शिक्षित और आत्मनिर्भर लड़कियां ही मिटाएंगी दहेज प्रथा
दहेज समाज को अपराध के अंधेरे में धकेल रहा है। दहेज लोलुपता के कारण हर साल कई नवविवाहिता इसकी बलि चढ़ जाती है। ...और पढ़ें

सीतामढ़ी। दहेज समाज को अपराध के अंधेरे में धकेल रहा है। दहेज लोलुपता के कारण हर साल कई नवविवाहिता इसकी बलि चढ़ जाती है। दहेज के कारण महिलाओं का जीना दुश्वार हो जाता है। जीवन की नई शुरुआत के स्थान पर महिलाओं को प्रताड़ना का शिकार झेलना पड़ता है। दहेज अब समाज के सभी वर्गों को अपने चंगुल में फंसा चुका है। इसके कारण कितने ही परिवार बर्बाद हो गए। इस दंश से बिहार को मुक्त कराने के लिए दैनिक जागरण की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत शनिवार को शहर के पासवान चौक स्थित द स्कॉलर हब में छात्र-छात्राओं के बीच परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्रा के साथ शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे।
दहेज मिटाने के लिए आत्मनिर्भता जरूरी
लड़कियां ही दहेज को लेकर सदैव ही पीड़ित रही है। इसका दंश ही उनके जीवन में जहर घोल रहा है। इसे मिटाने के लिए भी लड़कियों को ही आगे आना होगा। शिक्षित और आत्मनिर्भर लड़की ही इस कुरीति का प्रतिकार कर समाज में नई चेतना का संचार कर सकती है। दीपसी ने कहा कि दहेज अब शिक्षित समाज के लिए कलंक बना है। इसे मिटाने में लड़कियों के सहयोग मे प्रबुद्ध वर्ग को आगे आना होगा। अनुराधा प्रकाश, जयंती गुप्ता, अमीषा, सृष्टि, श्रुति सराफ, सीमा मंजरी, सुषमा, शिवानी आदि ने अपने विचार रखे।
शिक्षित लड़की ही दहेज :
छात्रों ने भी दहेज का विरोध करते हुए अपनी भावना व्यक्त किया। दहेज तो महज कुछ समय के लिए होती है। मगर जीवन में जहर घोल देती है। दहेज लेना है मगर वह शिक्षित लड़की के रूप में। समाज में लड़कियों को शिक्षित करने के लिए विशेष पहल की जरूरत है। मौके पर आदर्श, गीतामृत, शुभम, सचिन, शशि आदि ने अपने विचार रखे।
उपहार देने की परंपरा बन गई है कुप्रथा
शिक्षक मणिभूषण कुमार ने कहा कि दहेज के दंश से समाज को निकालना सभी लोगों का कर्तव्य और धर्म है। इससे समाज को सदैव ही हानि होती रही है। दहेज की परंपरा समावेशी समाज में लड़कियों के हिस्सेदारी को लेकर बनी थी। जिसे बाद में कुछ लोगों ने इसे कुप्रथा बना दिया है। दहेज अभिभावक के संपति में लड़की का हिस्सा है जिसे चलंत संपति के रूप में लड़की के एकाउंट में जाना था मगर लोग अपने पास रख परंपरा को बदनाम कर दिया है। अमित कुमार, पूजा कुमारी ने कहा कि
दहेज चाहे जिस रूप में हो मगर इससे होनेवाली हानि से समाज झुलस रहा है।

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