नीतीश सरकार ने 'सीतापुरम' के विकास को दी हरी झंडी, नई टाउनशिप से बदलेगी शहर की सूरत
नीतीश सरकार ने सीतापुरम के विकास को मंजूरी दी है, जिससे सीतामढ़ी जिले में एक नई टाउनशिप का निर्माण होगा। इस परियोजना से Sitapuram में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी और लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। सीतामढ़ी जिले में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

नीतीश कैबिनेट में सीतापुरम को हरी झंडी। फाइल फोटो
अनिल तिवारी, सीतामढ़ी। राज्य में एनडीए की नई सरकार गठित होने के साथ जगत जननी मां सीता की धरती को सजाने-संवारने और इसे नियोजित रुप से पर्यावरण सम्मत तरीके से विकसित करने की हरसंभव कोशिश धरातल पर उतारने की कवायद तेज हो गई है।
इलाके के धर्मानुरागियों और बुद्धिजीवियों की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने शहर में सीतापुरम के विकास को हरी झंडी प्रदान कर दी है। दसवीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार की मंगलवार को हुई पहली कैबिनेट की बैठक में नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव को सहर्ष मंजूरी दी गई है।
इसके तहत राज्य के नौ प्रमंडल मुख्यालयों समेत सोनपुर व सीतामढ़ी में नए सेटेलाइट व ग्रीनफिल्ड टाउनशिप विकसित करने की सैद्धांतिक सहमति देते हुए इसपर नगर विकास विभाग को काम शुरू करने के लिए कहा गया है।
पुनौराधाम में मां सीता का भव्य मंदिर
यहां बता दें कि पुनौराधाम में मां सीता का भव्य व दिव्य मंदिर निर्माण के साथ ही मां जानकी की नगरी सीतामढ़ी सृजन की नई राह पर चलने लगेगी। सीतापुरम के रूप में शहर को विकसित किए जाने के साथ ही यहां देसी-विदेशी पर्यटकों का आगमन संपूर्ण मिथिलांचल में पर्यटन का नया द्वार खोलेगा।
इससे रोजी-रोजगार बढ़ने के साथ आस्था और श्रद्धा का महत्वपूर्ण केंद्र भी साबित होगा। इसे सड़क और रेल मार्ग से जोड़ने की कवायद भी जोरों पर है। अयोध्या की तर्ज पर यहां आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए बड़े-बड़े माल, होटल, पार्क आदि का भी निर्माण कराया जाएगा।
मंदिर बनने व सीतापुरम बसने से जिले के आर्थिक विकास को गति मिलेगी। मंदिर निर्माण के साथ इस शहर की दशा और दिशा बदल जाएगी। इलाके की आर्थिकी और सांस्कृतिक प्रभाव पूर्वी चम्पारण के चकिया, मधुबन तथा ढाका तक देखा जा सकेगा।
एक्सप्रेस वे से जोड़ने का चल रहा काम
मां जानकी की धरती सीतामढ़ी का सीतापुरम् (पुनौराधाम) को एक साथ तीन नए एक्सप्रेस वे जोड़ने पर काम चल रहा है। इसमें राम जानकी पथ एक्सप्रेस वे, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे शामिल हैं।
भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या से मां सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी को जोड़ने के लिए रामजानकी पथ फोरलेन होगा। उत्तरप्रदेश के बाद ,सिवान, सारण, चंपारण और शिवहर जिले से होकर यहां पहुंचनेवाली इस सड़क पर 6155 करोड़ की लागत आएगी।
वहीं, रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे के माध्यम से मां जानकी की स्थली से भगवान भोलेनाथ की नगरी देवघर महज चार घंटे में पहुंचा जा सकेगा। इसके निर्माण पर सरकार 39 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
इसके अलावा, 36 हजार करोड़ से गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे का भी निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से संबंधित विभाग को राशि भी आवंटित कर दी गई है और इस दिशा में कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है।
फिलहाल इन सड़कों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। वहीं लोक अभियोजक विमल शुक्ला ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रथम मंत्रिमंडल बैठक में छह एजेंडों में जगत जननी मां जानकी की भूमि सीतामढ़ी को विशेष रूप से सीतापुरम के रूप में विकसित करने के लिए नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देने पर मुख्यमंत्री एवं नगर विकास विभाग को बधाई दी है।
विकास का सफर शुरू हो चुका है : देवेश
सांसद देवेशचंद्र ठाकुर ने इसे मां सीता की धरती पर विकास के सफर की शुरूआत बताया और कहा कि यह एक तरह से सपने का पूरा होना मानिए। शुरू से इसको लेकर मैं हर स्तर पर आवाज उठाते रहा। आज सबकुछ पूरा होने पर आम जनता के साथ मुझे असीम प्रसन्नता हो रही है।
सीतापुरम के रूप में शहर के विकसित होने पर यहां की कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी। यहां रेल, सड़क और हवाई सेवाएं भी तेजी से बढेंगी। उन्होंने कहा कि यहां दर्जनभर धर्मशालाएं भी बनाई जानी चाहिए।
क्योंकि सक्षम पर्यटक तो होटल आदि की सुविधा ले लेंगे, लेकिन आम पर्यटक जो स्टेशनों पर ही रहन-सहन और स्नान आदि करने को विवश होते हैं, उन्हें कम कीमत पर बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी।
उन्होंने जनकनंदिनी मां सीता की धरती सीतामढ़ी के विकास पर विशेष ध्यान देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बधाई देते हुए आभार जताया है।

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