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    सरकारी स्कूलों के शिक्षक मांग रहे विद्यालय पहुंचने के लिए परिवहन और आवास भत्ता

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 30 Oct 2021 12:04 AM (IST)

    सरकारी स्कूल के शिक्षक मांग रहे स्कूल पहुंचने के लिए ट्रैवलिग चार्ज और आवास भत्ता। यह डिमांड शहरी शिक्षकों की तरफ से आई है। नगर निगम एवं नगर परिषद में अवस्थित विद्यालय के शिक्षक चाहते हैं कि उनको परिवहन भत्ता मिले। आठ किमी की परिधि में अवस्थित विद्यालयों के शिक्षकों का कहना है कि हमको नियमानुसार वर्धित दर से आवास भत्ता का भुगतान भी किया जाए।

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    सरकारी स्कूलों के शिक्षक मांग रहे विद्यालय पहुंचने के लिए परिवहन और आवास भत्ता

    सीतामढ़ी । सरकारी स्कूल के शिक्षक मांग रहे स्कूल पहुंचने के लिए ट्रैवलिग चार्ज और आवास भत्ता। यह डिमांड शहरी शिक्षकों की तरफ से आई है। नगर निगम एवं नगर परिषद में अवस्थित विद्यालय के शिक्षक चाहते हैं कि उनको परिवहन भत्ता मिले। आठ किमी की परिधि में अवस्थित विद्यालयों के शिक्षकों का कहना है कि हमको नियमानुसार वर्धित दर से आवास भत्ता का भुगतान भी किया जाए। इन मांगों को लेकर अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिला और अपनी डिमांड को पूरा करवाने के लिए बाजाब्ता मांग-पत्र भी सौंपा। इतना ही नहीं शिक्षकों ने इस बात को लेकर भी जबरदस्त नाराजगी जाहिर की है कि शिक्षा विभाग के कार्यालयों में उनकी बातें अनसुनी की जाती हैं तथा शिक्षकों को बेवजह तंग-तबाह भी किया जा रहा है। इस बात को लेकर शिक्षकों ने बगावती तेवर अपनाने की चेतावनी भी दी है। संघ का प्रतिनिधिमंडल जिला सचिव दिलीप कुमार शाही के नेतृत्व में जिला शिक्षा पदाधिकारी सचिद्र कुमार एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) महेश प्रसाद सिंह से शुक्रवार को मुलाकात के बाद मीडिया के समक्ष अपनी बातें रखीं। प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष विनोद बिहारी मंडल, प्रमंडलीय सचिव ज्ञान प्रकाश 'ज्ञानू', संयुक्त सचिव द्वय संजय कर्ण एवं मुकेश कुमार, राम पुकार राय, रणधीर सिंह, मुश्ताक अहमद, अशोक यादव शामिल थे।

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    शिक्षकों का तंग-तबाह करने से बाज आएं शिक्षा विभाग के कतिपय कर्मचारी

    संघ के प्रमंडलीय सचिव ज्ञान प्रकाश ज्ञानू ने बताया कि शिक्षकों की समस्याओं के निदान हेतु एक ज्ञापन अधिकारी द्वय को सौंपा गया। कार्यालय की लचर व मनमानापूर्ण कार्य-संस्कृति पर नाराजगी प्रकट की गई। उन्हें बताया गया कि शिक्षकों को ह्रास किया जा रहा है। सेवा संबंधी कार्यों के लिए उनसे कार्यालय का चक्कर लगवाया जाता है, इसपर अंकुश लगना चाहिए। इस रवैये से शिक्षक परेशान एवं हताश हैं। जिसका सीधा प्रभाव गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य पर पड़ रहा है। कार्य-संस्कृति की शुचिता को प्रभावित करने वाले कर्मियों को चिन्हित कर दंडित भी किया जाए। शिक्षकों की ये मांगें हैं लंबित, जिनके लिए उठाई गई आवाज

    -.शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के सात अक्टूबर, 2021 के आदेश के आलोक में प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों को एमएसीपी के लिए स्वीकृत्यादेश निर्गत किया जाए।

    2. माह जनवरी एवं फरवरी 2019 की महंगाई भत्ते का भुगतान शीघ्र हो।

    3. शिक्षकों के लंबित वेतन एवं बकाया अंतर वेतन का भुगतान भी किया जाए।

    4. 34540 कोटि के शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से अर्जितावकाश की गणना कर भुगतान किया जाए।

    5. सेवानिवृत्त शिक्षकों के सेवानिवृत्ति उपादान का भुगतान सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित हो।

    6. स्नातक कला/विज्ञान व प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया यथाशीघ्र शुरू की जाए।

    7. अप्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन बंद करने वाले आदेश को निरस्त करते हुए भुगतान अविलंब शुरू हो।

    08. पांच सितंबर, 1997 से पूर्व नियुक्त उच्च योग्यताधारी शिक्षकों को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार पांच सितंबर, 1999 से प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है, शेष शिक्षकों को भी उसी तिथि से इसका लाभ मिलना चाहिए।

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