बाजार उप डाकघर का आठ दिन से लिक फेल, लेन-देन ठप
यह है बाजार उप डाकघर। डिजिटल इंडिया के दौर में हाईटेक होने का दंभ भरने वालों को यह डाकघर आईना दिखाने को काफी है। ...और पढ़ें

सीतामढ़ी। यह है बाजार उप डाकघर। डिजिटल इंडिया के दौर में हाईटेक होने का दंभ भरने वालों को यह डाकघर आईना दिखाने को काफी है। पिछले आठ दिनों से इस उप डाकघर का लिक फेल है। जिससे लेन-देन ठप है। उपभोक्ता व अभिकर्ता सब बेहाल-परेशान हैं। लोग अपनी जमा पूंजी व फिक्स राशि की निकासी व पैसे जमा करने को लेकर चक्कर लगा रहे हैं। युवाओं को भी इस बेजार सिस्टम का कोपभाजन बनना पड़ रहा है। किन्हीं का नियुकति पत्र अटक है तो किसी का एडमिट कार्ड। उनका कॅरियर दांव पर लग गया है। उधर, विभागीय अधिकारी बेफिक्री में हैं। उपभोक्ताओं का प्रत्येक माह का लाखों रुपये का मासिक रेकरिग जमा नहीं हो पा रहा है। डाकघर में किसी भी तरह का भुगतान या जमा की प्रक्रिया सीबीएस के इंटरनेट सिस्टम से होता है, लेकिन यह सिस्टम लगातार आठ दिनों से लिक फेल होने से जूझ रहा है। उपभोक्ताओं को किसान विकासपत्र, राष्ट्रीय बचतपत्र टीडी डिपाजिट आदि न तो नया खरीदने पर मिल रहा है और न ही पुराने का भुगतान हो रहा है। डाककर्मियों के मानें तो लिक फेल रहने से प्रतिदिन डाकघर के लाखों का ट्रांजक्शन प्रभावित हो रहा है। डाकघरों में डाक कार्य के साथ-साथ बैंकिग कार्य भी किए जाते हैं।'दैनिक जागरण'ने शुक्रवार को'ऑन द स्पॉट'इस डाकघर की पड़ताल की। कैमरे ने यहां की व्यवस्था को कैद किया। आईए जानें क्या और कैसी परेशानी से लोग जूझ रहे हैं। ऊंची दुकान, फीकी पकवान जैसा हाल
इस डाकघर की कार्य-प्रणाली की पड़ताल के लिए टीम पहुंची। तब तकरीबन डेढ़ रहे थे। विशाल भवन और साफ-सुथरे प्रांगण में यह डाकघर दूर से हाईटेक होने की गवाही दे रहा था। मगर परिसर में इक्के-दुक्के ही लोग दिखाई पड़े। अंदर प्रवेश करते ही लिक फेल होने की समस्या से हमारा सामना हुआ। फर्श टाइल्स से चमक रहे थे। शीशा के केबीन में एक कर्मचारी हाथ पर हाथ धरे बैठा नजर आया। अंदर सन्नाटा पसरा था। प्रत्येक काउंटर पर लिक फेल होने का बोर्ड लगा था। वहां बैठे कर्मी से हमने पूछ डाला। का हो भैया! लिक काम नहीं कर रहा है क्या? उसने तपाक से कहा-'काम करता तो हम यूं बैठे नहीं रहते।'जवाब था आठ दिनों से फेल है। 13 फरवरी से ये समस्या बनी हुई है। इसी दौरान एक युवक अपने काम से पहुंच आया। लिक फेल होने का बोर्ड लगा देख कोसते हुए लौट चला। यह शख्स कई दिनों से दौड़ लगा रहा है। रुपये की उसको जरूरत है। एक महिला भी पहुंची। उस महिला कि बेटी अस्पताल में भर्ती है। खाते में पैसे हैं मगर निकासी हो जाती तो इलाज खर्च निकल पाता। अस्पताल में भर्ती बेटी का इलाज पैसे के अभाव में प्रभावित हो रहा है।
डाकपाल ने रोया दुखड़ा
डाकपाल अवधेश प्रसाद अपने चेंबर की बजाय कर्मचारी कक्ष में बैठे हुए मिले। उनसे लिक फेल होने के संबंध में पूछा। लिक फेल होने से उत्पन्न समस्या से उन्होंने अवगत कराया। यह भी बताया कि लोगों का आक्रोश भी झेलना पड़ रहा है। ग्राहकों के साथ विवाद हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि डाक अधीक्षक सहित तमाम वरीय अधिकारियों को सूचित की जा चुकी है मगर समस्या यथावत है। डाकपाल ने कहा कि काम हो या न हो ड्यूटी पर उपस्थित तो रहनी होगी। सभी कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं, मगर कोई काम नहीं हो रहा है।
लिक फेल होने से आठ दिन में 2.40 करोड़ का लेन-देन हुआ प्रभावित
बाजार उप डाकघर से प्रतिदिन करीब 25-30 लाख रुपये का लेन-देन होता है। इस हिसाब से आठ दिनों में करीब 2.40 करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित है। डाक जीवन बीमा का काम पूरी तरह ठप है। इससे आठ दिनों में करीब 5 लाख राजस्व की क्षति हुई। उप डाकघर के अधीन 27 शाखा डाकघर हैं। जिनका काम भी पूरी तरह ठप है। स्पीड पोस्ट व रजिस्ट्री से आए लेटर का वितरण कार्य ठप है। इंडिया पोस्ट बैंकिग का काम भी बाधित है। मनिआर्डर का भुगतान लंबित है। डाक से आने वाली जीवन रक्षक दवाओं की डिलेवरी नहीं हो रही है। सबसे अधिक परेशान वो छात्र हैं जिनका रेलवे व अन्य विभाग का नियुक्ति पत्र उप डाकघर में आ चुका है। उन्हें मिल नहीं रहा है। 29 फरवरी को जिनके योगदान की तिथि है लिक फेल होने के चक्कर में उनका कॅरियर चौपट होने का डर सता रहा है।
कोट
डाकघर में बीएसएनएल का लिक है। उसके अधिकारियों से बात हुई है। ओएफसी केबल कट जाने से लिक फेल है। केबल की मरम्मति के बाद दुरुस्त हो जाने की बात कही जा रही है। डाकघर को उपलब्ध वैकल्पिक व्यवस्था एनएसपी 2 भी काम नहीं कर रहा है।
अधीक्षक एके झा
सहायक डाक, सीतामढ़ी।

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