Kartika Purnima 2025: रेलवे स्टेशनों पर कार्तिक पूर्णिमा की भीड़, 100 साल बाद बना अद्भुत संयोग
सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं और छठ मनाकर लौटने वालों की भारी भीड़ है। रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, जिसमें होल्डिंग एरिया शामिल हैं। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर 100 साल बाद अद्भुत संयोग बन रहा है, जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग शामिल हैं। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है।

रेलवे स्टेशनों पर कार्तिक पूर्णिमा की भीड़
संवाद सूत्र,सीतामढ़ी। कार्तिक मास की पूर्णिमा को लेकर स्थानीय रेलवे स्टेशन पर एक तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ अपार है, तो वहीं दीपावली और छठ महापर्व को मनाकर अपने काम पर लौटने वाले परदेशियों की भी भीड़ कम नहीं है। जिस कारण दरभंगा - नरकटियागंज रेलखंड के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ज्यादा भीड़ देखी जा रही है।
छठ महापर्व मनाने के बाद दूसरे प्रदेश से आए लोग वापस काम पर जाने लगे हैं। ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशनों पर भीड़ बढ़ने लगी है। इसको देखते हुए रेलवे ने यात्रियों की सुगम यात्रा के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।
प्रमुख स्टेशनों पर विशेष होल्डिंग एरिया स्थापित
समस्तीपुर रेल मंडल के सीतामढ़ी जंक्शन सहित पूर्वांचल के 30 एवं अन्य प्रमुख स्टेशनों पर विशेष होल्डिंग एरिया स्थापित किए गए हैं। भीड़ प्रबंधन और सुव्यवस्थित आवागमन सुनिश्चित करने के लिए यह अनूठी पहल की गई है।
बिहार के सीतामढ़ी सहित प्रमुख स्टेशनों पर विशेष होल्डिंग एरिया स्थापित किए गए हैं। इसके तहत समय से पहले पहुंचने वाले यात्रियों को सुव्यवस्थित रूप से ठहराना। ट्रेन प्रस्थान के समय कतारबद्ध तरीके से प्लेटफॉर्म तक पहुंचाना।
अफरा-तफरी और भीड़भाड़ से बचाव सुनिश्चित करना है। होल्डिंग एरिया में आरामदायक बैठने की व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल और पंखे, स्वच्छ शौचालय,मोबाइल चार्जिंग पाइंट बनाया गया है। यूटीएस एवं एमयूटीएस टिकटिंग सुविधा रियल टाइम ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड, चिकित्सा सहायता बूथ, नियमित अनाउंसमेंट सिस्टम लगाया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। हीट मैपिंग तकनीक से भीड़ की लगातार निगरानी हो रही है
100 साल के बाद अद्भुत संयोग
कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन को देव दिवाली रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि देवोत्थान एकादशी पर देव उठ जाते हैं और इसके बाद वे पूर्णिमा के दिन गंगा तट पर दिवाली मनाते हैं। इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, भरणी और अश्विनी नक्षत्र का संयोग है।
इस साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन करीब 100 साल के बाद अद्भुत संयोग बन रहा है।आचार्य अवध बताते है कि इसे कार्तिक के अलावा त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन दीपदान और विष्णु पूजा का खास महत्व रहता है। इस दिन को देव दिवाली भी कहा जाता है। बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का महत्व बढ़ जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा तिथि : बुधवार, 5 नवंबर 025
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 4 नवंबर को रात्रि 10:36 बजे पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा स्नान मुहूर्त : प्रातः 4:52 से 5:44 बजे तक
पूर्णिम तिथि समाप्त : 5 नवंबर की शाम 6:48 बजे

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