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    सीतामढ़ी: कुख्यात श्याम पांडेय गिरफ्तार, आलू-प्याज व्यवसायी के मर्डर में शामिल होने का संदेह

    By Vijay K KumarEdited By: Prateek Jain
    Updated: Thu, 27 Jul 2023 08:21 PM (IST)

    मेजरगंज थाने के बेलवा पररी गांव के आलू-प्याज व्यवसायी राजीव मेहता की 24 जुलाई की शाम उनकी दुकान पर गोली मार हत्या मामले में पुलिस ने कुख्यात श्याम पांडेय को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस हत्याकांड में श्याम पांडेय पर शामिल होने का संदेह जताया है। थानाध्यक्ष लइक अहमद का कहना है कि बसबीट्टी का रहने वाला श्याम पांडेय कुख्यात अपराधी है। हत्या लूट के कई मामले दर्ज हैं।

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    सीतामढ़ी: कुख्यात श्याम पांडेय गिरफ्तार, आलू-प्याज व्यवसायी के मर्डर में शामिल होने के संदेह पर पुलिस ने दबोचा

    मेजरगंज, संवाद सहयोगी: मेजरगंज थाने के बेलवा पररी गांव के आलू-प्याज व्यवसायी राजीव मेहता की 24 जुलाई की शाम उनकी दुकान पर गोली मार हत्या मामले में पुलिस ने कुख्यात श्याम पांडेय को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस हत्याकांड में श्याम पांडेय पर शामिल होने का संदेह जताया है।

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    थानाध्यक्ष लइक अहमद का कहना है कि बसबीट्टी का रहने वाला श्याम पांडेय कुख्यात अपराधी है। हत्या, लूट के कई मामले दर्ज हैं। इसके बारे में बुधवार को सूचना मिली कि रुन्नीसैदपुर बाजार में छिपा हुआ है। एसपी मनोज कुमार तिवारी को सूचित करते हुए रुन्नीसैदपुर पुलिस के सहयोग से घेराबंदी की गई, उसे दबोच लिया गया।

    बतातें चले कि इस हत्याकांड में जो नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई है, उसमें श्याम पांडेय का नाम प्राथमिकी दर्ज कराने वाले राजीव कुमार मेहता के भाई अरविंद कुमार मेहता ने भी नहीं लिया था। अरविंद ने चार नामजद एवं तीन-चार अज्ञात को आरोपित किया है।

    कैसे पहचाना गया गोली मारने वाला बच्चा यादव का बेटा अंबुज

    दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, राजीव कुमार मेहता (35 वर्ष) बेलवा पररी गांव स्थित बांध पर टाट-कर्कट से निर्मित दुकान में आलू-प्याज का व्यवसाय करते थे। हत्या से ठीक 15 दिन पहले गांव के ही बच्चा प्रसाद यादव पिता स्व. कैलाश राय और उसके दो बेटों- मनीष कुमार, अंबुज कुमार तथा राहुल कुमार पिता शिव प्रसाद यादव ने धमकी दी थी। उन चारों को इस बात का संदेह था कि राजीव मेहता ही उनके तस्करी के धंधे के लिए पुलिस की मुखबि‍री करते हैं।

    ये चारों चीनी, सरसों तेल और अन्य खाद्य सामग्री अवैध तरीके से नेपाल भेजते थे। यही चारों का धंधा था। चारों ने दरवाजे पर जाकर बोला था कि तुम चीनी, सरसों तेल और खाद्य सामग्री प्रशासन से पकड़वा देते हो तो हम लोग तुम्हें जिंदगी से उठा देंगे। यह धमकी देकर चले वे गए।

    24 जुलाई को शाम सात बजकर पांच मिनट पर हल्ला हुआ कि राजीव कुमार मेहता को गोली मार दी गई। मृतक के भाई का कहना है कि गोली लगने की सूचना पर दौड़कर पहुंचे। वहां देखा कि भाई खून से लथपथ हैं। उनके सिर और पेट में गोली लगी थी।

    अपाचे बाइक से आए थे तीन हमलावर बदमाश

    ग्रामीण रामपुकार पासवान के भी दाहिनी हाथ में गोली लगी थी। जख्मी रामपुकार ने बताया कि लाल रंग की अपाचे बाइक से तीन बदमाश आए थे। एक व्यक्ति मोटरसाइकिल पर ही बैठा रहा, जबकि दो अपने मुंह कपड़े से बांध कर आए थे।

    एक व्यक्ति अपनी कमर से पिस्टल निकाली तभी उसके मुंह से कपड़ा हट गया। कपड़ा हटते ही अंबुज कुमार पहचान में आ गया। अरविंद का कहना है कि इन चारों के अलावा तीन-चार अन्य भी इस हत्याकांड में षड़यंत्रकारी की भूमिका में हैं।