चमकी बुखार से बचाव के उपाय व लक्षणों की दी गई जानकारी
सीतामढ़ी । जेई एवं एईएस की रोकथाम बचाव व जन जागरूकता को लेकर जिला निबंधन सह परामर्श कें

सीतामढ़ी । जेई एवं एईएस की रोकथाम, बचाव व जन जागरूकता को लेकर जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र में मंगलवार से आशा के लिए तीन दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आरंभ हुई। जिसका उद्टघान सिविल सर्जन डॉ. राकेश चंद्र सहाय वर्मा व जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवींद्र कुमार यादव ने संयुक्त रूप से किया। दो सत्रों में चली कार्यशाला में जिले के 17 प्रखंडों से लगभग 750 आशा ने भाग लिया। सिविल सर्जन ने आशा से कहा कि वह अपने क्षेत्र में हर घर जाकर चमकी के संदेशों को बताएं। वहीं नजर भी रखें कि बच्चों में चमकी के लक्षण आने पर तुरंत ही उसे नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। वहीं डीसीएम समरेंद्र नारायण वर्मा ने आशा की अपनी जिम्मेदारी याद दिलाते हुए कहा कि आप स्वास्थ्य की प्रथम सिपाही हैं। किसी भी कार्यक्रम और जागरूकता की सफलता की डोर आपसे ही बंधी है। ऑडियो -माध्यम से हुआ उन्मुखीकरण
डॉ रविद्र कुमार यादव ने ऑडियो विजुअल माध्यम से सभी आशा को विस्तार से मस्तिष्क ज्वर (चमकी बुखार) के लक्षण, प्राथमिक उपचार व बचाव के उपाय बताए 7 साथ ही इस हेतु व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाकर इस गंभीर बीमारी की चुनौती का मुकाबला के लिए तत्पर रहने को कहा। उन्होंने बताया कि रात में बच्चे को भूखे पेट न सुलाएं। धूप में न जाएं। बगीचे में कच्चे या जूठे फल न खाएं और चमकी बुखार के लक्षण जैसे एकाएक बुखार, चमकी या ऐंठन आना, सुस्ती या बेहोशी मानसिक असंतुलन दिखने पर तुरंत ही नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चे को एंबुलेंस या चिन्हित निजी वाहन से ले जाएं। जहां इसके इलाज के लिए दो शय्या का विशेष वार्ड तैयार है।
मौके पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आशित रंजन, डीसीएम समरेंद्र नारायण वर्मा, केयर इंडिया के डीटीएल मानस कुमार सहित सभी प्रखंड की आशा मौजूद थीं।
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