पुंडरीक आश्रम व तालाब होगा विकसित
महर्षि पुंडरीक की तपोस्थली पुनौराधाम का कायाकल्प होने जा रहा है।
सीतामढ़ी। महर्षि पुंडरीक की तपोस्थली पुनौराधाम का कायाकल्प होने जा रहा है। पुनौरा धाम के नजदीक पुनौरा थाने के पीछे प्राचीन विशाल तालाब जिसमें महर्षि पुण्डरीक स्थान किया करते थे, का सौंदर्यीकरण होगा। उसके घाट का जीर्णोद्धार, चारों तरफ पेवर ब्लॉक से सुंदर रोड और जगमग रोशनी का इंतजाम होगा। यह स्थल पर्यटन के ²ष्टिकोण से विकसित होगा। कहा जाता है कि यह स्थान महर्षि पुण्डरीक की तपस्थली थी। यहां पुण्डरीक ऋषि का आश्रम था जिससे इस स्थान का नाम पुण्डरीक ग्राम पड़ा जो कालान्तर में पुनौरा और सम्प्रति पुनौरा धाम के रूप में प्रचलित हुआ। महर्षि पुण्डरीक साग, मूल, फल-जो कुछ मिल जाता, उसी से शरीर निर्वाह करते हुए तीर्थाटन करने लगे। शरीर के सुख-दु:ख की उन्हें तनिक भी चिता नहीं थी, वे तो अपने प्रियतम प्रभु को पाना चाहते थे। घूमते- घूमते वे इस स्थान पर पहुंचे। यह स्थान रमणीक था, पवित्र था। अनेक पवित्र जलाशय थे। पुण्डरीक ने तालाब में स्नान किया। उनका मन यहां लग गया। यहीं रहकर अब वे भगवान का निरन्तर ध्यान करने लगे। उनका हृदय भगवान के ध्यान से आनन्दमग्न हो गया। वे हृदय में भगवान का दर्शन पाने लगे थे। पिछले सालभर से अधिक समय से यहां जिलाधिकारी का पद संभाल रहीं अभिलाषा कुमारी शर्मा गुरुवार को कोई दैविक शक्ति वहां खींच ले गई। कहा जा रहा है कि डुमरा के राजोपुर बखरी गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मत्स्य ब्ररूड बैंक के शिलान्यास कार्यक्रम के समापन के उपरांत इस रास्ते लौट रहीं जिलाधिकारी अचानक वहां रुक गई। इस स्थल के पास गाड़ी पहुंचते ही उन्होंने अचानक अपने ड्राइवर को गाड़ी रोकने का इशारा किया। वह वाहन से उतरीं तो पीछे-पीछे चल रहे अधिकारियों का काफिला भौंचक रह गया। डीएम अभिलाषा अपनी गाड़ी से सीधे उतरीं और विशाल तालाब के पास पहुंचकर वहां के वातावरण का अवलोकन करने लगीं। काफी देर तक उस तालाब को निहारती रहीं। इसके बाद डीएम ने इस स्थल के विकास का खाका खींच डाला।
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..और इस स्थल की ओर खींची चली आईं डीएम अभिलाषा जिलाधिकारी के हवाले से डीपीआरओ परिमल कुमार ने बताया कि डीएम ने डीडीसी सहित वरीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अविलंब इस प्राचीन तालाब के सौंदर्यीकरण की कार्य योजना बनाकर कार्य प्रारंभ कराएं। तालाब के चारों तरफ पेवर ब्लॉक से सुंदर रोड का निर्माण करें। तालाब की साफ-सफाई के साथ-साथ सुंदर घाटों का निर्माण का भी निर्देश जिलाधिकारी ने दिया है। प्रकाश के लिए जगमग रोशनी का इंतजाम करने को कहा है। तालाब के चारों तरफ पौधारोपण कर हरा-भरा बनाया जाएगा। तालाब में नौकायान आदि की संभावनाओं को लेकर भी कार्य योजना बनाई जा रही है । डीपीआरओ के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि यह प्राचीन तालाब महर्षि पुण्डरीक की तपस्थली रही है। कई लोक आस्था भी इस प्राचीन तालाब से जुड़ी हैं। इस तालाब के पूर्व में सूर्य मंदिर है, पश्चिम में शिव मंदिर एवं दक्षिण में मां काली का मंदिर है।
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देवर्षि नारद ने 'पद्मपुराण' में पुण्डरीक तीर्थ का किया वर्णन देवर्षि नारद 'पद्मपुराण' में पुण्डरीक तीर्थ का वर्णन करते हुए मर्यादा पुरुषोतम श्री रामचन्द्रजी से कहते हैं कि पुनौराधाम के इस आश्रम में प्रवेश मात्र से प्राणी पवित्र हो जाता है, क्योंकि यह भूमिपुत्री का अवतरण स्थान है। यहां एक रात्रि बिताने पर दूसरे जन्म में मां जानकी के सेवक और दूत बनने का सुयोग प्राप्त होता है। सीतामढ़ी शहर से लगभग पांच किलोमीटर पश्चिम में पुनौरा ग्राम है। इसका पौराणिक नाम पुण्यारण्य (पुनौराधाम) है। यह स्थान महर्षि पुण्डरीक तपोस्थली था। यहां एक राम-जानकी मंदिर और एक सीताकुण्ड है जिसका पुरातन, धार्मिक और ऐतिहासिक माहात्म्य है। कहते हैं कि यहां पुण्डरीक ऋषि का आश्रम था जिससे इस स्थान का नाम पुण्डरीक ग्राम पड़ा जो कालान्तर में पुनौरा और सम्प्रति पुनौरा धाम के रूप में प्रचलित हुआ।