मिथिला को अलग राज्य बनाने की उठी मांग, मैथिली व मैथिल के सर्वांगीण विकास के लिए बताया गया जरूरी
बिहार के सीतामढ़ी से मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग उठी है। मैथिली और मैथिल के सर्वांगीण विकास के लिए इसे जरूरी बताया गया है। वक्ताओं ने कहा कि अलग ...और पढ़ें
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अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन में मिथिला को अलग राज्य बनाने की उठी मांग। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, सीतामढ़ी। मां जानकी जन्म भूमि पुनौराधाम के सीता प्रेक्षा गृह में आयोजित 21 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के दूसरे दिन मंगलवार को मिथिला, मैथिली, मैथिलक उत्कर्ष विषयक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। वक्ताओं का स्वागत सम्मेलन के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने किया।
उन्होंने मिथिला, मैथिली एवं मैथिल के उत्कर्ष को बनाए रखने व इसके सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य के गठन को जरूरी बताया। संचालन मणिकांत झा ने किया।
सम्मेलन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. महेंद्र नारायण राम ने कहा कि गुणात्मक रूप से मिथिला की शिक्षा व्यवस्था का उत्कर्ष हमेशा से मुखर रहता आया है, लेकिन आज की स्थिति थोड़ी भिन्न है। मैथिली के संवैधानिक अधिकार की प्राप्ति के लिए उन्होंने सांगठनिक प्रयास को तेज किए जाने को जरूरी है। कहा कि समय के साथ सिर्फ घोषणा मात्र से आह्लादित होने से हमें बचना होगा।
रघुवर मिश्र ने कहा कि मैथिली संसार की संभवत: अकेली ऐसी भाषा है, जिसके आदि काल के प्रामाणिक एवं ठोस गद्य साहित्य उपलब्ध है। इसे संवैधानिक दर्जा हासिल हुए 23 साल बीतने के बावजूद यह अब तक ना तो प्राथमिक शिक्षा का माध्यम बन पाई है और ना ही इसे राजकाज में ही यथोचित स्थान मिल पाया है जो अत्यंत चिंताजनक है। प्रवीण कुमार झा ने कहा कि आपसी मतभेद में अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए नए सिपाही तैयार नहीं होना चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि मिथिला, मैथिली और मैथिल के सर्वांगीण विकास के लिए घर-घर में जन जागरण करने को जरूरत है। मणिकांत झा ने बिहार की एकमात्र संवैधानिक भाषा मैथिली के यथोचित विकास के लिए गठित मैथिली अकादमी बंद होने की यथास्थिति पर चिंता जाहिर करते कहा कि समय पर यदि हम नहीं चेते तो, मिथिला, मैथिली व मैथिल के उत्कर्ष की अधोगति होना अवश्यंभावी है।
डॉ. ममता ठाकुर ने कहा कि मैथिली के संरक्षण व संवर्धन के लिए सबसे पहले इसे राजनैतिक कुचक्र के चंगुल से निकालना होगा। फिर अपनी शक्ति की पहचान करानी होगी। केदार नाथ कुमार ने कहा कि हमें सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वोट की राजनीति में सक्रियता बढ़ानी होगी।नीलम झा ने नेपाल एवं भारत के मैथिली की यथास्थिति का तुलनात्मक विश्लेषण किया।
उन्होंने कहा कि मैथिली की स्थिति भारत से थोड़ी अच्छी नेपाल में है। यह वहां की जनता के जागरूक होने का नतीजा है। मौके पर डॉ. महानंद ठाकुर, पंडित कमलाकांत झा, डॉ. दिलीप कुमार झा, हरे राम झा, शीतलाम्बर झा, संतोष कुमार झा, सुधीर चंद्र मिश्र, विनोद कुमार झा, प्रो चन्द्र शेखर झा बूढ़ा भाई, नवल किशोर झा समेत कई लोग उपस्थित थे।

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