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    Parihar Vidhan Sabha: बिहार की इस सीट में तीन देवियों के बीच लड़ाई, किसके पक्ष में है समीकरण?

    By Anil TiwariEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Sun, 09 Nov 2025 09:14 AM (IST)

    बिहार के परिहार विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला रोचक होने वाला है, जहाँ तीन महिला उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए सभी पुरजोर कोशिश कर रही हैं। देखना यह है कि इस त्रिकोणीय लड़ाई में किसके पक्ष में समीकरण बैठता है और कौन बाजी मारता है।

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    परिवार विधानसभा में महिलाओं को बीच लड़ाई

    जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। सीतामढ़ी जिला की परिहार विधानसभा सीट चर्चा में है। बनते-बिगड़ते और बिखरते समीकरण के कारण चुनावी प्रेक्षकों की भी नजर है। यहां जीत के लिए घमासान में आधी आबादी की सशक्त हुंकार ने लड़ाई को रोचक बना दिया है। कुल नौ में तीन प्रमुख प्रत्याशी महिलाएं ही हैं।

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    चुनावी महासंग्राम में अपनी विरासत सुरक्षित करने के लिए उनके स्वजन भी प्रतिष्ठा की लड़ाई मानकर गुलाबी ठंड में पसीना बहा रहे। फिलहाल, इस सीट पर भाजपा की गायत्री देवी का कब्जा है। पहले यह सीट सोनबरसा का हिस्सा होती थी। परिसीमन के बाद से अस्तित्व में आई सीट पर लगातार भाजपा काबिज है।

    बदल गए समीकरण 

    गायत्री देवी के पहले उनके पति रामनरेश यादव यहां से विधायक बनते रहे। 2020 के चुनाव में गायत्री ने राजद की नेत्री और महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रहीं रितु जायसवाल को पराजित किया था। इस बार के चुनाव में गायत्री देवी की नजर हैट्रिक पर है।

    वहीं, पिछले चुनाव में रनर रहीं रितु को राजद ने बेटिकट कर दिया तो बागी बन निर्दलीय हैं। राजद ने उनके बगावती तेवर को देखते हुए पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित भी कर दिया है। अब वह खुलकर राजनीति कर रहीं और ‘परिहार भी पूर्णिया बनेगा’ का नारा देकर भाजपा-राजद से नाखुश मतदाताओं का एक अलग समीकरण बनाने में जुटी हैं।

    दूसरी ओर इस बार राजद की ओर से डा. स्मिता पूर्वे मैदान में हैं। उनके ससुर डा. रामचंद्र पूर्वे सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के बाद मंत्री पद तक पहुंचे थे। स्मिता अपने ससुर की खोई विरासत फिर से कब्जाने के लिए ताकत झोंक रही हैं।

    सोनबरसा प्रखंड क्षेत्र के परसा, इनदरवा गांव निवासी मो. जावेद व हाकिम मियां कहते हैं कि अभी कुछ तय नहीं किया है। हवा का रुख तय करेगा कि इस सीट पर किसके माथे सेहरा बंधेगा।

    एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी की जुगत में लगे हैं सभी

    इस सीट पर हर प्रत्याशी एक-दूसरे के आधार मत में सेंधमारी की कोशिश में है। रितु और स्मिता वैश्य समाज से हैं। इस समाज को भाजपा का आधार वोट बैंक माना जाता है। दोनों गठबंधन प्रत्याशियों के साथ निर्दलीय भी बराबर की दावेदारी और हकदारी जता रहे हैं।

    यादव समाज को राजद का कोर वोटर कहा जाता है, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी गायत्री देवी स्वजातीय होने के कारण इस समाज का एक बड़ा हिस्सा अपने पक्ष में मानकर चल रही हैं।

    राजद के दूसरे कोर वोटर मुसलमान अब तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि किस ओर रहेंगे। स्मिता और रितु, दोनों उन्हें अपने पक्ष में करने में जुटी हैं। सवर्ण मतदाता भी असमंजस में दिख रहे।