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    माता जानकी का चरित्र सांस्कृतिक चेतना की केंद्रीय भावना

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 13 Dec 2018 12:12 AM (IST)

    मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और माता जानकी के विवाह के उत्सव में यूं तो नेपाल की धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी जनकपुर पिछले छह दिनों से डूबा हुआ है,

    माता जानकी का चरित्र सांस्कृतिक चेतना की केंद्रीय भावना

    सीतामढ़ी । मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और माता जानकी के विवाह के उत्सव में यूं तो नेपाल की धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी जनकपुर पिछले छह दिनों से डूबा हुआ है, लेकिन बुधवार को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के जनकपुर पहुंच कर विवाहोत्सव में शामिल होने के बाद इलाका योगीमय दिखा। चारों ओर योगी-योगी के नारे लगते रहे। बड़ी संख्या में आम जनता के अलावा दोनों देशों के श्रद्धालु योगी की झलक पाने के लिए बेताब रहे। जनकपुर एयरपोर्ट से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच योगी समेत भारतीय प्रतिनिधिमंडल की टीम नौलखा के नाम से प्रसिद्ध जानकी मंदिर जनकपुर पहुंचे। एयरपोर्ट से लेकर जनकपुर मंदिर तक लोगों ने सीएम का भव्य स्वागत किया। मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार, टीका, मंगल पाठ और आरती के बीच योगी का स्वागत किया गया। जबकि एयरपोर्ट से मंदिर आने के दौरान लोगों ने पुष्प वर्षा की। अपने स्वागत से सीएम योगी अभिभूत दिखे। सीएम ने काफी देर तक भगवान श्रीराम और माता जानकी की पूजा अर्चना की। साथ ही मत्था टेक आर्शीवाद लिया। इसके बाद मोदी प्रदेश दो सरकार की ओर से आयोजित भोज में साधु-संत और गणमान्य लोगों के साथ भाग लिया। मधेस भवन में नेपाल के वरिष्ठ राजनेताओं से भी मुलाकात की। इसके बाद बारहबीघा मैदान में आयोजित समारोह को संबोधित किया। जानकी मंदिर में आयोजित राम-सीता स्वयंवर और मंदिर समिति की ओर से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने और तकरीबन पांच घंटे तक जनकपुर में रहने के बाद योगी पटना के लिए रवाना हो गए। भगवान श्री राम विश्व में मानवीय संबंधों के सबसे प्राचीन स्त्रोत तथा आदर्श है

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    जनकपुर धाम (नेपाल) : उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि माता जानकी के बगैर राम की कल्पना नहीं है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत की पहचान ही नही अपितु विश्व में मानवीय संबंधों के सबसे प्राचीन स्त्रोत तथा आदर्श भी है। प्रभु राम की कथा केवल भारत और नेपाल ही नहीं इंडोनेसिया, मलेशिया, थाइलैंड, कंबोडिया और श्रीलंका समेत विभिन्न देशों में लोकप्रिय है। क्योकि भगवान श्रीराम ने अपने जीवन में विषम परिस्थितियों एवं कठिनाइयों का सामना करते हुए मर्यादा को स्थापित करने का सफल प्रयास किया है। जिससे प्रत्येक व्यक्ति प्रेरणा ग्रहण करता है। उनके जीवन दर्शन को हम आज भी अपनी प्रत्येक समस्या का उचित समाधान प्राप्त कर सकते है। योगी आदित्यराज बुधवार को नेपाल के जनकपुर शहर में आयोजित विवाहोत्सव के तहत बारहबीघा मैदान में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान योगी ने कहा कि माता जानकी का चरित्र हमारे क्षेत्र की सांस्कृतिक चेतना की केंद्रीय भावना है। कहा कि पूरी दुनिया में अगर हमारी संस्कृति सर्वश्रेष्ठ संस्कृति के रूप में पहचानी जाती है तो यह भगवान श्रीराम और माता जानकी द्वारा प्रस्तुत उदाहरण के कारण ही। प्रत्येक वर्ष विवाह पंचमी के अवसर पर भारत और नेपाल के हजारों श्रद्धालु जनकपुर आ कर माता जानकी और भगवान श्रीराम का दर्शन करते है और विवाह संस्कार के साक्षी बनते है। यह पर्व हमारी प्राचीन सांस्कृतिक परम्पराओं को सुदृढ़ करने के साथ ही दोनों देशों के पारिवारिक संबंधों को नवीनीकृत करता है। रामकथा भारत और नेपाल के जन-जन को एक सूत्र में बांधती है। इस रामकथा में अयोध्या धाम और जनकपुर धाम अभिन्न रूप से जुड़े है। राजा जनक और दशरथ के पारिवारिक जुड़ाव के चलते अयोध्या और जनकपुर में आपस में गहराई से जुड़े है। हमारे संबंध अति प्राचीन और गहरे तथा हमारी विरासत और परम्परा सांझी है। धर्म ही सदियों से सदाचार का प्रेरण स्त्रोत रहा है। धार्मिक कथाओं ने जनमानस को सन्मार्ग का दर्शन कराया है। मिथिला और अवध के संबंधों पर की चर्चा :

    जनकपुर धाम (नेपाल) : योगी ने कहा कि जनकपुर और अयोध्या के पौराणिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध रहे है। प्राचीन समय में जनकपुर धाम ज्ञान का केंद्र था। इस क्षेत्र के ज्ञानी और दार्शनिक विमर्श और प्रबोधन के लिए आया करते थे। भगवान बुद्ध और महावीर ने भी शाश्वत सत्य की तलाश में जनकपुर धाम की यात्रा की थी। जनकपुर धाम की मेरी यात्रा दोनों देशों की जनता द्वारा पोषित स्थायी मैत्रीपूर्ण संबंधों को दर्शाती है। कारण दोनों देशों के नजदीकी रिश्ते, भाषायी और सांस्कृतिक संबंध है। मात्र कुछ घंटे बीताने के बावजूद यहां मुढे अपने घर जैसा अनुभव हो रहा है। नेपाल और यहां की जनता का शिवावतार महायोगी गुरु योगीनाथ का निकट संबंध था। यूपी के गोरखपुर जनपद स्थित श्री गोरखनाथ मंदिर में संपन्न होने वाले खिचड़ी मेले में आज भी नेपालवासियों द्वारा खिचड़ी बनाई जाती है। कहा कि मिथिला और अवध, दोनों की संस्कृतियां अति प्राचीन है। विकास और पर्यटन पर बल, साथ चलने की अपील

    जनकपुर धाम (नेपाल) : योगी ने अयोध्या के साथ जनकपुर के विकास पर जोर दिया। कहा कि जनकपुर में पर्यटन को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास किया जा सकता है। साथ ही जनकपुर-अयोध्या के मध्य शाश्वत सम्पर्क को प्रोत्साहित किया जा सकता है। इसके मद्देनजर यूपी सरकार द्वारा राम-जानकी मार्ग के माध्यम से अयोध्या से जनकपुर तक जोड़े जाने का काम शुरू किया गया है। इस मार्ग के बन जाने से दूरी कम होगी। साथ ही हजारों हजार साल पुरानी हमारी साझी सांस्कृतिक परम्परा और विरासत का राजमार्ग खुलेगा। इससे व्यापार समेत अन्य गतिविधियां तेजी से संचालित होगी। भारत की आर्थिक प्रगति का लाभ नेपाल प्राप्त कर सके इसके लिए कनेक्टिविटी में बढोतरी जरूरी है। इसलिए हमने कनेक्टिविटी से जुड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन को पहली प्राथमिकता प्रदान की है। कनेक्टिविटी से जुड़ी यह परियोजनाएं न केवल नेपाल के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि दोनों देशों के मध्य व्यापार, निवेश तथा जन सामान्य के सुगम आवागमन के प्रति हमारी साझी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसके साथ ही दोनों देशों की कृषि संबंधी संभावनाओं के सदुपयोग के लिए भी हमें सम्मिलित प्रयास करने होंगे। दोनों देशों के प्रधान मंत्रियों ने कृषि क्षेत्र में भागीदारी की घोषणा की है। विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से कृषि विज्ञान और तकनीकी कृषि उत्पादन तथा एग्रो प्रोसे¨सग में सहयोग बढ़ाया जाएगा। दोनों देशों के बीच पर्यटन सेक्टर की संभावनाओं का सदुपयोग करने के लिए रामायण और बुद्धिस्ट सर्किट के विकास पर सक्रियता से काम करना होगा। अयोध्या-जनकपुर और वाराणसी-काठमांडू के मध्य सिस्टर सिटी समझौता हस्ताक्षरित हो जाने से इस दिशा में शुरूआती कदम उठाए गए है। कहा कि इस नगरी को पर्यटन के अंतर राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित कराने के लिए काफी कार्य किया जाना शेष है। कहा कि मिथिला और अवध में सांस्कृतिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। हम इस अवसर का लाभ लेते हुए बड़ी कार्य योजना बनाएंगे। जिससे मिथिला और अवध के सांस्कृतिक पर्यटन के विकास के साथ रोजगार के अवसर भी विकसित हो। जनकपुर और अयोध्या का धार्मिक महत्व पूरे विश्व में है। दोनों देशों के धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण किया जा सकता है। जिस से पूरी दुनिया के लोग अयोध्या आए तो जनकपुर और जनकपुर आए तो अयोध्या जरूर जाए। अयोध्या के विकास पर की चर्चा

    जनकपुर धाम (नेपाल) : योगी ने कहा कि अयोध्या का समग्र विकास हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके तहत फैजाबाद जनपद का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया गया है। अयोध्या नगर निगम का गठन कर इस पावन नगरी में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। अयोध्या को केंद्र में रख कर रामायण और रामलीला सहित पवित्र धाम के विभिन्न आयामों को वैश्विक पटल पर प्रमुखता से स्थापित करने की कार्रवाई जारी है। इसके तहत ही दीपावली पर अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। अयोध्या के विकास के लिए 133 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ किया गया है। कहा कि जयनगर-कुर्था सीमा पार रेल लाइन पूर्णता की ओर अग्रसर है। उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है और यह नेपाल के साथ सर्वाधिक सीमा साझा करता है। संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत सरकार के दिशा निर्देशन में यूपी की सरकार नेपाल की प्रदेश दो की सरकार के साथ काम करने और जनता को नए युग में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। कहा कि प्रदेश दो की सरकार जो भी मदद मांगेगी यूपी की सरकार सहयोग के लिए तैयार है। क्योंकि जानकी की जन्मभूमि और राम की जन्मभूमि के बीच अटूट संबंध है। हमारे देशों की खुली सीमाएं हमारे मजबूत संबंधों का आधार

    जनकपुर धाम (नेपाल) : योगी ने कहा कि हम एक सांझी नीयती से जुड़े है। हमारे देशों की खुली सीमाएं हमारे मजबूत संबंधों का आधार है। सरहद के दोनों ओर के निवासी एक सांझी सभ्यता के सहभागी है। वर्तमान में नेपाल सुशासन और समावेशी विकास आधारित सामाजिक आर्थिक परिवर्तन के नए दौर में प्रवेश कर रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हम नए भारत के निर्माण के लिए प्रयासरत है। जिसमें समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी प्रगति का समान अवसर प्राप्त हो सके। विगत कुछ वर्षों में हम समावेशी विकास की दिशा में स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहे है। कई दशकों से भारत नेपाल के विकास का एक भरोसेमंद सहयोगी रहा है। नेपाली भाषा में संबोधन शुरू कर जीता दिल

    जनकपुर धाम (नेपाल) : जनकपुर के ऐतिहासिक बारहबीघा मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने न केवल लोगों का मन मोहा, बल्कि दिल भी जीता। योगी ने जहां सबसे पहले जय सीता मईया और जय जनक महाराज कह कर लोगों के दिल में जगह बनाई, वहीं अपना भाषा नेपाली में शुरू कर तालियां बटोरी। योगी ने भाषण की शुरूआत- तपाईहरू सबैलाई मेरो हार्दिक नमस्कार। म आज यहां सबै नेपाली दाजुभाई दीदीबहिनीहरू को लागि भारत को यशस्वी प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदीज्युको हार्दिक बधाई र शुभकामना बोकेर आएकोछु, से की। इसके बाद कहा कि -यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे जनकपुर आने और भगवान श्री राम और माता जानकी का दर्शन करने का अवसर मिला है। कहा कि वे यहां आकर धन्य हो गए। उन्होंने भाषण के दौरान नेपाल 2 की सरकार और नेपालवासियों को हार्दिक बधाई दी। प्रदेश संख्या 2 के गवर्नर रत्नेश्वर लाल कायस्थ, नेपाल के संस्कृति एवं पर्यटन तथा नागरिक उड्यन मंत्री रवींद्र प्रसाद अधिकारी, मुख्यमंत्री लाल बाबू राउत, जनकपुर के मेयर लाल किशोर साह और नेपाल में भारत के राजदूत मनजीत ¨सह पूरी के प्रति आभार जताया। मौके पर स्वामी माधवाचार्य जी महाराज, रामकृष्णजी जी महाराज, महंत सुरेश दास जी महाराज, बावन दास जी महाराज, सच्चिदानंद जी महाराज, पवन दास जी महाराज, विश्वमोहन दास जी महाराज, बृजमोहन दास जी महाराज, राघवाचार्य दास जी महाराज, शंकर दास जी महाराज, जगन्नाथ दास जी महाराज, राम कृपाल दास जी महाराज और जानकी मंदिर के मुख्य महंत राम रोशन दास जी महाराज समेत दर्जनों लोग मौजूद थे। योगी के लिए 36 प्रकार के पकवान

    जनकपुर धाम (नेपाल) : श्री रामजानकी विवाह महामहोत्सव में भाग लेने जनकपुरधाम पहुंचे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित अन्य बरातियों के लिए नेपाल प्रदेश-2 की सरकार द्वारा भोजन के लिए 36 प्रकार के व्यंजन की व्यवस्था की गई थी। इन व्यंजनों में जीरा राइस,दाल फ्राइ, मटर पनर, मिक्स भेज, कोबी फ्राइ, कचौरी/पालक पुरी, सादा रोटी, खिर, गाजरके हलुवा, सुजीके हलुवा, अमिति, बुनिया, पेडा, काला जामून, 3प्रकार की रसभरी, तछुवा (पकौडा), नेपाली अचार, राइता, पापड़, सलाद, दही, राजभोग, बदाम कतली, काजू कतली, मूंग दाल का हलवा, लालमोहन, बादाम रोल, गुलाब जामुन, क्रिम जेरी, मटर पनीर, मलाइ कोपता, बेसन गांता और गोबी मटर की सब्जी शामिल है