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    मां सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी के Punauradham में मंदिर निर्माण के लिए संगठनों के साथ-साथ हुए व्यक्तिगत प्रयास

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 06:35 PM (IST)

    Sitamarhi News 1973 में जानकी नवमी के अवसर पर माता जानकी जन्मोत्सव के रूप में मनाने का प्रयास हुआ था। 1978 में पहली बार बड़े स्तर पर समारोह का आयोजन किया गया था। इसमें कई बड़े चेहरे उपस्थित हुए थे। वर्षों की मांग पूरी हो रही तो हर ओर उत्साह और खुशी है। आठ अगस्त को रखी जाएगी मंदिर की आधारशिला।

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    मंदिर को इसी माडल के अनुरूप में किया जाएगा विकसित। फाइल फोटो

     अवध बिहारी उपाध्याय, सीतामढ़ी। मिथिला के रोम-रोम में मैथिली, घर-घर की बेटी तो जन-जन की जानकी। मंदिर के लिए कण-कण से उठी आवाज की गूंज आज शिखर तक है। आठ अगस्त को जगत जननी की जन्मभूमि पुनौराधाम में मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

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    यह सुखद-संयोग संगठनों के साथ दशकों से व्यक्तिगत प्रयास से आया है। ध्वनि की अनुगूंज तब और बलवती हुई, जब अयोध्या में भगवान श्रीराम अपने मंदिर में विराजे। वर्षों की लालसा आज ड्योढ़ी पर आलोकित हो रही।

    पुनौराधाम के पूर्व विधायक रामस्वरूप सिंह उर्फ भोलाबाबू ने माता सीता प्राकट्य भूमि विकास के लिए तत्कालीन सरकार से संपर्क कर पर्यटन भवन निर्माण कराने का कार्य किया तो एक दीप जला। पुंडरीक ऋषि आश्रम क्षेत्र में सीताकुंड के विकास के लिए प्रयास करते रहे। इसे जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्यजी महाराज का सान्निध्य मिला और 16 वर्षों से जानकी नवमी पर कथा की परंपरा स्थापित की।

    जगद्गुरु पुनौराधाम और मंदिर के विकास की आवाज उठाते रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी बात करते रहे। सीता रसोई के संयोजक रामशंकर शास्त्री ने माता सीता को बहन मान लिया और उनके घर के लिए संघर्ष करते रहे।

    श्री महावीर मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष रहे किशोर कुणाल से मिलकर मंदिर के निर्माण का प्रस्ताव दिया। न्यास ने प्रस्ताव पारित कर दिया व राशि भी आवंटित कर दी गई। इसी क्रम में महावीर मंदिर न्यास द्वारा सीता रसोई एवं संत निवास का निर्माण बड़ी उपलब्धि है।

    सीता आराधना मंडल के संयोजक दिनेशचंद्र द्विवेदी पुनौराधाम के विकास के लिए 1980 के दशक से जनजागरण व विचार गोष्ठी संगोष्ठी आयोजित करते रहे हैं।

    सपना हो रहा पूरा तो हर ओर हर्ष की अनुभूति

    दिनेशचंद्र कहते हैं कि 1973 में जानकी नवमी के अवसर पर जानकी जन्मोत्सव मनाने की पहल हुई थी। 1978 में पहली बार बड़े स्तर पर समारोह हुआ। तत्कालीन सांसद भोगेंद्र झा सहित सत्येंद्र नारायण सिंह, किशोरी सिन्हा की भूमिका रही।

    दरभंगा रेडियो स्टेशन, बिहार सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग के कलाकारों ने तीन दिनों तक कार्यक्रम का आयोजन किया था। सीता आराधना मंडल, मिथिला राघव परिवार, सीतामढ़ी संस्कृति मंच के अलावा अधिवक्ता सुरेश प्रसाद सिंह व रामशंकर शास्त्री कहते हैं, अगर ईमानदारी से आवाज उठाई जाए तो वह सुनी जाती है।

    पुनौराधाम में अयोध्या की तर्ज पर मंदिर निर्माण का शिलान्यास सपना साकार होने जैसा है। सीता संवाद आध्यात्मिक एवं साहित्यिक यात्रा के निदेशक आग्नेय कुमार बताते हैं कि जानकी जन्मस्थली के विकास एवं मंदिर बनने का रास्ता साफ होना गौरव की बात है।

    वर्ष 2005 में तत्कालीन डीएम अरुण भूषण प्रसाद ने पुनौराधाम जानकी मंदिर, हलेश्वर स्थान और सीता डोली स्थल पंथपाकड़ धाम का जीर्णोद्धार कराया था। इन स्थलों का प्रमाण प्रस्तुत कर केंद्र व राज्य सरकार से विकास का आग्रह किया था।

    जनप्रतिनिधियों ने भी दिया साथ

    पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू ने लोकसभा में कई बार सीता जन्मभूमि विकास के लिए आवाज उठाई थी। उन्होंने पंथपाकड़ धाम, पुनौराधाम में राशि आवंटित कर विकास कार्य कराया। वर्तमान सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने भी लोकसभा में सीता जन्मभूमि के विकास की मांग की।

    राज्यसभा सदस्य रहे प्रभात झा ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं रामभद्राचार्यजी महाराज से संपर्क कर विकास का प्रस्ताव भेजा था। भाजपा विधायक मिथिलेश कुमार ने पर्यटन मंत्री बिहार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर मंदिर निर्माण की मांग की थी।

    साधु-संतों के लिए सीता रसोई में तैयार होगा व्यंजन

    सीतामढ़ी : पुनौराधाम में आठ अगस्त को होने वाले शिलान्यास सह भूमि पूजन को उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी चल रही है। इसमें महावीर मंदिर न्यास समिति, पटना द्वारा संचालित सीता रसोई की भूमिका अग्रणी है। भूमि पूजन समारोह में शामिल होने वाले साधु-संतों के लिए सीता रसोई से व्यंजन तैयार होंगे। 500 साधु-संतों के लिए भोजन की व्यवस्था रहेगी।

    भोजन में खीर-पूड़ी और सब्जी की व्यवस्था की जा रही है। जिन्हें चीनी से परहेज है, उन साधु-संतों के लिए बिना चीनी की खीर और रोटी रहेगी। श्रद्धालुओं के बीच महावीर मंदिर द्वारा घी से तैयार नैवेद्यम लड्डू बतौर प्रसाद वितरित किया जाएगा। बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य सह महावीर मंदिर न्यास समिति सदस्य सायण कुणाल कहते हैं कि महावीर मंदिर न्यास समिति, पटना की ओर से 12 हजार लड्डू व नैवेद्यम पैकेट बांटने की व्यवस्था की जा रही है।

    सीता रसोई के संचालक रामाशंकर शास्त्री ने बताया कि भूमि पूजन में बड़ी संख्या में मिथिलांचल सहित देश के कोने-कोने से साधु संत आ रहे हैं। उनके लिए सनातनी परंपरा के तहत सात्विक भोजन की व्यवस्था होगी।