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    Bihar Wheat Price: गेहूं के समर्थन मूल्य पर भारी बाजार भाव, सरकारी खरीदारी से भाग रहे किसान; जानिए रेट

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Fri, 23 May 2025 04:56 PM (IST)

    सीतामढ़ी जिले में गेहूं की सरकारी खरीद सुस्त है क्योंकि किसानों को बाजार में बेहतर दाम मिल रहे हैं। सरकारी समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि बाजार में भाव 2600 रुपये से अधिक है। ढुलाई खर्च भी किसानों को ही वहन करना पड़ता है जिससे वे क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने से कतरा रहे हैं। विभाग किसानों को जागरूक करने में जुटा है।

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    गेहूं के समर्थन मूल्य पर भारी बाजार भाव, सरकारी खरीदारी से भाग रहे किसान

    जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। विभाग ने जिले में गेहूं की खरीदारी भले ही पहली अप्रैल से शुरू कर दी है। जिले के चयनित 198 पैक्स व आठ व्यापार मंडल क्रय केंद्रों का सीसी भी कर दिया गया है, लेकिन इन केंद्रों पर किसान अपना गेहूं बेचनों के तैयार नहीं हो रहे हैं। कारण गेहूं का निर्धारित समर्थन मूल्य बाजार भाव से काफी कमी है।

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    यही कारण है कि 53 दिन बीतने के बाद भी अब तक मात्र 44 किसानों ने 118.1 एमटी उक्त क्रय केंद्रों पर बेचा है। पैक्स केंद्र का भंडार कक्ष अब भी पूर्व में किसानों से खरीदारी की गई धान भरा है। अब तक गेहूं की बिक्री के लिए कुल 1655 किसानों ने निबंधन कराया है।

    सरकारी दर के अनुसार, गेहूं का समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जबकि गेहूं का बाजार भाव 2600 रुपये प्रति क्विंटल के पार हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार, गेहूं खरीदारी के निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण कराने को लेकर सभी पैक्स व व्यापार मंडल क्रय केंद्र के संचालकों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया गया है। वहीं, क्रय केंद्रों पर गेहूं की बिक्री करने को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

    पैक्स केंद्रों पर गेहूं नहीं बेच रहे किसान:

    क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीदारी तो शुरू कर दी गई है, लेकिन विभिन्न पैक्स गोदाम तक किसान पहुंचने से परहेज कर रहे हैं। भूप भैरो पैक्स अध्यक्ष भोला सिंह ने बताया के कि गांव के किसानों को जागरूक किया जा रहा है। निबंधित किसानों से गेहूं की खरीदारी को लेकर अभियान चलाया गया है, लेकिन किसानों को गेहूं का समर्थन मूल्य से अधिक रुपये बाजार में ही मिल रहा है। वह भी व्यापारी किसान के दरबाजे से गेहूं ले जा रहे हैं। इससे किसानों को अधिक फायदा मिल रहा है। ऐसे में किसान क्रय केंद्रों पर गेहूं नहीं बेचना चाह रहे है।

    एक तो मूल्य कम और दूसरे में ढुलाई खर्च:

    डुमरा प्रखंड के गोसाइपुर निवासी किसान राजू कुमार, परसौनी के अमरेंद्र झा, भूप भैरो के सचिन कुमार आदि किसान बताते है कि बाजार में 2600 से अधिक कीमत पर गेहूं बिक रह है, जबकि सरकारी क्रय केंद्र पर 2425 रुपये गेहूं लिया जा रहा है। ऊपर से केंद्र पर पहुंचाने का भाड़ा भी किसान को ही देना पड़ता है, जबकि बाजार के व्यापारी किसान के घर से गेहूं ले जा रहे है। ऐसे में भाड़ा खर्च भी लगता है और सरकारी मूल्य से अधिक कीमत भी मिल रही है। ऐसे में किसान सरकारी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचकर घाटा का सौदा क्यों करें।

    गेहूं की खरीदारी शुरू है। अब तक 118.1 एमटी गेहूं की खरीदारी हुई है। किसान केंद्र तक नहीं पहुंच रहे हैं। इसके लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है। हर हाल में गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य पूर कराना है। सभी क्रय केंद्रों को एक्टिव किया जा रहा है। - अरविंद उद्धव, जिला सहकारिता पदाधिकारी, सीतामढ़ी।