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महारानी स्थान में आनेवाले भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं माता

सीतामढ़ी। जनकपुर रोड नगर पंचायत अंतर्गत झझिहट स्थित महारानी स्थान पुपरी का प्रमुख आस्था का केंद्र है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 11:31 PM (IST)
महारानी स्थान में आनेवाले भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं माता
महारानी स्थान में आनेवाले भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं माता

सीतामढ़ी। जनकपुर रोड नगर पंचायत अंतर्गत झझिहट स्थित महारानी स्थान पुपरी का प्रमुख आस्था का केंद्र है। शहर ही नहीं आसपास के दूसरे हिस्सों से भी श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। शक्ति स्थल के नाम से मशहूर इस स्थान पर प्रतिदिन लोगों की भीड़ उमड़ती है। इतिहास : वैसे तो महारानी स्थान के स्थापना से संबंधित सही समय की जानकारी नहीं है। लेकिन, बताते है कि तीन सौ साल पहले इसकी स्थापना की गई थी। मंदिर में दो गहवर है जिसके एक गहवर में माता के सात स्वरूप ब्राह्मणी, माहेश्वरी, कौमारी, बैष्णवी, बराहीं, नरसिंह एवं चामुंडा की पूजा अर्चना होती है। जबकि देवी गहवर में राजदेवी, फूलमती और दया की पूजा होती है। बताया जाता है कि स्थानीय लाल मोहम्मद नामक एक मुस्लिम तंत्र विद्या के ज्ञाता थे, उन्हें एक दिन भगवती ने स्वपन में यहां वसने की इच्छा जाहिर की। बाद में इसकी जानकारी गांव वालों को दी। इसके बाद आजादी पूर्व तत्कालीन कोलकत्ता के जमींदार जे एन बसु ने मंदिर निर्माण के लिए जमीन दी। उसके बाद यहां प्रतिमा की जगह पिड की तांत्रिक व वैदिक विधि से पूजा शुरु की गई। लेकिन लाल मोहम्मद के मृत्यु के बाद माता भगवती की पूजा पारंपरिक विधि से होती आ रही है। वर्तमान में यह आस्था का प्रमुख केंद्र है। हरदिया, झझिहट, भहमा, जैतपुर, राजबाग व पुपरी बाजार के लोगो का एक मात्र इस तरह का स्थान है। इसकी महत्ता को देखते हुए अब परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इसका संचालन स्थानीय लोगों द्वारा गठित समिति द्वारा किया जाता है। वास्तुकला : मंदिर परिसर में स्थापित भगवती व देवियों का पिड पारंपरिक व आकर्षक है। वास्तुशास्त्र, ज्योतिष व तंत्र विद्या को ध्यान में रखकर प्राचीन मंदिर का निर्माण कराया गया है। वहीं निर्माणाधीन मंदिर को आकर्षक लुक दिया जा रहा है। विशेषता : शरू से ही इस शक्ति स्थल पर भक्तों की तादाद जुटती रही है। यहां साल में चैत्र नवरात्र व वासंतिक नवरात्र पर काफी भीड़ रहती है। पूजा अर्चना से लेकर खोइंछा भरने के लिए अप्रत्याशित भीड़ रहती है। यहां वर्ष भर मांगलिक कार्य होते है। यहां पहुंचने वाले भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है। ऐसे पहुंचे मंदिर : जनकपुर रोड रेलवे स्टेशन से आधा किमी. दूरी पर पूरब में स्थापित महारानी मंदिर जाने का सुगम रास्ता है। पैदल भी लोग बड़े आराम से जा सकते हैं। इसके अलावा पुपरी-बेनीपट्टी पथ एसएच 52 के किनारे झझिहट चौक रेलवे गुमटी के समीप दक्षिण भाग में होने से आवागमन सुलभ है। इस दरबार में पहुंचने वाले हर भक्त की मुरादें पूरी होती है। यहां प्रतिदिन लोग पूजा-अर्चना व मांगलिक कार्य के लिए पहुंचते है। सुबह-शाम कुछ लोग मन की शांति के लिए घ्यान करने भी पहुंचते है। वैदिक व पारंपरिक विधि से पिडों की पूजा होती है।

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--- नारायण ठाकुर, अध्यक्ष

हरदिया, झझिहट, भहमा, पुपरी बाजार का एक मात्र भगवती स्थान है। यहां प्रतिदिन भक्त आते हैं। जो लोग जिस कामना के साथ आते हैं मैया उनकी हर मनोकामना पूरी करती है। मां की महिमा अपरंपार है। वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन समेत चार नवरात्र पर विशेष पूजा होती है।

--- रामचंद्र शर्मा, यजमान


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