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    एमएलसी रामेश्वर महतो को पावर ग्रिड के उद्घाटन में नहीं मिला न्योता, मचा बवाल

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 16 Apr 2022 12:32 AM (IST)

    सीतामढ़ी। डुमरा के परमानंदपुर में सुपर पावर ग्रिड के उद्घाटन के मौके पर एमएलसी रामेश्वर महतो को आमंत्रित नहीं किए जाने से बवाल खड़ा हो गया है। ...और पढ़ें

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    एमएलसी रामेश्वर महतो को पावर ग्रिड के उद्घाटन में नहीं मिला न्योता, मचा बवाल

    सीतामढ़ी। डुमरा के परमानंदपुर में सुपर पावर ग्रिड के उद्घाटन के मौके पर एमएलसी रामेश्वर महतो को आमंत्रित नहीं किए जाने से बवाल खड़ा हो गया है। विधान पार्षद रामेश्वर महतो ने खुद इस बात पर गहरी आपत्ति जताई है। शनिवार को सीतामढ़ी पहुंच रहे हैं और इस मसले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस करनेवाले हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं करके एक माननीय की उपेक्षा की गई है। और एक जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता के प्रतिनिधि की उपेक्षा हुई है। लिहाजा, उपर तक मामला पहुंचाकर इसपर जवाब मांगा जाएगा। जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी। पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड का यह कार्यक्रम था। महतो ने कहा कि मंच पर उनकी अनुपस्थिति देखकर जब लोगों ने और उनके समर्थकों ने फोन कर इस बारे में पूछा तो मैं हैरत में पड़ गया। अगले दिन इस कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह को फोन कर अपनी आपत्ति जताई। मंत्री ने इस बात को काफी गंभीरता से लिया और खुद से जानकारी लेने की बात कही। महतो ने कहा कि इस बात को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक भी पहुंचाएंगे। विधान पार्षद महतो के मुताबिक, उन्होंने डीएम सुनील कुमार यादव से भी इस बारे में बात की। डीएम ने उन्हें बताया कि आमंत्रित माननीयों की सूची पावर ग्रिड कारपोरेशन से ही भेजी गई थी। उस सूची में आपका नाम नहीं होने पर हमने उपर बात भी की थी। मगर, सूची में संशोधन नहीं किया गया। बोले-पावर ग्रिड कारपोरेशन ने निकाला खुन्नस महतो ने कहा कि 2008 में एमएलसी निर्वाचित हुआ। पिछले साल से देख रहा हूं कि पावर ग्रिड ने सीतामढ़ी को गोद लिया हुआ है। दरअसल, यह देश के अति पिछड़े जिलों में शामिल है। ऐसी कंपनियां जिनका वार्षिक आधार पर नेटवर्थ 500 करोड़ रुपए या अधिक अथवा टर्नओवर 1000 करोड़ रुपए या अधिक अथवा शुद्ध लाभ 5 करोड़ रुपए या अधिक हो, सीएसआर के दायरे में आती हैं। पावर ग्रिड कारपोरेश ने भी उसी निमित इस जिले को गोद लिया हुआ है। इसमें 90 लाख रुपये का एक हॉस्पीटल व 10 सामुदायिक भवन स्वीकृत हुए थे। एससी/एसटी व दिव्यांगजन के लिए बहुत सारा काम होना था। उसी सिलसिले में पावर ग्रिड कारपोरेशन के सीएमडी व मुजफ्फरपुर के हेड से सवाल-जवाब किया था। मुझे लगता है उसी बात का इन लोगों ने खुन्नस निकाला है। चूंकि, एससी/एसटी व दिव्यांगजन कमेटी का मैं सदस्य हूं इस लिहाज से उनके उत्थान के लिए बात करके पूछता रहता हूं कि उन लोगों के लिए क्या काम किया आप लोगों ने बताइए। गौरतलब है कि 2018 में एमएलसी निर्वाचित हुए। जदयू के संगठन सचिव हैं और सीतामढ़ी जिले से तालुल्क रखते हैं। इन्हें जो भी जिम्मेदारी दी गई उन्होंने निभाया। नेता के साथ-साथ बड़े उद्योगपति भी हैं।

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