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    संघर्ष पथ पर डटे रहे तो छंटा 'झूठ' का बादल, 15 वर्ष के बाद मिली नौकरी

    By Deepak Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 04:56 PM (IST)

    Bihar News: सीतामढ़ी जिले के बैरगनिया प्रखंड की नंदबारा पंचायत स्थित बेगाही गांव निवासी संजय राम को 15 साल के संघर्ष के बाद विकास मित्र के पद पर नौकरी ...और पढ़ें

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    राजकुमार मांझी को हटाकर आवेदक संजय राम की हुई बहाली। जागरण

    जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। Bihar News: जिले के बैरगनिया प्रखंड की नंदबारा पंचायत स्थित बेगाही गांव निवासी संजय राम ने अपने 15 साल के संघर्ष के बाद आखिरकार विकास मित्र के पद पर नौकरी हासिल कर ही ली।

    संजय राम ने साल 2010 में बेगाही गांव में रिक्त विकास मित्र के पद के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अवैध रूप से महादलित बहुल क्षेत्र घोषित कर महादलित अभ्यर्थी को उक्त पद पर बहाल कर दिया गया।

    यह क्षेत्र महादलित बहुल क्षेत्र नहीं था। संजय राम ने न्याय के लिए संघर्ष शुरू कर दी। इसी बीच संजय राम की शादी हुई और इन्हें दो पुत्र व एक पुत्री भी हुआ। फिर भी न्याय नहीं मिला। इस बीच कई अधिकारी बदलते रहे।

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    आखिरकार 15 वर्ष के संघर्ष के बाद जिला स्थापना दिवस के अवसर पर इन्हें नियुक्ति पत्र मिल ही गई। संजय राम बताते हैं कि वर्ष 2010 में उक्त पद के लिए आवेदन दिया था। इस गांव में 196 परिवार उसकी जाति के थे।

    जबकि स्थानीय अधिकारी की मिलीभगत से इस गांव को महादलित (मांझी) बहुल क्षेत्र दिखाते हुए नगर परिषद के निवासी आवेदक को उक्त पद पर नियुक्त कर दिया गया। बताते हैं कि इसके विरुद्ध बीडीओ, एसडीओ से लेकर डीएम के कार्यालय का दरवाजा खटखटाते रहे।

    एक बार पहले भी एसडीओ की ओर से भी अवैध रूप से बहाल विकास मित्र की नियुक्ति रद कर दी गई थी, लेकिन आनन फानन में एक माह के बाद फिर से वह कार्य करने लगा था। बताते ही मैंने धैर्य नहीं छोड़ा और अपील करते रहे।

    लेकिन परिवार की गाड़ी चलाने की समस्या सामने खड़ी थी। मैंने पेंटिंग कर घर परिवार का चूल्हा चौका चलाता रहा और न्याय की गुहार के लिए दर दर भटकता रहा। आखिरकार डीएम रिची पांडेय के सामने जब पूरा मामला आया तो उन्होंने सुनवाई करते हुए मेरे पक्ष में फैसला सुनाया। पंद्रह साल के संघर्ष के बाद न्याय मिला है। मुझे नियुक्ति पत्र देते हुए योगदान करने का निर्देश दिया गया है। पंद्रह साल के संघर्ष के बाद मिली नौकरी से संजय व उसके परिवार में खुशी है।

    अवैध रूप से बहाली में कहीं न कहीं सिस्टम की चूक है। संजय को 15 साल के बाद न्याय मिल है। डीएम के निर्देश पर संजय को नियुक्ति पत्र दे दिया गया है। वहीं पूर्व से कार्यरत राजकुमार मांझी को हटा दिया गया है। आगे वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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    सुभाष चंद्र राजकुमार,जिला कल्याण पदाधिकारी, सीतामढ़ी