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    Bihar Politics: यहां आधी आबादी के महासंग्राम में पति और ससुर झोंक रहे ताकत, दिलचस्प हुआ मुकाबला

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 04:29 PM (IST)

    सीतामढ़ी के परिहार विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला दिलचस्प है। नौ उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें तीन महिलाओं के बीच कांटे की टक्कर है। एक महिला अपनी विरासत बचाने, दूसरी ससुर की विरासत वापस लाने, और तीसरी पिछली हार का बदला लेने के लिए मैदान में उतरी है। परिहार में आधी आबादी के बीच यह चुनावी जंग त्रिकोणीय होती जा रही है।

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    यहां आधी आबादी के महासंग्राम में पति और ससुर झोंक रहे ताकत

    दीपक कुमार, सीतामढ़ी। चुनावी महासंग्राम में कुछ सीटों पर हर कोई अपनी विरासत सुरक्षित करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। उसी में शामिल है- 25 परिहार विधानसभा सीट। चुनावी महासंग्राम में इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए इस बार नौ योद्धा डटे हैं। इनमें से तीन महिलाओं के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है।

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    इन तीन में एक अपने ही पति व खुद की विरासत बरकरार रखने को लेकर दम लगा रही हैं, तो दूसरी देवी अपने ससुर की खोई विरासत फिर से कब्जाने के लिए ताकत झोंक रही हैं, जबकि पिछली बार फतह से कुछ कदम ही दूर रही तीसरी महिला इस बार किला फतह करने के लिए चुनावी समर में ललकार रही हैं।

    परिहार विधानसभा की यह तस्वीर चुनावी महासमर का हॉट केक बनी है। परिहार विधानसभा अपने वजूद में आने से पहले यह सोनबरसा विधानसभा का हिस्सा हुआ करता था। सोनबरसा विधानसभा से राजद के प्रदेश अध्यक्ष रहे कद्दावर नेता डॉ. रामचंद्र पूर्वे विधायक बने और मंत्री पद तक पहुंचे, लेकिन जब यह क्षेत्र परिहार विधानसभा हुआ तो फिर पूर्वे ने अपनी किस्मत आजमाई और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

    परिहार विधानसभा से कमल के सहारे रामनरेश यादव ने फतह हासिल की। जब रामनरेश यादव पर कोर्ट का हंटर लगा तो इन्होंने अपनी पत्नी को यह विरासत थमा दी। तब से उनकी पत्नी गायत्री देवी बखूबी इस विरासत को संभाल रही हैं। इस बार फिर कमल के सहारे इस विरासत वाली सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए खुद मैदान में डटी है। उनके साथ उनके पतिदेव पूर्व विधायक रामनरेश यादव भी उन्हें जीताने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

    इधर, राजद की ओर से स्मिता गुप्ता अपने ससुर की खोई विरासत पर फिर से कब्जा जमाने के लिए लालटेन के सहारे चुनावी जंग कूद चुकी है। ससुर जी भी अपनी असफलता का बदला अपनी बहू की सफलता के सहारे लेने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं।

    उधर, पिछली बार परिहार सीट पर किला फतह करने से कुछ कदम पहले हांफ गई रितु जायसवाल एक बार फिर से इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए चुनावी रणभूमि में कूद चुकी है।

    हालांकि, इस बार लालटेन नहीं मिलने बागी बनकर अपना किस्मत आजमा रही है। इनका साथ देने पतिदेव भी कोई कसर नहीं छोड़़ रहे है। परिहार सीट के लिए मचे घमासान में आधी आबादी हुंकार भर रही है और लड़ाई रोमांचक व त्रिकोणीय बनता जा रहा है।