बिहार में राम जानकी मार्ग बनने से धार्मिक पर्यटन को मिलेगी नई रफ्तार, 20 मीटर चौड़े फोरलेन का होगा निर्माण
सीतामढ़ी में राम जानकी पथ के निर्माण से विकास और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि इस परियोजना से राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। यह मार्ग जनकपुर को जोड़ेगा और धार्मिक स्थलों की यात्रा को सुगम बनाएगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियां प्रोत्साहित होंगी। कुल मिलाकर इन परियोजनाओं से बिहार के विकास को गति मिलेगी।

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। राम जानकी पथ के निर्माण से सीतामढ़ी के विकास को रफ्तार मिलेगा। साथ ही पर्यटन का भी विकास होगा। इसकी जानकारी भाजपा मीडिया प्रभारी रमण कुमार श्रीवास्तव ने दी है। उन्होंने कहा कि पटना में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने गोपालगंज की हामीदपुर पंचायत से सीतामढ़ी के सुरसंड, भिठ्ठा मोड़ तक प्रस्तावित राम जानकी मार्ग और गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। कहा कि केंद्र सरकार की इस सौगात से राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी।
इन सड़क परियोजनाओं से व्यापार, कृषि और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। राम जानकी मार्ग का विकास मेहरौना घाट से शुरू होकर गोपालगंज जिले की हामीदपुर पंचायत, राजा पट्टी-डुमरसन, गोलंबर, सत्तरघाट होते हुए सीतामढ़ी जिले के सुरसंड, भिट्ठा मोड़ तक प्रस्तावित है। यह मार्ग जनकपुर को भी जोड़ेगा।
राम जानकी मार्ग को 20 मीटर चौड़ा फोरलेन बनाया जाएगा, जो बिहार के मेहरौना घाट से सीवान, छपरा, मशरक, गोपालगंज के हामिदपुर गांव, राजा पट्टी, डुमरसन, गोलंबर, चकिया होते हुए सीतामढ़ी जिले तक है।
राम जानकी मार्ग विकसित होने से बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और नेपाल के धार्मिक स्थल- राम जन्मभूमि अयोध्या और माता सीता की जन्मस्थली जनकपुर तक भक्तों के लिए यात्रा सुविधाजनक हो जाएगी। इस मार्ग के बनने से क्षेत्र में पर्यटन विकास की संभावनाएं बढेंगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के महत्वपूर्ण शहर आसानी से जुड़ेंगे। यह एक्सप्रेसवे क्षेत्रीय व्यापार, उद्योग और कृषि गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा और बिहार के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत बनाएगा।
इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 568 किलोमीटर होगी, जिसमें से 417 किलोमीटर बिहार में प्रस्तावित है। गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बेतिया, मोतिहारी, पिपरकोठी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, बागडोगरा और सिलीगुड़ी का बेहतर संपर्क स्थापित होगा। दोनों परियोजनाओं से ना केवल बिहार के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी बल्कि राज्य के विकास को भी गति मिलेगा।
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