परिसर में जाने से रोक दिया गया है। छात्रों से बात नहीं करने दी जा रही है।