रामलला के बाद मां जानकी मंदिर निर्माण की अंतिम डेटलाइन तय, पर्यटन मंत्री ने की बड़ी घोषणा
Janaki temple construction deadline: कला संस्कृति मंत्री अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि पर्यटकों की संख्या की दृष्टि से 10वें स्थान पर चल रहे बिहार को पां ...और पढ़ें

सीतामढ़ी के 54वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करते राज्य के कला संस्कृति मंत्री अरुण शंकर प्रसाद, साथ में परिहार विधायक गायत्री देवी, रीगा विधायक वैद्यनाथ प्रसाद, जिलाधिकारी रिची पांडेय एवं अन्य।
जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। Janaki Mandir final date: राज्य के कला संस्कृति मंत्री अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि सीतामढ़ी की पावन भूमि पर सभी जिला वासियों का हार्दिक अभिनंदन और स्वागत करता हूं। जिला स्थापना दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम में सभी प्रकार के स्टॉल लगे हुए हैं।
प्रदर्शनी लगी हुई है उसका भी आप सब अवलोकन करें। 11 दिसंबर 1972 को मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी एक अलग जिला के रूप में काम करना शुरू किया और तब से लेकर आज तक लगातार सीतामढ़ी अपने विकास के पद पर आगे चल रहा है।
सीमांचल पर बसा बागमती और लखन देवी के तट पर सीतामढ़ी अवस्थित है। अधवारा समूह की कई नदियां हैं जो प्राकृतिक संपदा और सौंदर्य का प्रदर्शन करती है।

वहीं आध्यात्मिक क्षेत्र में मां जानकी की प्राकट्य स्थल (जन्मस्थली) पुनौरा धाम अपने सभी आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए मां जानकी का मंदिर सीतामढ़ी, बालेश्वर नाथ महादेव और कई ऐसे आध्यात्मिक और पर्यटक स्थल सीतामढ़ी में मौजूद हैं।
इसलिए सरकार ने राम जानकी पथ का निर्माण किया है। रामायण सर्किट बनाने का काम चल रहा है। 25 तारीख को जब अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर में ध्वजारोहण हो रहा था तब मैं इस विभाग का प्रभार ग्रहण कर रहा था।
उसी समय मेरे मन में भी तरह-तरह की बातें सीतामढ़ी को लेकर चल रही थी। मां जानकी की धरती पर 883 करोड़ का प्रोजेक्ट 42 महीने में पूरा करना हमारे लिए चुनौती जैसी है। इस प्रोजेक्ट से सीतामढ़ी विश्व मानचित्र के पटल पर वैसे ही छा जाएगा, जैसा अयोध्या में हुआ है।
मां जानकी का पुनौरा धाम में जब भव्य व दिव्य मंदिर बनकर तैयार होगा तब सीतामढ़ी एक विकसित शहर के रूप में विश्व मानचित्र पर अंकित हो जाएगा। यहां सभी प्रकार की सुविधाएं स्वयं चलकर आ जाएंगी।
मैंने भी अपने विभाग की समीक्षा में बताया कि जहां हम इतने बड़े मंदिर का निर्माण कर रहे हैं, भगवान राम के मंदिर अयोध्या से सीतामढ़ी को जोड़ रहे हैं तो स्वाभाविक है कि देश विदेश के पर्यटक आएंगे।

इससे पहले हम सीतामढ़ी में 15-20 एकड़ जमीन अधिग्रहण का काम करें ताकि उसपर एक फाइव स्टार होटल का हमलोग निर्माण कर सके। अब इसमें हमारे जिलाधिकारी रिची पांडे जी को भी आगे बढ़कर काम करना पड़ेगा। हमारे विभाग के अधिकारी भी इसपर सहमत हैं।
यहां कई प्रकार की सर्किट ग्रुप में विकसित करने की बात हो रही है। उस सब पर काम भी चल रहा है। महाबोधि कॉरिडोर से लेकर सूफी कॉरिडोर, बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट सब प्रकार के सर्किटों का निर्माण पर्यटन विभाग करेगा।
हमने विभाग को कहा है कि हम आज पर्यटकों की संख्या की दृष्टि से 10वें स्थान पर है। पांच वर्षों के अंदर देश में इसको हम कैसे पांचवें स्थान पर ले जाएंगे, इसके लिए 100 दिन का एक रोड मैप कला संस्कृति विभाग तैयार कर रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने 10वीं बार शपथ लेने के लिए गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराया है। उन्होंने इस कार्य की जिम्मेदारी हमारे विभाग को दी है। आप हम सबको इतनी ताकत दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जो विश्वास है उसपर हम लोग और हमारा विभाग खरा उतरे।
सीतामढ़ी में दो प्रमुख नदियां हैं वह दोनों नदियों का उद्गम नेपाल में और एक तो पशुपतिनाथ मंदिर से भी आगे से पहाड़ से निकाल कर आती है। बागमती जो आगे जाकर गंगा में पहुंचती और उसके दोनों तक बांधों का ऊंचीकरण, सुदृढ़ीकरण और कालीकरण हो जाएगा तो एक बड़ा काम हो जाएगा।
बाढ़ और सुखाड़ से निजात के साथ आवागमन के लिए भी वरदान हो जाएगा। मधुबनी खजौली जो मेरा गृह क्षेत्र है वहां भी जयनगर में भी कमला नदी पर 35 किलोमीटर दोनों तरफ बांधों पर यह काम हुआ है।
सीतामढ़ी के पुनौराधाम में मां जानकी का भव्य व दिव्य मंदिर निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं लगभग सारी प्रक्रिया पूरी होने के कगार पर है और संभव हुआ तो खरमास के बाद हम लोग काम करना प्रारंभ कर देंगे।
आज सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस मंच से होना है, कई प्रकार के कार्यक्रम होंगे तो हम लोग तो एक कमर्शियल ब्रेक की तरह आपके बीच में लंबे समय तक रह गए आप सबको कष्ट दिया इसलिए मैं बहुत अधिक कुछ नहीं कहते हुए सभी विधायकों और अधिकारियों का एक बार आभार प्रकट करता हूं। सभी का हृदय की गहराई से स्वागत करते हुए और मां सीता के चरणों में मस्तक देखते हुए अपनी वाणी को विराम देता हूं।

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